पौधों को एक-एक दिन में बड़ा होता देखने से मिलता है सुकून
छावनी मोहल्ला की रहने वाली कृष्णा देवी के मुताबिक उन्हें बचपन से ही पेड़ पौधे लगाने का शौक रहा है और वह अपने मायके में भी पेड़ पौधे लगाती थी।
जागरण संवाददाता, झज्जर : छावनी मोहल्ला की रहने वाली कृष्णा देवी के मुताबिक उन्हें बचपन से ही पेड़ पौधे लगाने का शौक रहा है और वह अपने मायके में भी पेड़ पौधे लगाती थी। शादी के बाद यहां आना हुआ तो सिलसिला बरकरार रहा। शादी को 28 साल हो चुके हैं। अब परिवार के लोग भी बढ़-चढ़ कर सहयोग करते है। पहले घर की छत पर गमलों में पौधे लगाने शुरू किए। फिर उनकी संख्या बढ़ाई। बाद में घर के बाहर पेड़ पौधे लगाए। जिसे गोवंश आकर तोड़ जाते थे। गोवंश से पौधों की सुरक्षा के लिए अब ग्रिल लगाकर नया रूप दिया है। पिछले लॉकडाउन से अब तक के समय में जिस तरह से नई बगिया महकी है, को देखकर ही आनंद मिलता है। साथ साथ सब्जियों की बेल भी घर में लगानी शुरु कर दी। घर में रहते हुए ताजी सब्जियां मिलना और उन्हें पकाना एक अलग आनंद और अहसास देता है। ऐसा होता देख अब पड़ौस के लोग भी बागवानी से जुड़ रहे हैं। वे भी गमलों को लाकर इस तरह रुझान बढ़ाने लगे हैं। जरुरत पड़ने पर लोगों को बीज भी तैयार करके दे देते हैं। कुल मिलाकर पूरी प्रक्रिया आनंद देने वाली है। पौधों को एक-एक दिन में बड़ा होता देखना। काफी अच्छा लगता है। पौधों को कीटों से बचाने के लिए हल्दी को पानी में घोलकर स्प्रे
कृष्णा देवी के मुताबिक बागवानी से जुड़ने वालों को अच्छा परिणाम चाहिए तो वह गमले में सूखी पत्तियां डाल दें ताकि मिट्टी की नमी बनी रही। पौधों को कीटों से बचाने के लिए हल्दी को पानी में घोलकर स्प्रे कर सकते हैं। सबसे जरूरी पौधों से प्यार करें और अपने चेहरे पर मुस्कुराहट रखें। आप खुद महसूस करेंगे कि पौधों के बीच बिताया समय आपके मन को सुकून देता है। आपको शांत रखने में मदद करता है। साथ ही जब भी आप गमले खरीदें तो उसे पहले धूप में सुखा लें ताकि कीड़े और फंफूदी खत्म हो जाएं। गमले में सीधे मिट्टी न डालें, पहले गमले के छेद पर छोटे-छोटे पत्थर या टूटे हुए गमले के टुकड़े रख दें ताकि पानी या मिट्टी न बहें और आपकी जमीन न खराब हो।