¨लगानुपात तो सुधरा, अब छाप छूटने में लगेगा समय, मंच से बांग्ला अधिकारी ने रखी अपने मन की बात
अमित पोपली, झज्जर : बांग्लादेश से हमारे 28 अधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल में 10 महिलाएं है।
अमित पोपली, झज्जर : बांग्लादेश से हमारे 28 अधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल में 10 महिलाएं है। जबकि यहां करीब 35 अधिकारियों में मात्र दो तीन महिलाएं। यह अनुभव बिल्कुल उस बात पर सटीक बैठ रहा है जैसा कि यहां आने से पहले एक वरिष्ठ अधिकारी ने उल्लेख करते हुए बताया था कि हरियाणा में ¨लगानुपात और महिलाओं की स्थिति अच्छी नहीं है। हालांकि यहां पर दिखाए गए डाटा से पता चलता है कि 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' का नारा देने वाले हरियाणा में ¨लगानुपात में बड़े पैमाने पर सुधार हुआ है। आंकड़ों की नजर में स्थिति पहले से काफी बेहतर भी हुई है।
बेहतर हुई स्थिति से महिलाओं की मौजूदगी भी बेहतर बनें, यह अभी होना शेष है। यह बात बांग्लादेश के अधिकारी मैमनूर राशिद ने जिला मुख्यालय स्थित संवाद भवन में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान अपने विचार व्यक्त करते हुए कही। उपायुक्त सोनल गोयल द्वारा बांग्ला में संबोधन किए जाने को दल के सम्मान से जोड़ते हुए उन्होंने अंग्रेजी की बजाय ¨हदी में अपनी बात रखी।
पटवा काली जिला के एडीसी मैमनूर राशिद ने बताया कि भारत-बांग्लादेश में हो रहे काम और योजनाओं में काफी हद तक समानताएं है। यहां भारत में आधार कार्ड का बड़े व्यापक स्तर पर इस्तेमाल हो रहा है। जबकि वहां पर स्मार्ट कार्ड से लोगों को जोड़ा जा रहा है। हाल समय में बांग्लादेश की जीडीपी में भी काफी सुधार दर्ज हुआ है। अगर इसी स्तर पर ही वहां हम काम करते रहे तो आने वाले 10 वर्षो में बहुत बेहतर स्थिति में होंगे। योजनाबद्ध तरीके से चलते हुए योजनाएं क्रियांवित की जा रही है। डिजिटल की महत्ता को समझते हुए डिजीटल बांग्लादेश के स्लोगन पर काम किया जा रहा है। ¨हदी प्रेम से नहीं कोई अछूता ¨हदी भाषा के प्रयोग और बढि़या बोलचाल के लिए उन्होंने इसका श्रेय सीधे रूप से ¨हदी फिल्मों को दिया। मैमनूर राशिद ने बताया कि मैसूरी में ट्रे¨नग के दौरान भी टीम के सदस्यों ने ¨हदी फिल्में देखते हुए अपना मनोरंजन किया है। ऐसा नहीं है कि यहां पर ही ¨हदी फिल्में देखी जाती है। बांग्लादेश में भी उन्हें काफी पसंद किया जाता है। इन्हीं फिल्मों को देखते हुए ही ¨हदी बोलना सीखे हैं। उन्होंने कहा कि हमारा देश छोटा है। जिला भी छोटे है। लेकिन सुधार की राह पर चलने के लिए बेहतर ढंग से कार्य कर रहे हैं। यहां का अनुभव भी वहां काफी काम आने वाला है। बैगर फ्री बांग्लादेश की तरफ बढ़े कदम
मैमनूर राशिद ने बताया कि खुन्ना जिला से बतौर पॉयलट प्रोजेक्ट बैगर फ्री बांग्लादेश पर पूरी प्रतिबद्धता से साथ कार्य किया जा रहा है। यहां इस प्रोजेक्ट को सफल बनाने के लिए सरकारी स्तर पर कार्य कर रही प्रत्येक कड़ी ने एक-एक दिन का वेतन दिया है। मंत्री एवं प्रधानमंत्री ने भी इसमें अपना योगदान दिया है। ऐसे में एकत्र हुई कुल राशि जितनी राशि सरकार द्वारा दी गई। जिसके बाद बैगर्स के लिए योजनाएं बनाते हुए उनके पुनर्वास का कार्य किया जा रहा है। जो व्यक्ति जिस भी विधा में रुचि रखता है। उस प्रकार का रोजगार एवं साधन मुहैया कराए जा रहे हैं।