बारिश में खराब हुई धान व कपास की 3221 एकड़ का ही 12 हजार मुआवजा
जागरण संवाददाता, जींद जिले में बारिश से तबाह हुई फसलों की गिरदावरी रिपोर्ट पर उठा र
जागरण संवाददाता, जींद
जिले में बारिश से तबाह हुई फसलों की गिरदावरी रिपोर्ट पर उठा रहे हैं। अकेले जुलाना हलके में ही पांच हजार एकड़ से ज्यादा जमीन ऐसी है, जिस पर खरीफ की फसल तो तबाह हो ही गई थी, अब रबी की गेहूं की फसल पर संकट के बादल हैं। जबकि राजस्व विभाग ने रिपोर्ट में कहा है कि पूरे जिले में ही मात्र 3221 एकड़ फसल 76 से 100 प्रतिशत खराब हुई है, जिसका 12 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाएगा।
सितंबर के आखिर में हुई तेज बारिश से जुलाना हलके के कई गांवों में हजारों एकड़ में खड़ी फसल पानी में डूब गई थी। पिछले साल में बारिश में यही हाल हुआ था। बावजूद इसके प्रशासन और ¨सचाई विभाग के अधिकारियों ने कोई सबक नहीं लिया। ड्रेनों की सफाई नहीं करवाई गई और अधूरी पड़ी ड्रेनों को पूरा नहीं किया गया। इसके चलते किसानों की मेहनत पानी में हिलोरे खाती रही। खरीफ की कपास और धान की फसल पूरी तरह खराब हो जाने से हजारों किसान कर्ज तले दब गए। तब प्रदेश सरकार और अधिकारियों ने वायदा किया था कि सभी प्रभावित किसानों को मुआवजा दिया जाएगा, लेकिन अब गिरदावरी रिपोर्ट में बताया गया है कि जुलाना हलके में मात्र 1564 एकड़ में खड़ी धान और 30 एकड़ में कपास फसल 75 से 100 फीसदी खराब हुई है। सिर्फ इतनी फसल का ही 12 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाएगा। जुलाना हलके के किसानों समेत विधायक परमेंद्र ढुल ने इस गिरदावरी रिपोर्ट पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इनका कहना है कि यह रिपोर्ट जमीनी हकीकत से कोसों दूर है। प्रशासन ने जितनी फसल को 75 से 100 फीसदी दिखाया है, उससे ज्यादा जमीन पर तो गेहूं की बिजाई होना भी संभव है। ऐसे में प्रशासन यह बताए कि जिस खेतों में रबी की फसल भी नहीं होगी, वहां खरीफ की फसल कैसे हुई होगी। विधायक परमेंद्र ढुल ने तो दिन पहले यह भी कह दिया था कि प्रशासन ने गिरदावरी रिपोर्ट को दुरुस्त नहीं किया तो वह विधानसभा में मुद्दा उठाने के अलावा किसानों को साथ लेकर आंदोलन भी करेंगे।
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--धान व कपास का यह मिलेगा मुआवजा
प्रशासन ने खराब फसल की गिरदावरी रिपोर्ट चार हिस्सों में तैयार की है। 26 से 33 प्रतिशत, 34 से 50 प्रतिशत, 51 से 75 प्रतिशत और 76 से 100 प्रतिशत खराब फसलों की कैटेगरी बना दी है। इसमें धान और कपास की जो फसल 26 से 33 और 34 से 50 फीसदी खराब हुई है, उन्हें 7 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाएगा। 51 से 75 प्रतिशत तक खराब हुई फसलों का 9500 रुपये प्रति एकड़ और 76 से 100 प्रतिशत खराब फसलों का 12 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाएगा।
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--बाजरा का मुआवजा कम मिलेगा
बाजरा का एमएसपी कम है, इसलिए जिन क्षेत्रों में बाजरे की फसल खराब हुई है, उसका मुआवजा कम दिया जाएगा। 26 से 50 प्रतिशत तक खराब बाजरे का प्रति एकड़ 5500 रुपये, 51 से 75 प्रतिशत खराब होने पर 7000 रुपये और 76 से 100 प्रतिशत खराब होने पर 10 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाएगा। जींद ब्लॉक में 204 एकड़, जुलाना ब्लॉक में मात्र 6 एकड़, पिल्लूखेड़ा ब्लॉक में 22 एकड़ और सफीदों ब्लॉक में 3 एकड़ में बाजरे की फसल में 76 से 100 फीसदी नुकसान हुआ है।
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--बारिश से खराब हुई खरीफ फसल की गिरदावरी रिपोर्ट तैयार हो चुकी है। सरकार के नियमानुसार किसानों को मुआवजा दिया जाएगा। पूरे जिले में 11,523 में कपास, धान व अन्य फसलों में 25 से 100 फीसदी नुकसान हुआ है।
रामफल कटारिया, जिला राजस्व अधिकारी