सजा बाजार, परिवार के साथ निकले खरीदार
जागरण संवाददाता, झज्जर : महापर्व धनतेरस पर सजे बाजारों में सोमवार को खरीददार उमड़ पड़
जागरण संवाददाता, झज्जर :
महापर्व धनतेरस पर सजे बाजारों में सोमवार को खरीददार उमड़ पड़े। खास तौर पर बर्तन, लक्ष्मी-गणेश, मिठाई, सोने-चांदी के सिक्के, आभूषण, सेल के काउंटरों पर लगे सामान सहित अन्य सामान की जमकर खरीदारी की। देर रात तक सभी बाजारों में खूब गहमागहमी रही। जी-भरकर सामान खरीदने के बाद लोग हंसते-खिलखिलाते घरों को लौट गए। देखा जाए तो शहर के चहुओर के बाजार में ग्राहकों की भीड़ ही दिखाई दी। पुलिस के स्तर पर भी पुख्ता इंतजाम देखने को मिलें। बड़े वाहनों को बाजार के भीतर प्रवेश नहीं करने दिया गया। जबकि मोटरसाइकिल आदि पर बाजार में प्रवेश करने वाले ग्राहकों को भी एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचने में खासी मशक्कत करनी पड़ी। शहर आंबेडकर चौक, डायमंड चौक, चौपटा बाजार, सिलानी गेट, पुराना डाकखाना आदि क्षेत्रों में फुटपाथों व पटरियों पर भी सैकड़ों दुकानें सजी मिलीं। हर दुकान पर भारी भीड़। ऐसा ही हाल शहर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी देखने को मिला।
झज्जर के साथ-साथ बादली, बेरी, साल्हावास, मातनहेल, माछरौली आदि के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित बाजारों में भीड़ बर्तन व मिठाई आदि की दुकानों पर रही। आकर्षक ढंग से सजी दुकानों पर लोगों ने मोल-भाव कर सामान खरीदा। रात करीब दस बजे तक हर बाजार में गहमा-गहमी रही और भीड़ इतनी कि सौ मीटर तक की दूरी तय करने में लोगों को आधे से पौन घंटे तक लग गया। कुल मिलाकर बाजार में बने इस माहौल को दुाकनदारों ने भी हाथो हाथ लिया। वह भी काफी प्रसन्न दिखाई दिए। ---------------------------------------
लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमाओं की मांग सर्वाधिक
बाजारों में लक्ष्मी-गणेश, मां दुर्गा, श्रीराम परिवार, लड्डू गोपाल, झूले लाल, राधा-कृष्ण, देवाधिदेव महादेव, श्रीकृष्ण, शनि देव की मूर्तियां लोगों के आकर्षण का केंद्र रहीं। खास तौर पर लोगों में मिट्टी से बने हुए बर्तनों के अलावा मिट्टी से बने हुए सामान में खासी रूचि दिखाई। लक्ष्मी-गणेश की संयुक्त प्रतिमा भी ज्वैलर्स के यहां पर खूब बिकी। जिन्हें संयुक्त प्रतिमा नहीं मिली उन लोगों ने लक्ष्मी व गणेश की अलग-अलग मूर्ति खरीदी। दूसरे नंबर पर लड्डू गोपाल, मां दुर्गा व राधा-कृष्ण की मूर्तियां बिकीं। रंग-बिरंगी लाईटों ने भी लोगों को खूब रिझाया और लक्ष्मी-गणेश के सामने जलते दीपक की खूब बिक्री हुई।
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चांदी के सिक्कों की खरीद पर रहा जोर : सर्राफा की दुकानों पर भी भारी संख्या में लोग पहुंचे और सोने-चांदी के सिक्के खरीदे। उच्च तथा मध्यम उच्च वर्ग के लोगों ने आभूषण भी खरीदे। हालांकि बड़े महंगे उपहारों को खरीदने में लोग हिचकते हुए दिखाई दिए। स्वर्णकार संघ के प्रदेश प्रतिनिधि जयपाल लांबा के मुताबिक चांदी के सिक्के ज्यादा बिके है। हालांकि उनका यह कहना है कि वैसे तो पिछले कई दिनों से खाली बैठे हुए दुकानदारों को काम जरूर मिला है। नहीं तो पिछले दिनों से काम ही नहीं था। लांबा के मुताबिक जिला में करीब 290 प्रतिष्ठान है। अभी तक के रूझान को देखें तो लोग सोने से ज्यादा चांदी को खरीदने में लगे हैं।
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बॉक्स : पंडित वीरेंद्र शर्मा के मुताबिक धनतेरस के दिन धन और आरोग्य के लिए भगवान धनवंतरि की पूजा अर्चना की जाती है। भगवान कुबेर की पूजा से भी लोगों को धन धान्य की प्राप्ति होती है। सोने-चांदी के बर्तन खरीदने के साथ-साथ धातु खरीदना भी बेहद शुभ है। जिसे लेकर लोगों ने खूब उत्साह पूर्व रूचि भी दिखाई। आने वाले तीन दिनों में लोगों को नियमों का पालन करते हुए अपनी पूजा अर्चना करते हुए परिवार की मंगल कामना की दुआ करनी चाहिए। इन दिवस विशेष में की गई पूजा का खास प्रतिफल मिलता है।
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बॉक्स : त्योहारी दिनों को देखते हुए सेल को लेकर लगाए स्टॉल पर भी लोगों की खूब भीड़ दिखाई दी। खास तौर पर गारमेंटस के दुकानदारों के यहां तो रेडीमेड के कपड़ों आदि की सेल बाजार में कई जगह पर दिखाई दी। जिसको लोगों ने भी खूब हाथो-हाथ लिया। बड़े व्यापारिक प्रतिष्ठानों के स्तर पर भी सेल आदि का सामान लाते हुए त्योहार के माहौल को कैश करने का प्रबंध बाजार के हिसाब से किया गया है। रोशनी के पर्व दीपावली पर साज सज्जा में कोई कमी नहीं रहने पाए। इसको ध्यान में रखते हुए भी बाजार में दुकानदारों ने खास सामान लाया हुआ है। एक ओर जहां चाइनीज के बहिष्कार के चलते मिट्टी से बने हुए सामान के अलावा दीयों आदि के भी जगह जगह स्टॉलों पर भी खूब खरीदी हुई। वहीं कपड़े, जूते, चप्पल व अन्य सामान को लेकर भी बाजार में ग्राहकों ने उत्साह दिखाया।
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बॉक्स : धनतेरस के मौके पर बर्तनों की खरीद को लेकर लोगों ने सुबह से देर रात तक उत्साह दिखाया। बर्तनों की दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ ज्यादा देखने को मिली। सुबह से इन दुकानों से जुड़े संचालक अपने परिवार के अन्य लोगों के साथ ग्राहकों को अटैंड करते हुए दिखाई दिए। व्यापारी संजय चांदना के मुताबिक दो तीन दफा से उपहार के रूप में बर्तनों को दोनों को प्रचलन तो कम हुआ है। लेकिन जिस प्रकार से तैयारी की थी उस प्रकार से ग्राहक भी खूब दिखा। हालांकि इलेक्ट्रोनिक आइटम्स को लेकर बाजार में ग्राहकों का रूझान कम ही देखने को मिला।