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शादियों के सावे खुलने से घूमेगा व्यापार का पहिया, होगा कोरोड़ों का लेनदेन

- देवउठनी एकादशी पर 250 से अधिक जोड़े बंधेंगे परिणय सूत्र में

By JagranEdited By: Published: Mon, 23 Nov 2020 07:10 AM (IST)Updated: Mon, 23 Nov 2020 07:10 AM (IST)
शादियों के सावे खुलने से घूमेगा व्यापार का पहिया, होगा कोरोड़ों का लेनदेन
शादियों के सावे खुलने से घूमेगा व्यापार का पहिया, होगा कोरोड़ों का लेनदेन

- देवउठनी एकादशी पर 250 से अधिक जोड़े बंधेंगे परिणय सूत्र में - शादियों से बाजार में लौटेगी रौनक, कोरोना काल से उभरने को मिलेगा सहारा

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फोटो : 22 जेएचआर 5 से 8

जागरण संवाददाता,झज्जर : देवउठनी एकादशी केवल शादी वाले घरों में नहीं बल्कि बाजार में भी खुशियां लेकर आई है। देवउठनी एकादशी के बाद से ही शादियों के सावे खुल जाएंगे और शादियां शुरू हो जाएंगे। जिससे व्यापार का पहिया भी घूमेगा। बाजार में भी करोड़ों रुपये का लेनदेन होने की उम्मीद है। हालांकि इस बाद काफी कम सावे हैं। 25 नवंबर को देवउठनी एकादशी से शुरू होकर करीब एक पखवाड़े तक चलेंगे। आम तौर पर मध्य जनवरी के बाद से फिर सावे शुरू हो जाते हैं, लेकिन इस बार गुरु व शुक्र अस्त होने के कारण एकाध अबूझ सावा को छोड़कर कोई अन्य सावा नहीं है। इसके बाद 24 अप्रैल से फिर सावे शुरू होंगे। इस बार शुभ मुहूर्त के सावे कम हैं। वहीं कोरोना महामारी के कारण पिछले काफी समय से शादियां बहुत कम हो पा रही थी। इसको देखते हुए देवउठनी एकादशी को जिलेभर में 250-300 शादियां होने का अनुमान है। वहीं बाजार भी खुश नजर आ रहा है, क्योंकि शादियों की शुरूआत होने से लोग खरीददारी के लिए बाजार में आएंगे और व्यापार बढ़ेगा। - देवउठनी एकादशी को अबूझ सावा है। इस दिन जिले में करीब 250-300 शादियां होनी है। पिछले वर्षों के मुकाबले इस बार देवउठनी एकादशी पर अधिक शादियां हो रही हैं। क्योंकि 11 दिसंबर के बाद एकाध सावा को छोड़कर 24 अप्रैल से ही पुन: शादियां हो पाएंगी। इसका कारण गुरु व शुक्र अस्त रहना है। वहीं देवउठनी एकादशी पर कोई भी शादी कर सकता है, इसलिए इस दिन अधिक शादियां होंगी। वहीं इसके लिए पंडितों की बुकिग भी एडवांस हो चुकी है। लगभग सभी पंडितों के पास शादी के लिए बुकिग हैं।

पं. पंकज शर्मा, झज्जर। - झज्जर शहर में करीब 15-20 फूल विक्रेता है। अभी से गाड़ियां सजाने की बुकिग आनी आरंभ हो चुकी है। इस बार देवउठानी एकादशी पर होने वाली शादियों से अच्छा काम मिलने की उम्मीद है। उनके पास अभी तक 4 एडवांस बुकिग आ चुकी हैं। औसतन लोग 1500-2000 रुपये में गाड़ियां सजवाते हैं और डंडी वाले गुलाबों को ही अधिक पसंद करते हैं। इसके लिए वे पहले ही दिल्ली की गाजीपुर मंडी से फूल खरीदकर लाते हैं।

सतीश, फूल विक्रेता, झज्जर।

- झज्जर टैक्सी स्टैंड पर करीब 50 गाड़ियां हैं। देवउठनी एकादशी के दिन आयोजित शादियों के लिए लगभग सभी की एडवांस बुकिग भी हो चुकी है। अबूझ सावा होने के कारण लोगों ने गाड़ियों की एडवांस बुकिग करवाई हुई है। वहीं लोग ऑडी व वरना गाड़ी की बुकिग करना ही पसंद कर रहे हैं। देवउठनी एकादशी को होने वाली शादियां गाड़ी चालकों के लिए भी अच्छी हैं।

