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नारी की चौपाल को राष्ट्रीय फलक पर भी मिली पहचान

जागरण संवाददाता, झज्जर : जिला में नारी चौपाल आयोजित करने का प्रयोग अब राष्ट्रीय स्तर पर ध्यान

By JagranEdited By: Published: Thu, 19 Jul 2018 11:52 PM (IST)Updated: Thu, 19 Jul 2018 11:52 PM (IST)
नारी की चौपाल को राष्ट्रीय फलक पर भी मिली पहचान
नारी की चौपाल को राष्ट्रीय फलक पर भी मिली पहचान

जागरण संवाददाता, झज्जर : जिला में नारी चौपाल आयोजित करने का प्रयोग अब राष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित करने लगा है। सोशल मीडिया पर तो भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने इस मुहिम को प्रशंसनीय बताया है। राष्ट्रीय स्तर पर हरियाणा के कार्यक्रम को मिली पहचान को मुख्यमंत्री मनोहर लाल के ट्विटर हैंडल से रिट्वीट किया गया है। उपायुक्त सोनल गोयल की पहल पर आरंभ नारी चौपाल में लैंगिक असमानता को प्रदर्शित करने वाली पर्दा, दहेज व कन्या भ्रूण हत्या जैसी सामाजिक बुराइयों के प्रति एक नई चेतना नजर आने लगी है। उपायुक्त सोनल गोयल ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम के तहत लगने वाली नारी की चौपाल को सोशल मीडिया के जरिए राष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसा मिलने पर खुशी जाहिर की है।

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गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेटियों के प्रति समाज में बदलाव लाने के लिए हरियाणा की धरती से ही बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत की थी। सीएम मनोहर लाल के नेतृत्व में इस अभियान को जनआंदोलन बनाने में कोर कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने बताया कि बिगड़ते ¨लगानुपात के लिए कन्या भ्रूण हत्या एक बड़ा कारण था लेकिन भ्रूण हत्या के पीछे की वजहों का जिक्र भी होना चाहिए। उन्होंने बताया कि पर्दा के साथ-साथ बेटियों के विवाह में दहेज का लेन-देन भी एक बुराई है। समाज में फैली इन्हीं बुराइयों की वजह से कन्या भ्रूण हत्या जैसी सामाजिक कुरीतियां भी जन्म लेती है।

गोयल ने कहा कि समाज में ¨लग के आधार पर भेदभाव दशकों से एक बड़ी समस्या रहा है लेकिन शिक्षा के प्रचार प्रसार से समाज में एक तबका ऐसा भी बना जो इस भेदभाव को अभिशाप समझता है। झज्जर की बेटी मनु भाकर व मानुषी छिल्लर का दुनिया भर में नाम गर्व से लिया जाता है। उन्होंने कहा कि लैंगिक असमानता पर आधारित पर्दा व दहेज आदि प्रथाओं के खिलाफ समाज में एक जनआंदोलन खड़ा करने की आवश्यकता है। नारी की चौपाल के जरिए ही यह बात अब खुलकर समझ में आ चुकी है कि भ्रूण हत्या जैसे अपराधों व लैंगिक असमानता के लिए समाज में फैली पर्दा व दहेज जैसी बुराईयां ही असली जड़ है।


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