नगरपालिका का डिजाइन, सड़क का लेवल किए बिना बनाया जा रहा नाला
जागरण संवाददाता, झज्जर : सड़क का लेवल किए बिना ही बनाए जा रहे नाले से होने वाली परेशान
जागरण संवाददाता, झज्जर : सड़क का लेवल किए बिना ही बनाए जा रहे नाले से होने वाली परेशानी को देखते हुए क्षेत्र के लोग पैमाइश के आधार पर नाला बनवाने की बात कहने लगे है। सड़क से करीब एक फीट तक नाले का निर्माण किए जाने के चलते पालिका द्वारा करीब 50 लाख रूपये की कीमत से निर्मित सामुदायिक भवन भी नीचे पड़ने लगा है। ऐसे में सामुदायिक भवन के पानी निकासी के अलावा बाहर सड़क का पानी निकासी में भी परेशानी बनना तय है। मामले को देखते हुए बड़ा सवाल यह भी उठता है कि लापरवाही ठेकेदार की है या फिर नाले की ड्राईंग बनाने वाले अधिकारी की। लोगों का यह भी कहना है कि चार फीट नाले के स्थान पर अब दो फीट चौड़ा नाला ही बनाया जा रहा हैं। चार फीट चौड़े नाले में ही जब पानी निकासी उचित ढंग से नहीं हो पाती थी तो अब दो फीट चौड़ाई वाले नाले में कैसे व्यवस्था बन पाएगी। उधर, पिछले दस दिनों से नाले के निर्माण कार्य भी बंद पड़ा है। जिसके चलते क्षेत्र के लोगों के अलावा यहां से गुजरने वाले लोगों को भी परेशानी हो रखी है। कारण चाहे कुछ भी रहे हो, लेकिन नाला निर्माण में पालिका प्रबंधन की लापरवाही साफ दिखाई दे रही है। जिसका पालिका के स्तर पर करीने से जवाब भी देते नहीं बन रहा। खुद के बनाए सामुदायिक भवन तक में जाने में होगी लोगों को परेशानी
उल्लेखनीय है कि करीब चार वर्ष पूर्व पालिका प्रबंधन द्वारा ही करीब 50 लाख रुपये की लागत से लोगों की सुविधा के लिए सामुदायिक भवन बनवाया गया था। जिसका लाभ माता गेट, सीताराम गेट, बेरी गेट क्षेत्र के अलावा पूरे शहर के हजारों लोगों को मिलता है। लेकिन नाले का निर्माण हो जाने के कारण सामुदायिक भवन करीब डेढ़ फीट तक नीचे हो गया है। जिसके चलते पानी निकासी की व्यवस्था नहीं हो पाने के कारण भी आने वाले दिनों में परेशानी बन सकती है। साथ ही भवन में प्रवेश करने एवं सौंदर्यीकरण भी काफी हद तक प्रभावित हुआ है। सीधे तौर पर यह दिख रहा है कि शहर में पालिका के स्तर पर होने वाले इन कार्यों में तकनीकी स्तर पर जबरदस्त खामियां है, लेकिन यहां इन्हें देखने और समझने वाला कोई नहीं। शहर के लोग भी पालिका के इस रवैये से आजिज आ गए है। नारकीय जीवन जीने को मजबूर क्षेत्र के लोग
पिछले दस दिनों से कार्य बीच में अटका होने के कारण क्षेत्र के लोग काफी परेशान है। रात के समय मुसीबत और बढ़ जाती है। कई दफा पशु भी गिर चुके है। क्षेत्र के रहने वाले सतबीर सैनी ने बताया कि नाले में गिरने से उसके मामा की मौत भी हो चुकी है। नाला निर्माण पैमाईश के आधार पर भी नहीं हो रहा है। नाला अपनी वास्तविक जगह पर नहीं बनाया जा रहा है। अगर पैमाईश के आधार पर लेवल करते हुए कार्य किया करवाया जाए तभी ही लोगों को फायदा होगा। वरना पहले की तरह ही लोगों को परेशानी होती रहेगी। सामुदायिक भवन भी नीचे हो जाएगा। पूरा भवन ही खत्म हो जाएगा। साथ ही पालिका इस बात का जवाब दें कि आखिर नाले को ऊंचा किस आधार पर किया जा रहा है। पालिका दूसरे लोगों के भवनों का ध्यान रखना तो दूर अपनी संपत्ति का भी ध्यान नहीं रख पा रही है। अप्रूवल लिए बिना हो रहा काम
पालिका से जुड़े एक प्रतिनिधि ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि सीएम घोषणा में जो निर्माण कार्य होना है। वो सिर्फ सड़क निर्माण का ही होना है। लेकिन नाला तो यहां पर बगैर अप्रूवल के ही तैयार करवाया जा रहा है। इसके लिए ना तो उपायुक्त कार्यालय से मंजूरी ली गई है और ना ही अन्य औपचारिकताएं पूरी की गई है। जिसके चलते कोई लेवल आदि नहीं किया गया है। अब बड़ा सवाल उठता है कि करीब 500 मीटर लंबाई का नाला बन रहा है, सड़क खोदी जा रही है, एक आदमी की गिरने से मौत तक हो चुकी है, प्रबंधन के नाम पर कोई अभी तक जागा भी नहीं।
नाला पहले वाले स्थान पर ही बनाया जा रहा है क्योंकि अभी सड़क का निर्माण कार्य भी होना है। इसके लिए नाले की ऊंचाई ज्यादा की गई है। लोगों को परेशानी ना हो, इसके लिए सामुदायिक भवन के दोनों दरवाजों पर रैंप बनावा दिए जाएंगे और पानी निकासी के लिए पाइप दबा कर व्यवस्था की जाएगी।
नरेंद्र सैनी, सचिव, नगरपालिका, झज्जर।