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झज्‍जर जिले में सरकारी केंद्र पर गेहूं फसल की बिजाई के लिए बीज ना मिलने की वजह से किसान परेशान,

किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गेहूं की बिजाई जोरों पर है। वहीं सरकारी बिक्री केंद्र पर गेहूं का बीज खत्म हो चुका है। ऐसे में किसान आर्थिक नुकसान उठाने पर मजबूर हैं। सरकारी बीज बिक्री केंद्र पर सरकार की ओर से सब्सिडी दी जाती है।

By Jagran NewsEdited By: Manoj KumarPublished: Tue, 22 Nov 2022 04:32 PM (IST)Updated: Tue, 22 Nov 2022 04:32 PM (IST)
झज्‍जर जिले में सरकारी केंद्र पर गेहूं फसल की बिजाई के लिए बीज ना मिलने की वजह से किसान परेशान,
सरकारी बीज केंद्रों पर बीज सस्‍ता तो मिलता है मगर इसकी कमी से किसान परेशान हैं

जागरण संवाददाता, झज्जर : सरकारी केंद्र से बीज ना मिलने की वजह से किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गेहूं की बिजाई जोरों पर है। वहीं, सरकारी बिक्री केंद्र पर गेहूं का बीज खत्म हो चुका है। ऐसे में किसान आर्थिक नुकसान उठाने पर मजबूर हैं। सरकारी बीज बिक्री केंद्र पर तो सरकार की ओर से सब्सिडी दी जाती है।

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किसानों को सरकारी केंद्र से बीज खरीदने पर प्रति बैग 100 से लेकर 500 रुपये तक प्रति बैग फायदा हो रहा था, लेकिन सरकारी केंद्र पर बीज खत्म होने के बाद अब किसानों को मजबूरी में प्राइवेट विक्रेताओं से ही बीज खरीदना पड़ रहा है। आगामी सीजन की फसल की बिजाई को लेकर किसान अब काफी परेशान चल रहे हैं।

सरकारी बीज बिक्री केंद्र पर 50 से अधिक किसान बीज लेने आए। मगर स्टाक ना होने की वजह से उन्हें निराश होकर वापस लौटना पड़ा। किसान जय प्रकाश ने बताया कि बीज ना बिना मिलने के कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

पहले बारिश के कारण खेती में नुकसान हुआ, अब बीज ना मिलने के कारण कार्य प्रभावित हो रहा है। किसान राकेश का कहना है कि वह ग्रामीण क्षेत्र से यहां बीज लेने के लिए आते हैं। बीज ना मिलने के कारण काफी निराशा हुई। प्राइवेट केंद्रों पर महंगा बीज मिलता है जिस कारण आर्थिक नुकसान भी सहना पड़ रहा है। सरकारी केंद्र पर बीज कब आएगा, फिलहाल इस पर कहना कुछ भी ठीक नहीं है।

बता दें कि समय के साथ खेती के लिए प्रयोग होने वाली चीजों में भी मंहगाई बढ़ चुकी है। फसल बिजाई के लिए मिलने वाले बीज का रेट भी बहुत ज्‍यादा बढ़ गया है। मगर सरकारी बीज केंद्रों पर अनुदान के चलते किसानों को यह कम रेट में मिलता है। मगर बीज की पूर्ति नहीं होने से इस योजना का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है।


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