20 बसों की चाबियां और दो बसों की स्टेपनी नहीं मिली बस में
जागरण संवाददाता, झज्जर : पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट के आश्वासन के बाद काम पर लौटे रोडवेज चालकों का पहला दिन परेशानी भरा रहा। करीब 20 बसों की चाबियां और दो बसों से स्टेपनी ही बस से गायब मिली। आलम यह था कि अधिकांश बसों में डीजल भी कम था। बसों की लाइट जलती छोड़ जाने के चलते करीब 15 बसों की बैटरी डेड मिली। ऐसी स्थिति में दिन भर रोडवेज के मैकेनिक बसों को दुरुस्त करने में लगे रहे। बाद में डायरेक्ट तार जोड़कर बसों को स्टार्ट किया और अपने गंतव्य की ओर रवाना हुए।
जागरण संवाददाता, झज्जर : पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट के आश्वासन के बाद काम पर लौटे रोडवेज चालकों का पहला दिन परेशानी भरा रहा। करीब 20 बसों की चाबियां और दो बसों से स्टेपनी ही बस से गायब मिली। आलम यह था कि अधिकांश बसों में डीजल भी कम था। बसों की लाइट जलती छोड़ जाने के चलते करीब 15 बसों की बैटरी डेड मिली। ऐसी स्थिति में दिन भर रोडवेज के मैकेनिक बसों को दुरुस्त करने में लगे रहे। बाद में डायरेक्ट तार जोड़कर बसों को स्टार्ट किया और अपने गंतव्य की ओर रवाना हुए। वहीं सुबह वर्कशॉप परिसर में ठेकेदार के माध्यम से लगाए गए चालकों को जब विभागीय अधिकारियों ने उनकी सेवाएं ना लिए जाने की बात कही तो चालक बिफर गए और वर्कशॉप परिसर में हंगामा करने लगे। उन चालकों का कहना था कि अब हम कहां जाए और कुछ देर तक नारेबाजी भी की। मामले को बढ़ता देख विभागीय अधिकारियों ने सूचना पुलिस को दी। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और हंगामा कर रहे चालकों को वर्कशाप से बाहर निकाला। बाद में कुछ समय तक यह चालक बस स्टैंड परिसर में भी बैठे रहे और फिर वापिस लौट गए। इससे पूर्व हरियाणा रोडवेज तालमेल कमेटी द्वारा गेट मी¨टग की गई। जिसमें हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन, इंटक, हरियाणा कर्मचारी महासंघ, सर्वकर्मचारी संघ सहित अन्य कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों ने भाग लेते हुए कर्मचारियों को हाई कोर्ट द्वारा दिए गए आश्वासन के बारे में बताया और सभी कर्मचारियों को ड्यूटी ज्वाइन करने की बात कही गई। गेट मि¨टग में ये रहे मौजूद
हरियाणा रोडवेज वर्कस यूनियन के प्रधान सुरेश पलड़ा, इंटक के प्रधान प्रवीन धारा, हरियाणा कर्मचारी महासंघ के विक्रम, एसकेएस के विजय, ओमप्रकाश दूबलधन, जगबीर ¨सह सुहाग, राजेंद्र जुलाना, जयपाल गुड्डा, सरोज दुजाना, जीत प्रधान, संजीव छिल्लर, छोटा बाई, रामचंद्र, भोम ¨सह सहित अन्य भी मौजूद रहे। विभाग का बढ़ेगा बसों की रिपये¨रग का खर्चा
विभागीय स्टॉफ का कहना है कि हड़ताल के दौरान विभाग द्वारा व्यवस्था बनाने के लिए ठेकेदार के माध्यम से लगाए गए चालकों द्वारा चलवाई गई बसों के बाद विभाग की परेशानी और बढ़ा दी है। हड़ताल के बाद जब चालक वर्कशॉप में पहुंचे तो स्थिति कुछ ही थी। किसी बस के ब्रेक जाम थे तो किसी के ड्रम, बै¨रग टूटे हुए थे। बहु झोलरी से बस लेकर चालक सतीश ने बताया कि गाड़ी के ड्रम और बै¨रग टूटे हुए है। मुश्किल से बस को लेकर वापिस पहुंचा हूं। वहीं मैकेनिक जगबीर ने बताया कि ठेके पर जो चालक लगाए थे। उन्होंने काम के दौरान लापरवाही की है। उन्होंने बताया कि व्यवस्थाएं बाधित हो, इसके लिए करीब 20 बसों की चाबियां और दो बसों की स्टेपनी ही गायब है। 15 गाड़ियों की लाइट ही जलती हुई छोड़ गए। जिसके चलते बैटरी डेड हो गई है। उन्होंने बताया कि बहुत सी गाड़ियों को मरम्मत की आवश्यकता है। एक नई बस का तो इंजन ही खराब हो गया है। एक बस में करीब 10 से 15 हजार रुपये का खर्चा है और सभी गाड़ियों को पूर्णतया ठीक करने में करीब 15 दिन का समय भी लगेगा। बस स्टैंड परिसर में फिर दिखी रौनक, खुले यूनियन कार्यालय हड़ताल समाप्त होने के बाद कई दिनों से बंद पड़े यूनियनों के कार्यलय भी खुले हुए दिखाई दिए। वहां पर बैठे कर्मचारी हड़ताल विषय पर ही चर्चा करते हुए दिखाई दिए। कर्मचारियों का कहना था कि कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद जो कुछ हुआ है, अच्छा हुआ है। हड़ताल से जहां सरकार परेशान थी, वहीं कर्मचारी भी तंग हो चुके थे। अब कर्मचारियों की दीवाली भी अच्छी मनेगी। उधर, बस स्टैंड परिसर में पहले दिनों की अपेक्षा यात्रियों की भीड़ अधिक दिखाई दी। रोडवेज की बसों को दोबारा सड़कों पर देखकर आमजन को भी राहत महसूस हुई।