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तीसरे दिन भी नहीं हो पाई सरसों की सरकारी खरीद, किसान परेशान

जागरण संवाददाता झज्जर सरसों की खरीद के तीसरे दिन भी सरकारी खरीद नहीं हो पाई। शनिव

By JagranEdited By: Published: Sun, 31 Mar 2019 01:32 AM (IST)Updated: Mon, 01 Apr 2019 06:45 AM (IST)
तीसरे दिन भी नहीं हो पाई सरसों की सरकारी खरीद, किसान परेशान
तीसरे दिन भी नहीं हो पाई सरसों की सरकारी खरीद, किसान परेशान

जागरण संवाददाता, झज्जर: सरसों की खरीद के तीसरे दिन भी सरकारी खरीद नहीं हो पाई। शनिवार को गिरावड़, सुर्खपुर, माजरी, आकूबपुर और सिलानी गांव के किसान मंडी में अपनी फसल को लेकर पहुंचे। लेकिन खरीद नहीं होने के कारण किसान काफी परेशान दिखाई दिए। दोपहर बाद हैफेड के अधिकारियों ने मंडी परिसर का दौरा तो किया, लेकिन खरीद प्रक्रिया से संबंधित कागजात पूरे नहीं होने के कारण खरीद शुरू नहीं हो पाई। हैफेड के अधिकारियों का कहना है कि किसान मंडी में सरसों तो लेकर आ रहे है। लेकिन पटवारी से सत्यापित फरद अपने साथ नहीं ला रहे है। जिसके चलते खरीद नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा कि विभागीय स्तर पर पूरी तैयारियां है। लेकिन नियमानुसार कागजात पूरे होना आवश्यक है। झज्जर मंडी के अलावा ढाकला, मातनहेल, बेरी मंडियों में भी खरीद नहीं हुई। स्थानीय अनाज मंडी में करीब दस हजार क्विंटल सरसों की आवक हो चुकी है। मंडी सुपरवाईजर सुरेश ने बताया कि शनिवार को मंडी परिसर में करीब 43सौ क्विंटल सरसों की आवक हुई है। उधर, सरसों की कटाई व कढ़ाई का काम युद्ध स्तर पर जारी है। मंडियों में सरसों की खरीद शुरू न होने व रोस्टर सिस्टम लागू किए जाने के कारण किसान को पहले अपनी सरसों को खेतों से घर ले जाना पड़ रहा है और फिर घर से मंडी लानी पड़ रही है। जिसके कारण किसान की लोडिंग और किराए की लागत बढ़ रही है। जिसके चलते किसानों में विभाग और सरकार के प्रति रोष भी बना हुआ है।

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