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खुद संभाली कमान, आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते गए कदम

एक समय था जब गरीबी का दंश अंदर ही अंदर खा रहा था। आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण हर समय दिक्कत झेलनी पड़ती थी। यहां तक कि अगर बच्चे किसी खाने की वस्तु की डिमांड कर दें तो उसे भी पूरा करना संभव नहीं हो पाता था।

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Oct 2020 06:50 AM (IST)Updated: Fri, 23 Oct 2020 06:50 AM (IST)
खुद संभाली कमान, आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते गए कदम
खुद संभाली कमान, आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते गए कदम

जागरण संवाददाता, झज्जर : एक समय था जब गरीबी का दंश अंदर ही अंदर खा रहा था। आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण हर समय दिक्कत झेलनी पड़ती थी। यहां तक कि अगर बच्चे किसी खाने की वस्तु की डिमांड कर दें तो उसे भी पूरा करना संभव नहीं हो पाता था। कुछ भी करने से पहले पैसों के बारे में सोचना पड़ता था।

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गरीबी से उबरने के लिए गांव अच्छेज निवासी रेखा ने पति के साथ खुद कमान संभाली। जिसका परिणाम हुआ कि आज वे आत्मनिर्भर बनी और आर्थिक स्थिति भी मजबूत हुई। अब वह दूसरी महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित कर रही हैं। अभियान के तहत 15-20 महिलाओं को खुद का काम शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया। इनमें से एक तो अपना काम शुरू भी कर चुकी हैं, बाकि काम शुरू करने के लिए लोन लेने का प्रयास कर रही हैं। हुमाना पीपल टू पीपल इंडिया ने दी आर्थिक सहायता

गांव अच्छेज निवासी रेखा ने बताया कि उनकी शादी करीब 15 वर्ष पहले राणबीर के साथ हुई थी। उनके पति फैक्ट्री में मजदूरी करते थे। इसलिए उनकी आर्थिक स्थिति भी अच्छी नहीं थी। एक दौर आया जब उन्हें पैसों के चलते काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इससे उबरने के लिए उन्होंने पहले घर पर ही सिलाई का काम शुरू कर दिया, ताकि कुछ आय हो। साथ ही उन्होंने करीब सात माह तक ब्यूटी पार्लर की ट्रेनिग भी ली। अब उनके मन में खुद की दुकान करने की थी, लेकिन समस्या थी तो वह पैसे की। पैसे की तंगी होने के कारण खुद की दुकान खोल नहीं पा रही थी। इसलिए उनकी इच्छा मन में ही दफन होती जा रही थी। इसके बाद करीब दो वर्ष पहले वे हुमाना पीपल टू पीपल इंडिया संस्था के प्रतिनिधियों के संपर्क में आई। उन्होंने पहले तीन दिन तक गांव में ही महिलाओं को दिशा परियोजना के तहत ट्रेनिग दी। इसके बाद उनकी सरकारी लोन दिलाने के लिए मदद की। इस लोन की मदद से उन्होंने अपनी दुकान शुरू की। मुश्किल वक्त में पति ने दिया हौसला

रेखा बताती हैं कि जब उन्होंने ब्यूटी पार्लर खोलने की बात घर पर बताई तो उनके पति रणबीर ने कहा कि इतने पैसे कहां से आएंगे और अगर किसी का काम गलत हुआ तो हर कोई घर पर आकर दिक्कत करेगा। लेकिन रेखा ने समझाया कि वह अच्छे से काम करेंगी। इसके बाद उन्होंने ब्यूटी पार्लर शुरू किया। लेकिन इसके बाद भी एक दौर आया कि उनके पास काम बहुत कम आने लगा। जिस कारण वे मायूस होकर ब्यूटी पार्लर को बंद करने के बारे में मन बनाने लगीं। इस पर उनके पति ने सबसे पहले उन्हें प्रेरणा दी कि अच्छे से काम करो। अब काम से पीछे नहीं हटना है। एक दिन सफलता जरूर मिलेगी। इसके बाद कुछ ऐसा ही हुआ और आज वह खुद ब्यूटी पार्लर को अच्छे से चला रही हैं। लॉकडाउन में खुद संभाला घर

ब्यूटी पार्लर की बदौलत आज घर की आर्थिक स्थिति भी अच्छी है। अब पैसे-पेसे के लिए मोहताज नहीं रहना पड़ता। रेखा ने बताया कि लॉकडाउन के बाद उनके पति की मजदूरी से आने वाली कमाई भी खत्म हो गई। क्योंकि लॉकडाउन में काम बंद था और काम पर जाए बिना मजदूरी भी कहां से मिले। लेकिन इस दौरान भी उन्होंने ब्यूटी पार्लर की मदद से घर खर्च अच्छे से चलाया। किसी प्रकार की कमी नहीं होने दी।


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