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फार्मासिस्टों की हड़ताल ने मरीजों को किया परेशान

सिविल अस्पताल के फार्मासिस्टों की हड़ताल ने बृहस्पतिवार को मरीजों को परेशान किया। सुबह से अस्पताल में आए मरीजों में से ज्यादातर बिना दवा लिए ही लौट गए। इधर हड़ताली फार्मासिस्ट अपनी मांगों को लेकर दिन भर अस्पताल के बाहर गरजते रहे।

By JagranEdited By: Published: Thu, 29 Aug 2019 11:22 PM (IST)Updated: Sat, 31 Aug 2019 06:46 AM (IST)
फार्मासिस्टों की हड़ताल ने मरीजों को किया परेशान
फार्मासिस्टों की हड़ताल ने मरीजों को किया परेशान

जागरण संवाददाता, झज्जर:

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सिविल अस्पताल के फार्मासिस्टों की हड़ताल ने बृहस्पतिवार को मरीजों को परेशान किया। सुबह से अस्पताल में आए मरीजों में से ज्यादातर बिना दवा लिए ही लौट गए। इधर, हड़ताली फार्मासिस्ट अपनी मांगों को लेकर दिन भर अस्पताल के बाहर गरजते रहे।

सुबह अस्पताल में ओपीडी शुरू होने से पहले ही मरीज पहुंचे हुए थे। डाक्टरों ने चेकअप के बाद दवाइयां लिखी, मगर फार्मासिस्ट हड़ताल पर थे, ऐसे में मरीजों की लाइन लग गई। काफी मरीजों को दवाइयां नहीं मिली। यूं ब्यां किया दर्द :

केस-1 : झज्जर के पन्नालाल ने बताया कि वे तीन दिन से अस्पताल के चक्कर काट रहे हैं। उन्हें हार्ट की बीमारी है। दवा लेने के लिए यहां आए थे, लेकिन नहीं मिल पाई। अब उन्हें बिना दवा लिए ही घर जाना पड़ेगा। अस्पताल में दवा वितरण कार्य नहीं हो रहा। केस-2: भिडावास निवासी बलवंत सिंह का कहना था कि वे कान की दवाई लेने के लिए आए थे। डाक्टरों ने दवाई लिख दी। सुबह 9 बजे यहां आए तो डिस्पेंसरी में कर्मचारी बैठे थे। उन्होंने दवाई की पर्ची अंदर दी तो कर्मचारियों ने पर्ची बाहर फेंक दी। खिड़की बंद करके चले गए। केस-3: धौड़ गांव के वीरेंद्र ने बताया कि वे अल्ट्रासाउंड भी बाहर से करवा कर आए थे। उम्मीद थी अस्पताल में दवा तो मिल जाएगी, मगर नहीं मिली। जहाजगढ़ के गोपी राम ने बताया कि वे तीन दिन से मेडिकल के चक्कर लगा रहे हैं। दवा लेने आते हैं तो नहीं मिल पाती। महिला राज कुमारी व छुड़ानी निवासी प्रेम ने बताया कि सुबह से यहां आए थे। थोड़ी देर के लिए कर्मचारी डिस्पेंसरी में आए मगर बिना दवा दिए खिड़की बंद करके चले गए। प्रबंधन ने तुड़वाया ताला :

हड़ताली कर्मचारियों ने डिस्पेंसरी पर बाहर से ताला लगा दिया। इसका पता लगते ही अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक ने हथौड़ा मंगवाया और ताला तोड़ा गया। इसके बाद दवा वितरण के लिए अलग स्टाफ मुहैया कराया गया। मगर उससे पहले काफी मरीज दवा न मिलने से वापस लौट गए थे।


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