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अवारा एवं बेसहारा पशुओं का रैनबसेरा बन रहे मुख्य मार्ग

जागरण संवाददाता, झज्जर : अवारा एवं बेसहारा पशुओं का खुलेआम सड़क पर घूमना बेशक ही वा

By JagranEdited By: Published: Tue, 28 Aug 2018 06:51 PM (IST)Updated: Tue, 28 Aug 2018 11:34 PM (IST)
अवारा एवं बेसहारा पशुओं का रैनबसेरा बन रहे मुख्य मार्ग
अवारा एवं बेसहारा पशुओं का रैनबसेरा बन रहे मुख्य मार्ग

जागरण संवाददाता, झज्जर : अवारा एवं बेसहारा पशुओं का खुलेआम सड़क पर घूमना बेशक ही वाहन चालकों एवं अन्य राहगीरों के लिए एक बड़ी परेशानी का कारण है। दिन के समय की बात हो तो किसी तरह से बचाव हो जाता है। लेकिन रात को इन पशुओं का इस तरह से घूमना बेशक ही दुर्घटनाओं का अंदेशा भी बढ़ाता है। समय-समय पर पुलिस एवं प्रशासन के स्तर पर ऐसे अभियान भी यहां जोर शोर से चलाए गए हैं। जिनका कुछ दिनों तक तो असर दिखता है। लेकिन बाद में वहीं स्थिति हो जाती है। हालांकि प्रक्रिया की गहराई में जाए तो बेशक ही सतत चलने वाला अभियान है। यहां जरूरी है कि प्रशासनिक स्तर पर व्यवस्था से जुड़े हुए अधिकारी मामले को गंभीरता से लेते हुए इस तरह के कदम उठाते हुए योजना तैयार करें। जिससे समस्या का समाधान होना सुनिश्चित हो सके। इधर, सोमवार को जिला मुख्यालय पर उपायुक्त सोनल गोयल ने भी पत्रकार वार्ता के दौरान इस बात का जिक्र किया था कि आने वाले दिनों में एसडीएम के स्तर इस समस्या को देखा जाएगा। जिससे यह उम्मीद तो जगती है कि आने वाले दिनों में इस दिशा में कुछ कार्य होगा। रात के अंधेरे में सड़कों पर बना पशुओं का रैन-बसेरा : दैनिक जागरण की टीम ने सोमवार रात शहर के मुख्य मार्गों का जायजा लिया तो शायद ही ऐसा कोई मुख्य मार्ग या अप्रोच सड़क हो। जहां पर इस तरह से पशु बीच सड़क में या साइड में नहीं बैठे हो। मुख्य चौराहों पर तो पशुओं के झुंड बैठे हुए दिखाई दिए। कुछ मार्गों पर तो स्थिति ऐसी थी कि पशुओं के बैठने के कारण सड़क से वाहनों के गुजरने की जगह ही नहीं बचती। वहीं, वाहन चालकों का कहना था कि कई जगह अंधेरे में आवारा पशु दिखाई नहीं देते है। इस कारण कई हादसे भी हुए है। हादसे में वाहन चालक तथा अवारा पशु दोनों को चोट लगने की आंशका बनी रहती है। चौक चौराहों पर स्थिति ऐसी थी कि वहां पशुओं के बड़े बड़े झुंड दिखाई दिए। राव तुला राम चौक पर करीब 35 बेसहारा पशु मिले। वहीं सिलानी गेट से कुलदीप चौक तक 38 से अधिक पशु मौजूद थे। बेशक ही यह भी एक ¨चता का विषय है कि बार बार हॉर्न बजाने के बाद भी पशु मुख्य मार्ग से हटते नहीं है। इधर, रोशनी नहीं होने के कारण बीच के फुटपाथ पर बैठे रहने वाले पशुओं के गाड़ी के नीचे आने से भी दुर्घटना का अंदेशा बना रहता है। ::::पालिका सचिव नरेंद्र सैनीसोमवार रात से अभियान जारी कर दिया गया है। रात को 15 अश्व पकड़े गए है। आने वाले दिनों में भी यह अभियान जारी रहेगा। - सुनील निमाणा संचालक गौकुल धाम गौ सेवा महातीर्थ का कहना है कि पिछले पांच साल में करीब 37 हजार बेसहारा पशुओं का इलाज कर चुके है। शहर के कैटल फ्री होने के बाद उन्होंने सड़क हादसों में लगभग तीन हजार से ज्यादा बेसहारा पशुओं का ईलाज किया है। वहीं बरसात के मौसम में इस तरह के सड़क हादसों की संख्या 35 से 40 हो जाती है।

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जिला गोशाला संगठन के प्रधान मास्टर हवा ¨सह कबलाना का कहना है कि प्रशासनिक स्तर पर जब इन पशुओं को पकड़कर गोशालाओं में भेजा जाता हैं तो बेशक ही वहां के प्रबंधन को जरूर विश्वास में लेना चाहिए। भविष्य में विकराल होती दिख रही इस समस्या से समाधान की दिशा में पुख्ता स्तर पर योजनाबद्ध ढंग से कदम उठाएं जाए।


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