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पेंसिल कंपनी से ठगी का शिकार पीड़ित मिले उपायुक्त से, कहा जल्द हो कार्रवाई

- सैकड़ों लोगों के करोड़ों रुपये लेकर पेंसिल बनाने वाली कंपनी फरार

By JagranEdited By: Published: Wed, 25 Nov 2020 07:50 AM (IST)Updated: Wed, 25 Nov 2020 07:50 AM (IST)
पेंसिल कंपनी से ठगी का शिकार पीड़ित मिले उपायुक्त से, कहा जल्द हो कार्रवाई
पेंसिल कंपनी से ठगी का शिकार पीड़ित मिले उपायुक्त से, कहा जल्द हो कार्रवाई

- सैकड़ों लोगों के करोड़ों रुपये लेकर पेंसिल बनाने वाली कंपनी फरार - न्याय के लिए भटक रहे पीड़ित, कई दफा मिल चुके अधिकारियों से फोटो : 24 जेएचआर 22 जागरण संवाददाता,झज्जर :

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पेंसिल बनाने वाली कंपनी से ठगी का शिकार हुए पीड़ित मंगलवार को उपायुक्त कार्यालय में न्याय की गुहार लगाने पहुंचे। पीड़ितों ने कहा कि पेंसिल बनाने का रोजगार देने के नाम पर प्रदेशभर के सैकड़ों लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी की है। जिस कारण आज ठगी का शिकार हुए लोग अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं। लेकिन अभी तक कंपनी मालिक के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं हुई। जल्द से जल्द उचित कार्रवाई की मांग को लेकर पीड़ित पुन: उपायुक्त से मिले।

बहादुरगढ़ निवासी मनीषा ने बताया कि उसने अपनी कान की बाली व सोने की चेन गिरवी रखकर रुपये उठाए थे। ताकि वह रोजगार खड़ा कर सके। इसी उम्मीद से उसने झज्जर पुराना बस स्टैंड स्थित कंपनी में डेढ़ लाख रुपये देकर पेंसिल पर रंग लगाने की मशीन व सामान खरीदा था। लेकिन रुपये जमा करवाने के तीन दिन बाद ही कंपनी पैसों को लेकर फरार हो गई। कैथल निवासी मंजीत ने 2.5 लाख, सोनीपत के गांव भैंसवान खुर्द निवासी मंजीत ने 4.5 लाख, नांगलोई निवासी जयसिंह ने 10 लाख व बलबीर ने 5 लाख, रेवाड़ी के सुरखपुर निवासी राजकुमार ने 3.5 लाख, दादरी के खेड़ी बूरा निवासी राधे श्याम ने 3 लाख, करनाल निवासी कंवरपाल ने 40 लाख, पानीपत निवासी पवन ने 25 लाख, रोहतक के गांव सुड़ाना निवासी रानी ने 3.5 लाख व रोहतक निवासी पुष्पा ने 3.5 लाख रुपये, झज्जर के मारौत निवासी रमेश ने 6 लाख, कोयलपुर निवासी उमेद सिंह ने 16 लाख, खरहर निवासी धर्मेंद्र ने 21 लाख रुपये देकर अपना काम शुरू किया था। उन्होंने कहा कि अधिकतर लोगों ने कुछ समय पहले ही पैसे देकर काम शुरू किया था। लेकिन अचानक कंपनी पैसों को लेकर फरार हो गई। पहले तो उन्हें रोजगार देने का झांसा दिया और काफी लाख कमाने की बात भी कही। लेकिन जब पैसे देने की बारी आई तो कंपनी फरार हो गई। इस दौरान ओमप्रकाश, विनोद कुमार, प्रवीण, सोमवीर, सुनील, ऊषा, विजय, अंजू, संगीता, उर्मिला, सुरेश, मुकेश, सतपाल, सतीश कुमार, विकास कुमार, व प्रेम सुख आदि उपायुक्त से मिले।


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