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काव्य गोष्ठी में कविता के माध्यम से किया कुरीतियों पर कटाक्ष

राष्ट्रीय कवि संगम के बैनर तले काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिस

By JagranEdited By: Published: Mon, 15 Oct 2018 01:14 PM (IST)Updated: Mon, 15 Oct 2018 01:14 PM (IST)
काव्य गोष्ठी में कविता के माध्यम से किया कुरीतियों पर कटाक्ष
काव्य गोष्ठी में कविता के माध्यम से किया कुरीतियों पर कटाक्ष

जागरण संवाददाता, झज्जर: राष्ट्रीय कवि संगम के बैनर तले काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें कवियों और लेखकों ने कविताओं के माध्यम से सामाजिक कुरीतियों पर कटाक्ष किया। कार्यक्रम में उप-जिला शिक्षा अधिकारी राजेश खन्ना ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। इस दौरान डॉक्टर मनजीत भारतीय कि कविता देख हालात मासूमों के कैसे वो रब सोया होगा, ऐसे द¨रदों के कृत्यों को सोच-सोचकर रोया होगा, ने जमकर तालियां बटोरी। युवा कवि मयंक चाहर ने बेटियों की अस्मत से जुड़ी कविता सुनाकर सबको सोचने पर मजबूर कर दिया। वहीं कवि के तौर पर पहली बार कविता पाठ के लिए पहुंचे राहुल खातीवास ने अपने मार्मिक कविता के माध्यम से सबकी आंखों में आंसू ला दिए। भूख और नन्ही बालिका की कविता ने सबको सोचने पर मजबूर कर दिया। कवि मनमोहन दरवेश ने माता-पिता के सम्मान से जुड़ी एक कविता के माध्यम से कहा कि प्रेम प्यार और मानवता का निकला आज दीवाला है एक बेटे ने मां बाबा को घर से आज निकाला है सुनाकर खूब वाहवाही लूटी।

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हास्य कवि मास्टर महेंद्र ने अपनी कविताओं के माध्यम से माहौल को रंगीन बनाए रखा। वहीं मनोज कुमार ने अपनी कविता मैं शून्य हूं शिखर नहीं के माध्यम से आदमी के जीवन की हकीकत को बयां किया।


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