आगे बढ़ने के लिए मानसिक बल सबसे अधिक जरूरी
जागरण संवाददाता, झज्जर : राजकीय स्नातकोतर नेहरू महाविद्यालय में महिला सशक्तिकरण से संबंधित
जागरण संवाददाता, झज्जर : राजकीय स्नातकोतर नेहरू महाविद्यालय में महिला सशक्तिकरण से संबंधित 'एक और सुधार' कार्यक्रम का आगाज हुआ। राज्य सरकार के सौजन्य से संचालित इस अभियान के तहत 'रक्षा बंधन - नारीत्व के जश्न का अवसर' पर केंद्रित तीन दिवसीय कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। महाविद्यालय की प्राचार्या दीपा कुमारी ने बताया कि वीरवार को आयोजित गतिविधियों की थीम 'आरम्भ' रही, जिसके तहत महाविद्यालय में स्लोगन लेखन एवं समूह चर्चा करवाई गई। स्लोगन का विषय महिला सुरक्षा एवं सशक्तिकरण तथा समूह चर्चा के विषय लैंगिक ¨हसा, महिलाओं की गरिमा तथा सुरक्षा एवं महिलाओं का राष्ट्रीय विकास में योगदान रहे। बीए द्वितीय वर्ष के छात्र मनीष तथा बीए अंतिम वर्ष की छात्रा ज्योति तथा मुकेश ने चर्चा में अपने मत प्रस्तुत किए। मनोविज्ञान प्राध्यापक डा. प्रदीप यादव ने समाज में लड़कियों के पालन-पोषण के तौर-तरीकों से लेकर उनके अनेक सामाजिक हित से जुड़े मुद्दों पर अपना वक्तव्य दिया। उन्होंने कहा कि दुर्व्यवहार तथा शोषण करने वालों को शर्मिदगी होनी चाहिए, ना कि पीड़ित को। विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए अर्थशास्त्र प्राध्यापक डा. धनपत ग्रेवाल ने कहा कि ज्ञान सबसे बड़ी ताकत है तथा आर्थिक आजादी से ही हर प्रकार की आजादी मिल पाती है और जिन रीतियों ने हमें कमजोर बनाया है, उनको पीछे छोड़ना है। डा. प्रताप फलसवाल ने कहा कि हिम्मत रखने से ही राह मिलती है और आगे बढ़ने के लिए मानसिक बल सबसे अधिक जरूरी है। वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ रवि किरण मदान ने अनेक सफल महिलाओं के उदहारण देते हुए छात्राओं को खुद की मेहनत के बूते पर सफलता के नए आयाम स्थापित करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने जिला उपायुक्त सहित कई महिला मंत्रियों, अधिकारियों तथा खिलाड़ियों के उदाहरण दिए। महिला प्रकोष्ठ प्रभारी डा कविता ने मंच संचालन किया तथा प्रकोष्ठ के सदस्य डा. स्वाति, डा. तमसा, भूमिका तथा डा.नवीन ने कार्यक्रम का संयोजन किया।