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फिर पटरी से उतरी मोबाइल टायलेट सुविधा, टेंडर होने के बाद भी स्थिति सुधरने का इंतजार

जागरण संवाददाता, झज्जर : मोबाइल टायलेट के खरीद और रखरखाव पर भारी भरकम राशि खर्च कर

By JagranEdited By: Published: Fri, 15 Feb 2019 11:38 PM (IST)Updated: Fri, 15 Feb 2019 11:38 PM (IST)
फिर पटरी से उतरी मोबाइल टायलेट सुविधा, टेंडर होने के बाद भी स्थिति सुधरने का इंतजार
फिर पटरी से उतरी मोबाइल टायलेट सुविधा, टेंडर होने के बाद भी स्थिति सुधरने का इंतजार

जागरण संवाददाता, झज्जर : मोबाइल टायलेट के खरीद और रखरखाव पर भारी भरकम राशि खर्च करने के बावजूद भी आमजन को इनकी सुविधा नहीं मिल पा रही है। कुछ गाड़ियों में टायर गायब है तो किसी में टंकियां और टोंटियां तक नहीं है। स्थिति यह है कि मोबाइल टायलेट का कनेक्शन तक नहीं किया गया है। छावनी मुहल्ला, पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाऊस के सामने, पंचनद चौक, डाईवर्सन रोड, कच्चा बादली मार्ग पर रखे हुए टायलेट की हालत इतनी बदहाल है कि पास से गुजरने में भी लोगों को परेशानी हो रही है। हालांकि स्वच्छता सर्वेक्षण के दौरान तो पालिका स्तर पर इनकी सफाई व्यवस्था करवाई गई थी और रखरखाव के लिए करीब 19 लाख रुपये का टेंडर जारी करते हुए वर्क आर्डर भी दिया गया था। इधर, सर्वेक्षण टीम के वापिस लौटने के बाद ही व्यवस्था से जुड़ी इकाई ने इनके रखरखाव की ओर ध्यान नहीं दिया और स्थिति बद से भी बदतर होने लगी है। ----पालिका परिसर में शोपीस बने मोबाइल टायलेट कुछ मोबाइल टायलेट शहर के विभिन्न चौक- चौराहों पर बदहाल अव्यवस्था में खड़े हैं तो चार से पांच की संख्या में ये टायलेट नगरपालिका परिसर में ही शोपीस बने हुए है। किसी सरकारी कार्यक्रम में भेजने के लिए तो पालिका स्तर पर इन्हें दुरूस्त करवाते हुए भेज दिया जाता हैं। लेकिन अन्य दिनों में ये पालिका परिसर की ही शोभा बढ़ाते है। बड़ा सवाल यह उठता है कि अगर पालिका परिसर में ही इन टायलेटों को खड़ा रखना था तो इनके लिए लाखों रूपये क्यों खर्च किए गए। ====25 लाख रुपये की लागत से खरीदे गए थे मोबाइल टायलेट

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उल्लेखनीय है कि शहर को स्वच्छ और साफ सुथरा बनाए रखने और खुले में शौच से मुक्त बनाने के लिए करीब 25 लाख रुपये की लागत से पालिका प्रबंधन द्वारा 12 मोबाइल टायलेट खरीदे गए थे। लेकिन इन्हें चालू करने के कुछ ही दिनों बाद इनकी हालत बदहाल हो गई। स्थिति यह आन बनी कि जिन स्थानों पर यह टायलेट रखे गए थे, उस क्षेत्र के पार्षदों ने भी टायलेटों उनके वार्ड से उठाने तक की बात कह दी थी। दैनिक जागरण के स्तर पर उठाए गए मुद्दे के दौरान ही पालिका के स्तर पर इनकी सुध लेते हुए सफाई भी करवाई थी और नियमित रखरखाव के लिए करीब 19 लाख रुपये वार्षिक खर्च का टेंडर जारी करते हुए संबंधित फर्म को वर्क आर्डर भी दिया गया था। प्रारंभिक तौर पर तो स्थिति सुधरती हुई दिखाई दी थी। लेकिन अब पुन: पुराने हालात लौटते हुए दिखाई दे रहे है। ---मोबाइल टायलेट के रखरखाव और सफाई व्यवस्था के लिए टेंडर जारी करते हुए वर्क आर्डर दिया जा चुका है। दो या तीन दिनों के भीतर इनकी मरम्मत करवाते हुए ठेकेदार के सुपुर्द कर दिए जाएंगे। प्रयास है कि आमजन को किसी तरह की परेशानी नहीं हो।

नरेंद्र सैनी, नगरपालिका सचिव।


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