मांगें न मानी तो 7 और 8 जून को करेंगी हड़ताल
जागरण संवाददाता, झज्जर : स्टेट यूनियन के आह्वान पर आशा वर्करों ने जिला मुख्यालय पर प्रदर्श
जागरण संवाददाता, झज्जर :
स्टेट यूनियन के आह्वान पर आशा वर्करों ने जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया और कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ के निवास के नजदीक झज्जर के तहसीलदार को एक ज्ञापन सौंपा। भरी दोपहर में चिलचिलाती धूप के बीच शहर के मुख्य जलघर से कृषिमंत्री के निवास तक आशा वर्करों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जोरदार जुलूस भी निकाला। प्रदर्शन कर रही आशा वर्करों को कृषिमंत्री के निवास से पहले ही बैरिकेड्स लगा कर रोक दिया गया और वहीं पर कृषिमंत्री के निवास पर मौजूद उनके प्रतिनिधियों और झज्जर के तहसीलदार नरेंद्र दलाल को ज्ञापन सौंपा गया।
प्रदर्शन की अध्यक्षता अनीता भागलपुरी ने की। जुलूस शुरू होने से पहले अनिता भागलपुरी ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के साथ 1 फरवरी को आशा वर्कर का समझौता हुआ था। जिसमें हरियाणा ने माना था कि सभी आशाओं के मिलने वाले निर्धारित राशि को 4000 रुपये कर दिया जाएगा। इसके अलावा अलग अलग कार्यों की प्रोत्साहन राशि में बढ़ोतरी पर सहमति बनी थी। परंतु आज पांच माह का समय बीत जाने के पश्चात भी इस पर कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया। सरकार के इस रवैये से आशा वर्करों में भारी रोष है। सभा को संबोधित करते हुए जिला सचिव किरण बहराणा ने मांग की कि जिन आठ ¨बदुओं पर सहमति बनी थी, हरियाणा सरकार उनका नोटिफिकेशन ज्यों का त्यों जारी करे अन्यथा हरियाणा की बीस हजार आशा वर्कर 7 और 8 जून को दो दिन की हड़ताल पर चली जाएगी। अगर फिर भी सरकार की नींद नहीं खुली तो अनिश्चित कालीन हड़ताल का फैसला लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार आशाओं को डराने का प्रयास न करें। हमने पहले भी आंदोलन चलाए हैं। सरकार को हमारी जायज मांगें को मानना ही पड़ेगा।
सीटू की जिला अध्यक्ष सरोज दुजाना ने कहा कि हरियाणा सरकार गरीब लोगों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। यह पहली बार हो रहा है कि समझौता लागू करवाने के लिए भी हमें आंदोलन करना पड़ रहा हैं। इस प्रदर्शन में रामचंद्र यादव, अनीता, सुमन, सुदेश, पुष्पा, ललिता, पूनम आदि ने संबोधित किया। सरकार की गलत नीतियों से कर्मचारी परेशान: भुक्कल
आशा वर्करों की ओर से रविवार को जताए गए विरोध प्रदर्शन पर पूर्व शिक्षा मंत्री एवं विधायक गीता भुक्कल ने कहा कि आज आशा वर्कर सहित अन्य कर्मचारी संगठन मजबूरी वश सड़कों पर उतरते हुए अपना विरोध जता रहे हैं। स्थिति यह है सरकार की गलत नीतियों का परिणाम हर स्तर पर कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाली इस सरकार में बेटी हो या मां दोनों ही दु:खी है। लेकिन सरकार की गंभीरता किसी भी विषय पर दिखाई नहीं देती।