ईडी के जांच दायरे में आई एचएल रेजीडेंसी में बड़े अफसरों ने भी खरीद रखी हैं बेनामी संपत्ति
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच के दायरे में आई एचएल रेजीडेंसी में प्रदेश के बड़े-बड़े अफसरों ने भी बेनामी संपत्तियां खरीद रखीं हैं। रेजीडेंसी में खरीदीं गईं बेनामी संपत्तियों में यहां के आला अफसरों का काला धन लगा होने का शक ईडी को है। रेजीडेंसी की ओर से बेनामी संपति खरीदने और स्टांप ड्यूटी चोरी किए जाने के आरोपों के साथ-साथ ईडी को मिली शिकायत में कई आला अफसरों की ओर से भी इस रेजीडेंसी में बेनामी संपति खरीदने का आरोप है। चर्चा तो यह भी है कि प्रदेश के एक बड़े नेता के पीए ने भी यहां पर संपति की खरीद-फरोख्त की है। ईडी ने इस पहलू से भी अपनी जांच शुरू की है। ईडी को पता चला है कि यहां बेनामी संपत्तियां खरीदने में नगर योजनाकार राजस्व पुलिस समेत प्रदेश के कई विभागों के आला अफसर शामिल हैं। अगर जांच गहराई से हुई तो इन विभागों के कई अफसरों की कलई खुल सकती है।
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच के दायरे में आई एचएल रेजीडेंसी में प्रदेश के बड़े-बड़े अफसरों ने भी बेनामी संपत्तियां खरीद रखीं हैं। रेजीडेंसी में खरीदीं गईं बेनामी संपत्तियों में यहां के आला अफसरों का काला धन लगा होने का शक ईडी को है। रेजीडेंसी की ओर से बेनामी संपति खरीदने और स्टांप ड्यूटी चोरी करने के आरोपों के साथ-साथ ईडी को मिली शिकायत में कई आला अफसरों की ओर से भी इस रेजीडेंसी में बेनामी संपत्ति खरीदने का आरोप है। चर्चा तो यह भी है कि प्रदेश के एक बड़े नेता के पीए ने भी यहां पर संपति की खरीद-फरोख्त की है। ईडी ने इस पहलू से भी अपनी जांच शुरू की है। ईडी को पता चला है कि यहां बेनामी संपत्तियां खरीदने में नगर योजनाकार, राजस्व, पुलिस समेत प्रदेश के कई विभागों के आला अफसर शामिल हैं। अगर जांच गहराई से हुई तो इन विभागों के कई अफसरों की कलई खुल सकती है। उधर, ईडी की ओर से तहसील कार्यालय से मांगी गई रजिस्ट्रियों के अलावा एचएल रेजीडेंसी की अन्य रजिस्ट्रियों में भी स्टांप ड्यूटी का भारी खेल खेला गया है। आडिट विभाग की जांच में इस तरह के खुलासे हुए हैं, मगर तहसील अधिकारियों की ओर से इस दिशा में कोई कार्रवाई एचएल रेजीडेंसी पर नहीं की गई है। सुविधाओं पर खर्च करोड़ों का बजट, एचएल रेजीडेंसी पर रही है अफसरों की नजरें इनायत
बहादुरगढ़ में वैसे तो कई रियल एस्टेट कंपनियों के अपार्टमेंट हैं। मगर कई सालों के बाद भी अब तक वहां पर मूलभूत सुविधाएं सरकार की ओर से मुहैया नहीं कराई गई। यहां के निवासी भी बार-बार प्रदर्शन कर चुके हैं लेकिन स्थिति जस की तस है। वहीं एचएल रेजीडेंसी के लिए यहां के सरकारी अफसरों की नजरें इतनी इनायत हुई हैं कि सरकारी खजाने से करोड़ों की राशि रेजीडेंसी के चारों ओर सुविधाओं को पूरा करने के लिए खर्च कर दी गई। इन अफसरों की ओर से किए गए विकास कार्य भी विजिलेंस के निशाने पर हैं। मूलभूत सुविधाएं के प्रोजेक्ट पर करोड़ों की राशि खर्च होने से ही इस बात को दम मिलता है कि यहां पर इन आला अफसरों की काली कमाई लगी हुई है। वर्जन..
एचएल सिटी में जिसने भी कोई प्रापर्टी खरीदी है वह किसी न किसी नाम से ही है। अगर किसी अफसर ने भी खरीदी होगी तो वह भी उनके नाम से ही होगी। जो भी आरोप हैं वो सभी बेबुनियाद हैं।
-राकेश जून, निदेशक, एचएल रेजीडेंसी, बहादुरगढ़।