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सीएम दरबार में उठी छुछकवास के चौक पर लगने वाले जाम की समस्या

जागरण संवाददाता, झज्जर : छुछकवास गांव के चौक पर अधिकांश समय लगने वाले जाम का मुद्दा सीएम म

By JagranEdited By: Published: Thu, 01 Nov 2018 06:46 PM (IST)Updated: Thu, 01 Nov 2018 06:46 PM (IST)
सीएम दरबार में उठी छुछकवास के चौक पर लगने वाले जाम की समस्या
सीएम दरबार में उठी छुछकवास के चौक पर लगने वाले जाम की समस्या

जागरण संवाददाता, झज्जर : छुछकवास गांव के चौक पर अधिकांश समय लगने वाले जाम का मुद्दा सीएम मनोहर लाल के दरबार में जोर-शोर से उठाया गया है। निगरानी समिति के अध्यक्ष और छुछकवास गांव के सरपंच महेंद्र ¨सह यादव ने ग्रामीणों के प्रतिनिधिमंडल के साथ 30 अक्टूबर को मुख्यमंत्री से मुलाकात करते हुए समस्या के समाधान की दिशा में तेजी से कदम उठाए जाने की मांग से जुड़ा हुआ ज्ञापन भी उन्हें सौंपा है।

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सरपंच महेंद्र के मुताबिक बुधवार को भी चौक के चहुंओर करीब तीन किलोमीटर तक वाहन जाम में फंसे रहें। जिससे समय और तेल दोनों की बर्बादी भी होती है। ऐसे में समस्या का माकूल समाधान किया जाना अब जरूरी हो गया है। यह है मामला

छुछकवास गांव के चौक पर लगने वाला जाम यहां से गुजरने वाले लोगों के अलावा व्यवस्था से जुड़े लोगों के लिए भी सिर दर्द बना हुआ है। उल्लेखनीय है कि छुछकवास चौक आसपास के करीब 50 गांवों के लोगों के लिए खरीदारी करने का मुख्य केंद्र है। इधर, नेशनल हाईवे 334 बी जिले के सबसे व्यस्त मार्गो में से एक है। जो कि उत्तर प्रदेश से सीधे राजस्थान को जोड़ता है। वहीं कोसली से रोहतक, झज्जर व नारनौल, महेंद्रगढ़-बहुझोलरी-मातनहेल-रोहतक व झज्जर को जाने वाले वाहन भी छुछकवास चौक से होकर गुजरते हैं। हजारों की संख्या में गुजरने वाले वाहनों के अलावा झाड़ली में दो थर्मल पावर प्लांट तथा अन्य कई तरह के उद्योग होने के कारण वाहनों का बड़ी संख्या में आवागमन भी यहां से ही होता है। देखा जाए तो छुछकवास चौक पर अतिक्रमण भी जाम लगने का एक बड़ा कारण है। हालांकि, पिछले दिनों पुलिस प्रशासन के स्तर पर दिखाई गई सख्ती में झज्जर से छुछकवास को जोड़ने वाले मार्ग पर दुकानों के बाहर किए गए अतिक्रमण को व्यापक स्तर पर हटाने का कार्य भी किया गया था। लेकिन स्थिति अभी भी सुधर नहीं पाई है। छुछकवास चौक ट्रैक्टर-ट्राली उद्योग का भी मुख्य केंद्र है। बड़ी संख्या में ट्रैक्टर-ट्रॉली, डंपर, टैंकर आदि का निर्माण करने वाली अधिकांश इकाइयां सड़कों के साथ मौजूद हैं। इसे भी केंद्र में रखते हुए प्रशासनिक स्तर पर कदम उठाया जाना चाहिए। ताकि जिससे व्यापार को भी नुकसान नहीं हो और यहां से गुजरने वाले वाहनों को भी कोई परेशानी नहीं हो।

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स्कूलों की बसें भी अक्सर फंसी रहती हैं जाम में

छुछकवास क्षेत्र के आस-पास सबसे अधिक शिक्षण संस्थाएं हैं। हर रोज यहां पर हजारों की संख्या में विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करने के लिए आते हैं। इनके अलावा आसपास के गांवों में स्थित स्कूलों के बच्चों की बसें इन मार्गो से गुजरती है। यहां पर लगे रहने वाले जाम की वजह से स्कूली विद्यार्थियों की बसें भी जाम में फंसी रहती हैं। सुबह स्कूल खुलने व दोपहर बाद स्कूलों की छ़ुट्टी होने के समय समस्या और अधिक बढ़ जाती है। जिससे बेशक ही विद्यार्थियों का बड़ा समय जाम में फंसने के कारण व्यर्थ होता है।

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पुलिस को करनी पड़ती है दिन भर मशक्कत

छुछकवास चौक से बड़ी संख्या में लंबे ट्रक तथा ट्राले गुजरते हैं। चौक पर इनको मोड़ने के लिए जगह कम होने व वाहनों की संख्या अधिक होने के कारण परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके लिए पुलिस को भी दिन भर कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। हालांकि पुलिस के जवान अधिकांश समय चौक पर तैनात रहते हैं और यातायात व्यवस्था को बनाने के लिए मशक्कत करते रहते हैं। लेकिन चहुंओर से बनने वाले दबाव के कारण वह भी यथासंभव मदद नहीं कर पाते।

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छुछकवास चौक से वाहनों का आवागमन अधिक है। बड़े ट्रक तथा ट्राले भी इस चौक से अधिक गुजरते हैं। जगह कम होने के कारण लंबे वाहनों को मोड़ने में समस्या आती है। बाइपास का निर्माण नहीं होने तक समस्या का समाधान होना संभव नहीं है। 30 अक्टूबर को मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकात करते हुए समाधान निकलवाए जाने की बात दोहराई है। जिस पर उन्होंने आश्वस्त करते हुए टीम में मौजूद रहे अधिकारियों को निर्देश भी दिए है। इससे पहले कुछ दिन पूर्व कैबिनेट मंत्री राव नरबीर ¨सह के समक्ष भी समस्या को रखा गया था। उन्होंने भी अतिशीघ्र समाधान करवाए जाने की बात कही थी।

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महेंद्र ¨सह यादव, सरपंच तथा निगरानी समिति के अध्यक्ष।


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