धर्मपाल यादव, प्रधान, टैक्सी स्टैंड, झज्जर।

- झज्जर में मुख्य रूप से 8 बैंड व 3 ढोल वाले हैं। एकादशी को लेकर 2-3 माह पहले या इससे भी अधिक समय पहले से एडवांस बुकिग आरंभ हो गई थी। सभी को शादियों से अच्छा व्यापार होने की उम्मीद है। क्योंकि हर बैंड वाले व ढोल वाले को काम मिलेगा। फिलहाल 15 लोगों के बैंड की अधिक मांग है। एडवांस बुकिग आने को लेकर सभी ने तैयारियां भी कर ली हैं।

शैलेश, बैंड मास्टर, झज्जर।

- शहर में मुख्य रूप से 8-9 वाटिका हैं। देवउठनी एकादशी के लिए लगभग सभी की बुकिग हो चुकी है। वहीं अबूझ सावा को देखते हुए कई महीने पहले से ही एडवांस बुकिग होनी आरंभ हो गई थी। उनकी वाटिका की एडवांस बुकिग भी करीब 7-8 महीने पहले ही हो गई थी। कोरोना महामारी को देखते हुए सैनिटाइजर का छिड़काव करवा दिया गया है। वहीं कोरोना काल के चलते काफी कम संख्या में लोग पहुंचने की उम्मीद है।

सुभाष गुर्जर, संचालक, शहनाई गार्डन, झज्जर। - जिले में करीब 160 आभूषणों की दुकान हैं, जिनमें से करीब 60 झज्जर शहर में हैं। देवउठनी एकादशी व शादियों के सीजन को देखते हुए आभूषणों की खरीदारी बढ़ी है। हालांकि पिछले साल के मुकाबले अभी तक करीब 60 फीसद ही खरीदारी हुई है। औसतन सामान्य परिवार 5 तोले (50 ग्राम) सोने व 250-300 ग्राम चांदी के आभूषण बनवा रहे हैं। देव उठनी एकादशी व शादियों के सीजन से व्यापार भी बढ़ने की उम्मीद है।

अनिल सेढ़ा, आभूषण विक्रेता, झज्जर।

- इस बार शादियों के सावे में दिन कम हैं। हालांकि देव उठनी एकादशी व शादियों के सीजन को देखते हुए इलेक्ट्रानिक्स सामान की बिक्री बढ़ी है। कोरोना महामारी से जूझ रहा इलेक्ट्रानिक्स बाजार को कुछ उभरने की उम्मीद है। हालांकि पिछले सालों के मुकाबले 50-60 फीसद ही बाजार हुआ है। वहीं इस बाद लोगों ने सामान खरीदने में कटौती करना आरंभ कर दिया है। खासकर वाशिग मशीन व फ्रीज की खरीददारी ज्यादा प्रभावित हुई है। क्योंकि लोग पहले ही बातचीत करके फ्रीज, वाशिग मशीन आदि सामान देने की बजाए इसके पैसे दे रहे हैं।

नरेंद्र चावला, संचालक, चावला इलेक्ट्रानिक्स, झज्जर।

- शादियों को लेकर कपड़े की मांग बढ़ी है। लोग शादियों को लेकर बाजार में निकल रहे हैं और कपड़ा खरीद रहे हैं।फिलहाल कोट-पेंट के प्रति लोगों का अच्छा क्रेज है। लोग थ्री पीस कोट-पेंट को अधिक खरीद रहे हैं। वहीं दूल्हे के लिए शेरवानी भी पसंद बनी हुई है। हालांकि लोग किराये पर शेरवानी लेकर जा रहे हैं। साथ ही फेंसी कुर्ता-पैजामा व मोदी कट भी पसंद किया जा रहा है। पिछली बार के मुकाबले भी अच्छा क्रेज है। मनोज तलवार उर्फ संटी, कपड़ा विक्रेता, झज्जर।


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