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अष्टमी पर लोगों ने खोला व्रत, किया कंजक पूजन

जागरण संवाददाता झज्जर नवरात्र की अष्टमी पर शनिवार को मां भगवती के महागौरी स्वरूप का पू

By JagranEdited By: Published: Sun, 14 Apr 2019 12:18 AM (IST)Updated: Sun, 14 Apr 2019 12:18 AM (IST)
अष्टमी पर लोगों ने खोला व्रत, किया कंजक पूजन
अष्टमी पर लोगों ने खोला व्रत, किया कंजक पूजन

जागरण संवाददाता, झज्जर : नवरात्र की अष्टमी पर शनिवार को मां भगवती के महागौरी स्वरूप का पूजन कर भक्तों ने मां से सुख-समृद्धि की कामना की। वहीं, नवरात्र पर व्रत रखने वाले कई भक्तों ने कंजक पूजन के बाद व्रत खोला। शनिवार को मंदिरों में भक्तों की अन्य दिनों की अपेक्षा ज्यादा भीड़ जुटी। बेरी स्थित मां भीमेश्वरी देवी के मंदिर में मां के दर्शन के लिए मंदिर से लेकर सड़क तक भक्तों की लंबी कतारे देखने को मिली। जिसके चलते काफी इंतजार के बाद मां के दर्शन के लिए बारी आई। नियमानुसार व्रत रखने वाले भक्तों के अलावा माता की पूजा अर्चना करने वाले श्रद्धालुओं ने कंजकों एवं एक कुमार को विधिवत घर बुलाकर उनके पाव धोकर पूजा अर्चना की। कंजकों को वस्त्र, आभूषण, फल दक्षिणा आदि दी गई। इधर, शहर के विभिन्न मंदिरों में भी दिन भर भक्तिपूर्वक माहौल बना रहा। ---कंजक पूजा का है विशेष महत्व पंडित वीरेंद्र शर्मा का कहना है कि नवरात्र के दौरान कन्या यानी कंजक पूजन का विधान है। मान्यता है कि होम, जप और दान से देवी इतनी प्रसन्न नहीं होतीं, जितनी कन्या पूजन से। विधिवत, सम्मानपूर्वक कन्या पूजन करने वाले पर मां दुर्गा अपनी कृपा बरसाती हैं और उस पर कोई संकट नहीं आता। जिसका असर यह है कि निरंतर यह परंपरा चली आ रही है और लोग इसे श्रद्धापूर्वक मनाते भी हैं। जबकि कुछ लोग नवमी के मौके पर भी पूजन करते है। ऐसे में उन्हें भी इसी विधान से पूजा करते हुए मंगल कामना के लिए आशीर्वाद मांगना चाहिए। --कंजकों की कमी खली मां के पावन नवरात्र के बाद शनिवार को अष्टमी के दिन गलियों, मौहल्लों में करीब 10 बजे तक लोग नंगे पैर अपने परिवार सहित इधर-उधर घूमते हुए दिखाई दिए। जिस घर में कंजकें बैठाई जा रही थी, उसके बाहर अन्य परिवारों के सदस्य केवल इसी इंतजार में खड़े थे, कि कंजकें आए और उन्हें हम आदर सहित अपने घर में ले जाए। जबकि कंजकों का क्या, उनके पास तो लंबी लिस्ट थी, कि अब इस अंकल के घर जाना है और उसके इस आंटी के घर। कुछ महिलाओं ने तो कंजकों की बुकिग एक दिन पहले ही करवा दी थी जबकि कुछ लोग कंजकों की तलाश में इधर उधर गली मौहल्लों में घूमते हुए दिखाई दिए। हालांकि, कुछ तो सिर्फ कंजकों के नाम की प्लेट रखते हुए पूजा करने के बाद घर तक पहुंचा कर आए। बेटियों के नाम पर होने वाली पूजन को लेकर गली-गली में खूब चर्चा रही।

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