शव मिलने से करीब 36 घंटा पहले हुई थी एमपी माजरा गांव स्थित मंदिर के महंत की हत्या
जागरण संवाददाता, झज्जर : क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले एमपी माजरा गांव स्थित श्री गोरखनाथ मंदिर के
जागरण संवाददाता, झज्जर : क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले एमपी माजरा गांव स्थित श्री गोरखनाथ मंदिर के पुजारी की हत्या शव पाए जाने से करीब 36 घंटे पहले की गई थी। प्रारंभिक तौर पर ऐसी जानकारी पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद सामने आई है। घटनाक्रम के बाद मौका पर पहुंची पुलिस टीम और अभी तक हुई जांच के बाद कही भी ऐसा कोई ¨लक आपस में जुड़ता हुआ दिखाई नहीं दे रहा। जिससे यह कहा जा सके कि लूट की वारदात को अंजाम देने के चक्कर में महंत की हत्या की गई हो। हालांकि, मामला स्पष्ट होने से पहले किसी भी संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। मौके पर मिले मोबाइल फोन के रिकॉर्ड को खंगालने के अलावा पुलिस की टीम आस-पास के ईंट-भट्ठों पर काम करने वाले मजदूरों की गतिविधि एवं अन्य विषयों को भी केंद्र में रखते हुए पुलिस जांच को आगे बढ़ा रही है। विभिन्न दृष्टिकोणों से की जा रही जांच में ठोस सबूत के इंतजार में भी है। ताकि मामले का पटाक्षेप किया जा सके। --ऐसे सामने आया था घटनाक्रम 12 नवंबर को झज्जर-बादली मार्ग पर पड़ने वाले गांव एमपी माजरा स्थित गोरखनाथ मंदिर के महंत का शव पाया गया था। सिर में दर्दनाक ढंग से मारी गई चोट के कारण हुई इस हत्या में शव के आस-पास काफी मात्रा में खून भी बिखरा हुआ मिला था। प्रारंभिक तौर पर पुलिस के स्तर पर जुटाएं गए साक्ष्यों से ऐसा अंदाजा लगाया जा रहा था कि करीब दो दिन पहले महंत की हत्या हुई होगी। वैसा ही करीब-करीब पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में सामने आया है। चूंकि जमीन पर बिखरा हुआ खून जमा हुई मिट्टी के साथ ही सूखने लगा था। मूल रूप से भदानी गांव निवासी विजय पुत्र दीवान ¨सह से जुड़ा हुआ कोई विवाद भी पुलिस के समक्ष अभी तक नहीं आया है। जिसे लेकर जांच को उस दिशा में बढ़ाया जाए। ---विभिन्न दृष्टिकोणों को केंद्र में रखते हुए पुलिस आगे बढ़ा रही जांच वारदात के बाद जब पुलिस की टीम मौके पर पहुंची थी तो उन्हें वहां से मोबाइल बरामद हुआ था। मिले उस मोबाइल के डेट और टाइम वर्तमान समय से मैच तो नहीं कर रहे थे। लेकिन बरामद हुए फोन में काफी मिस्ड कॉल भी थी और कुछ रिसीविड भी। इसलिए पुलिस फोन के रिकॉर्ड के आधार पर भी कड़ियों को जोड़ने का काम कर रही है। मौके पर पहुंचे लोगों और पुलिस के स्तर पर जुटाई गई जानकारी से यह भी सामने आया था कि बिजली निगम से जुड़े हुए लोगों का यहां आना जाना लगा रहता था। संबंधित लोगों की कुछ तारें आदि भी वहां रखी मिली थी। लोगों का कहना था कि आस-पास के गांव के लोग यहां अपनी शिकायत लिखवा जाते थे। जिसकी सूचना बाद में बिजली विभाग की टीम को पुजारी द्वारा दे दी जाती थी। हालांकि, अभी तक उन लोगों से भी संपर्क नहीं हो पाया है जो कि यहां आकर बैठते थे। ---डीएसपी हंसराज बिश्नोई के मुताबिक विभिन्न टीम मामले की जांच में लगी हुई है। चूंकि परिवार के स्तर पर भी किसी तरह का कोई शक जाहिर नहीं किया गया है। इसलिए हर स्तर पर जांच की जा रही है। प्रथम ²ष्टया जांच में कुछ संदिग्ध सामने आए है। जिनकी डिटेल खंगालते हुए कड़ियां जोड़ने का कार्य हो रहा है। उम्मीद है कि मामले का पटाक्षेप जल्द ही होगा।