मैराथन के परिणाम को लेकर युवाओं ने किया जमकर हंगामा, युवक रोली- रोली के लगाते रहे नारे
जागरण संवाददाता, झज्जर: रन फॉर कंट्री, वोट फॉर कंट्री दौड़ के परिणाम को लेकर युव
जागरण संवाददाता, झज्जर: रन फॉर कंट्री, वोट फॉर कंट्री दौड़ के परिणाम को लेकर युवाओं ने राजकीय नेहरू महाविद्यालय में कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ के समक्ष जमकर हंगामा किया। करीब आधे घंटे तक युवा हंगामा करते हुए दौड़ के परिणाम में रोली- रोली के नारे लगाते रहे। स्थिति यह बनी कि अधिकारियों और पुलिस कर्मियों के अलावा कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने स्वयं आक्रोशित युवाओं को समझाने का प्रयास किया, लेकिन युवाओं का आक्रोश बढ़ता गया और हू¨टग और तेज करना शुरू कर दिया। कृषि मंत्री ने युवाओं को शांत करने के लिए भारत माता की जय के जयकारे भी लगाए। लेकिन युवा समझने या सुनने को तैयार नहीं हुए। आखिर में स्थिति बेकाबू होते देख कृषि मंत्री ने युवाओं के शोर-शराबे के बीच पहले विजेता युवक और युवती को बुलेट और स्कूटी की चाबी सौंपते हुए आडिटोरियम हाल में खिलाड़ियों कोई ट्रेक सूट वितरित करने चले गए। कृषि मंत्री के चले जाने के बाद भी युवाओं का शोर गुल जारी रहा और परिणाम को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर करते रहे। आखिर क्या है घटनाक्रम रन फॉर कंट्री वोट फॉर कंट्री मैराथन में भाग लेने के लिए युवा अपने निर्धारित समय पर ही जहांआरा बाग स्टेडियम में पहुंच गए थे। मैराथन का शुभारंभ 11 बजे कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने करना था। लेकिन मंत्री करीब एक घंटा लेट पहुंचे और 12 बजे जहांआरा बाग स्टेडियम में धावकों को संबोधित करना शुरू किया। संबोधन समाप्त होने के बाद कृषि मंत्री ने जैसे ही जोश में हाथ खड़ा कर भारत माता की जय का नारा लगाया, तब युवा धावकों ने दौड़ने का संकेत समझते हुए दौड़ शुरू कर दी। अधिकारियों द्वारा बार-बार एनाउसमेंट करने के बाद भी युवा नहीं रूके और नेहरू कॉलेज की ओर दौड़ पड़े। काफी संख्या में धावक एक से डेढ़ किलोमीटर तक तो कुछ धावक नेहरू कॉलेज तक ही पहुंच गए। बीच रास्ते पता चलने पर जब धावक वापस लौटे तो उन्होंने दौड़े में भाग तो लिया। लेकिन परिणाम के दौरान खूब हंगामा करते हुए अपना रोष प्रकट किया। शार्ट कट रास्ते से भी युवाओं ने मैराथन में लिया भाग मैराथन के दौरान युवाओं ने खूब हुडदंग किया। जहां निशान लगाने के लिए खड़े विभागीय कर्मचारियों के स्प्रे तक छीन लिए। वहीं बाइक और गाड़ियों में भी सवार होकर समापन स्थल से कुछ दूरी पहले ही मैराथन में एंट्री कर लिया। काफी संख्या में धावकों ने खेतों के रास्ते से शार्ट कट लगाते हुए मैराथन में घुस गए। पुलिस कर्मियों के रोकने और पीछा करने पर भी उनपर कोई असर नहीं हुआ। बाद में जो धावक ईमानदारी से दौड़ रहे थे। उन्होंने इस बात का एतराज जताते हुए हंगामा किया।
---नेहरू कॉलेज में पहले पहुंचे धावकों ने साईकिल लेने जाने का किया प्रयास दौड़ पूरा करते हुए जब धावक नेहरू कॉलेज मैदान में पहुंचे। तब उन्हें पता चला कि अभी मैराथन शुरू ही नहीं है। तब उन्होंने नेहरू कॉलेज में हंगामा करते हुए वहां ईनाम के लिए रखी हुई साइकिलों को जबरदस्ती उठाने का प्रयास किया। जैसे ही उतेजित युवक साईकिलों को उठाकर ले जाने लगे तो वहां पर मौजूद अधिकारी हरकत में आ गए और पुलिस फोर्स बुलाते हुए साईकिलों को वापिस रखवाया। अलग- अलग वर्गो में हुई मैराथन में लड़कियों ने दिखाया दम मैराथन अलग-अलग वर्गो में आयोजित की गई। पहले लड़कों की मैराथन को रवाना किया गया तो बाद में लड़कियों की मैराथन को। लड़कों की मैराथन जहां पूरी तरह अव्यवस्थित रही तो बेटियों ने खूब दम दिखाया। बेटियों ने पूरी मेहनत और ईमानदारी के साथ पूरी दौड़ को पूरा करते हुए इनाम पर अधिकार जताया। ---इससे पहले हुई मैराथन के नहीं मिले पुरस्कार खिलाड़ियों ने मंत्री के समक्ष अपनी शिकायत को रखते हुए कहा कि सर इससे पहले हुई मैराथन में जो पुरस्कार स्वरूप जूते देने की जो घोषणा आपके द्वारा की गई थी। वो अभी तक खिलाड़ियों को नहीं मिले है। जिस पर मंत्री ने संज्ञान लेते हुए खिलाड़ियों को जल्द उनके पुरस्कार दिए जाने के आदेश अधिकारियों को दिए।