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बेरी की बेटी को मिला अर्जुन अवार्ड, पूजा कादियान ने वुशू में किया है नाम रोशन

अमित पोपली, झज्जर महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ को¨वद से मंगलवार को अर्जुन अवार्ड प्राप्त करने

By JagranEdited By: Published: Wed, 26 Sep 2018 12:29 AM (IST)Updated: Wed, 26 Sep 2018 12:29 AM (IST)
बेरी की बेटी को मिला अर्जुन अवार्ड, पूजा कादियान ने वुशू में किया है नाम रोशन
बेरी की बेटी को मिला अर्जुन अवार्ड, पूजा कादियान ने वुशू में किया है नाम रोशन

अमित पोपली, झज्जर

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महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ को¨वद से मंगलवार को अर्जुन अवार्ड प्राप्त करने के बाद बेरी की बेटी पूजा कादियान ने पहली प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्होंने जितना सोचा था, उससे भी ज्यादा मिला है। आज उनके लिए वह बहुत बड़ा दिन है। अपनी नानी के साथ पुरस्कार लेने गई पूजा कहती हैं किक, पं¨चग और जूडो का मिश्रण वाला वुशू खेल हर बच्चे के लिए जरूरी है। लड़का या लड़की कोई भी इस खेल को खेल सकता है। विशेष तौर पर बात लड़कियों की हो तो वुशू उन्हें आत्मरक्षा के लिए पूरी तरह तैयार कर देता है। इसी आत्मरक्षा से जुड़ाव के लिए खेलों में आई पूजा अब किसी पहचान की मोहताज नहीं है।

साधारण से परिवार और कड़े संघर्ष के बूते इस मुकाम को हासिल करना पूजा के लिए इतना भी आसान नहीं था। पूजा ने जो तरकीब उपले थापते सीखीं, उन्हीं तरकीबों को अपनाते हुए वुशू विश्व चैंपियनशिप में अपनाकर इतिहास रच दिया था। गौरतलब है कि करीब 11 माह पूर्व पूजा कादियान ने रूस के कजान में आयोजित वुशू विश्व चैंपियनशिप में भारत के लिए पहला गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया था। झज्जर जिले की वुशू खिलाड़ी पूजा कादियान 2008 से लगातार नेशनल चैंपियन रही हैं। इन्होंने तीन बार व‌र्ल्ड चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता है और एक बार गोल्ड मेडल जीत चुकी है। शुरुआती दौर में उन्हें परिवार का बिल्कुल सपोर्ट नहीं मिला। वह घर पर उपले थापते वक्त ही प्रैक्टिस किया करती थीं। हाल समय में पूजा सीआरपीएफ में हैं।

बातचीत में उन्होंने बताया कि वह अब आने वाले समय में हरियाणा में जॉब करने का प्लॉन कर रही है। ऐसे में वह यहीं पर खेलते हुए मेहनत करेगी। फिलहाल उनका पूरा ध्यान वुशू की व‌र्ल्ड कप प्रतियोगिता पर लगा हुआ है।

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एक छोटे से गांव की रहने वाली लड़की अगर देश के लिए गोल्ड मेडल जीतकर आए ये हर परिवार के लिए गर्व की बात होगी। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि इस खेल के लिए शुरुआत में पूजा के परिवार के लोग बिल्कुल राजी नहीं हुए थे। उन्हें हमेशा इस बात की टेंशन रहती थी कि लोग उनकी बेटी के बारे में बुरा भला कहेंगे। ताइक्वांडो की शिक्षा लेने के लिए उन्होंने छिपकर प्रैक्टिस

करना शुरू किया। जब धीरे - धीरे उनका खेल लोगों के सामने आया तो नाराजगी भी झेलनी पड़ी। लेकिन नानी का पूरा स्पोर्ट मिलने के कारण वह इस मुकाम पर पहुंच पाई। अर्जुन अवार्ड प्राप्त करने वाली पूजा कादियान ने पिछले वर्ष वुशू व‌र्ल्ड चैंपियनशिप में भारतीय इतिहास का पहला स्वर्ण जीता था। कजान में आयोजित हुई इस प्रतियोगिता में फाइनल में उन्होंने रूस की इव्वियाया स्टेपानोवा को हराया था।


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