जागरण विशेष : मानसून के साथ मच्छर जनित बीमारियों का खतरा, मलेरिया के तीन मामले आए सामने
मानसून की दस्तक के साथ ही मच्छर जनित बीमारियों का खतरा बढ़ता जा रहा है। अभी तक मलेरिया के तीन मरीज भी सामने आ चुके हैं। कोरोना वायरस के साथ-साथ मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम करना भी स्वास्थ्य विभाग के लिए चुनौती बना हुआ है।
दीपक शर्मा , झज्जर : मानसून की दस्तक के साथ ही मच्छर जनित बीमारियों का खतरा बढ़ता जा रहा है। अभी तक मलेरिया के तीन मरीज भी सामने आ चुके हैं। कोरोना वायरस के साथ-साथ मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम करना भी स्वास्थ्य विभाग के लिए चुनौती बना हुआ है। ऐसे में लोगों को भी जागरूक रहने की जरूरत है। वहीं पिछले वर्षों से गिरता मलेरिया व डेंगू का ग्राफ का क्रम भी जारी रखने के लिए प्रशासन को कड़े कदम उठाने की जरूरत है। ताकि लोगों को सुरक्षित रखा जा सके।
पिछले पांच सालों (2015-2019 तक) की बात करें तो इस अवधि में डेंगू के 449 मामले सामने आए हैं, वहीं मलेरिया के 374 मामले आ चुके है। इनमें से सबसे अधिक मामले वर्ष 2015 में सामने आए थे। 2015 में डेंगू के 230 मामले व मलेरिया के 82 मामले आए थे। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग द्वारा काफी सुधार भी आया है। लेकिन अभी भी मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम करने को कम नहीं आंका जा सकता। वहीं वर्ष 2019 की बात करें तो डेंगू के 7 व मलेरिया के 45 मामले सामने आए थे। वर्ष 2020 में अब तक मलेरिया के तीन मामले सामने आए हैं। अभी तक डेंगू का कोई मामला सामने नहीं आया हैं। ये मामले आए सामने
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार पिछले करीब एक माह के दौरान तीन मलेरिया के मामले सामने आए हैं। पहला मामला 24 जून को सामने आया था। इसमें गाव कानौंदा का 12 वर्षीय बच्चे को मलेरिया हो गया था। वहीं इसके बाद दूसरा मामला 1 जुलाई को सामने आया, जिसमें गाव डीघल निवासी 23 वर्षीय युवक मलेरिया पॉजिटिव मिला। वहीं तीसरा मामला 17 जुलाई को आया। जिसमें गाव ढाकला निवासी 48 वर्षीय व्यक्ति को मरेलिया की पुष्टि हुई है। वहीं जुलाई के अंतिम सप्ताह से मलेरिया का खतरा भी बढ़ जाता है। एंटी लारवा एक्टिविटी से रोकथाम का प्रयास
बरसात के कारण जिलेभर में जगह-जगह जलभराव की स्थिति पैदा हो गई है। ऐसे में लंबे समय तक पानी जमा रहने के कारण मच्छरों का लारवा पैदा होने लगता है। ऐसे में अब स्वास्थ्य विभाग मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए एंटी लारवा एक्टिविटी चला रहा है। इसके तहत विभाग की टीमें डोर-टू-डोर अभियान चला रही हैं। इसके तहत टीमें घरों, दुकानों व ऑफिसों में जाकर जांच कर रही हैं। लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ लारवा को भी नष्ट किया जा रहा है। साथ ही आगे भी लारवा न पनपे, इसके लिए भी समझाया जा रहा है।
ये हैं पिछले वर्षों के मामले
वर्ष डेंगू मलेरिया
2015 230 82
2016 45 88
2017 111 91
2018 56 68
2019 7 45
2020 ---- 2 डेंगू के लक्षण
-सिर दर्द
-मांसपेशियों, हड्डियों और जोड़ों में दर्द
-आंखों के पीछे दर्द
-त्वचा पर लाल चितके होना
-उल्टी लगना या जी खराब होना मलेरिया के लक्षण
-बुखार आना
-शरीर में दर्द और उल्टी आना
-ज्यादा पसीना आना
-सिर दर्द
-ज्यादा ठंड लगना
ऐसे करें बचाव
-पानी को लंबे समय तक एकत्रित न होने दें।
-कूलर, पानी की टंकी व अन्य पानी से भरे बर्तनों को समय-समय पर साफ करते रहें।
-लंबे समय तक खड़े पानी में दवाई डालें।
-मच्छरों से बचने के लिए पूरी बाजू के कपड़े पहनें व शरीर को कपड़े पर ढककर रखें।
स्वास्थ्य विभाग कोरोना के साथ-साथ मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम में जुटा हुआ है। एंटी लारवा एक्टिविटी के तहत भी स्वास्थ्य विभाग की टीमें जुटी हैं। लोगों को भी जागरूक होकर स्वास्थ्य विभाग का साथ देना चाहिए, ताकि मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम हो सके। खासकर पानी को लंबे समय तक एकत्रित न होने दें।
डा. संजय दहिया, सीएमओ, झज्जर।