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रिसेप्शन कार्यक्रम नहीं होने से होटल इंडस्ट्री को होगा मोटा नुकसान

- अभी से सता रही चिता 21 अप्रैल को अबूझ सावा

By JagranEdited By: Published: Wed, 14 Apr 2021 05:22 PM (IST)Updated: Wed, 14 Apr 2021 05:22 PM (IST)
रिसेप्शन कार्यक्रम नहीं होने से होटल इंडस्ट्री को होगा मोटा नुकसान
रिसेप्शन कार्यक्रम नहीं होने से होटल इंडस्ट्री को होगा मोटा नुकसान

- अभी से सता रही चिता, 21 अप्रैल को अबूझ सावा

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- 20 जुलाई से 15 नवंबर तक चातुर्मास में नहीं हो पाएंगे मांगलिक कार्य जागरण संवाददाता, झज्जर : 21 अप्रैल, रामनवमी के मौके पर आए अबूझ सावे के साथ शादियों के मुहूर्त की शुरुआत हो रही है, लेकिन कोरोना भी अपनी रफ्तार बढ़ा रहा है। इसलिए शुभ मंगल के साथ-साथ शादियों के सीजन में अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता है। खरमास के बाद इस साल शादियों के लिए 55 मुहूर्त हैं, जिनमें चार अबूझ सावे भी शामिल हैं। जिनमें 21 अप्रैल को भी रामनवमी का अबूझ सावा है। बॉक्स :

दरअसल, बढ़ रहे कोरोना संक्रमण की वजह से शादी समारोह में मेहमानों की संख्या निर्धारित कर दी है। कोरोना क‌र्फ्यू लगाए जाने के बाद पाबंदियां और ज्यादा सख्ती से लागू होगी। क्योंकि, 9 बजे के बाद विशेष परिस्थितियों में ही लोग अपने घर से बाहर निकल पाएंगे। इधर, पंडित गुलशन शर्मा ने बताया कि 21 अप्रैल रामनवमी के अबूझ सावे की श्रृंखला में 14 मई अक्षय तृतीया, 26 मई को पीपल पूर्णिमा व 18 जुलाई को भडल्या नवमी पर भी अबूझ मुहूर्त हैं। हालांकि, पिछली दफा भी शुभ मंगल कार्यक्रम के काफी मुहूर्त थे। लेकिन, कोरोना संक्रमण के डर की वजह से लोगों ने शादियां रद्द कर दी थी और नई उम्मीद के साथ 2021 में तिथियां तय की गई। अब पुन: हालात बदल रहे हैं। जिससे लोगों की मानसिक परेशानी भी बढ़ने लगी हैं। बता दें कि बहुत से लोगों ने शादी समारोह को लेकर मैरिज हॉल, वाटिका, घोड़ी, कैटरर्स, रिसोर्ट, बैंडबाजा, कैटरिग, टैंट, आदि भी बुक कर लिए हैं, लेकिन संक्रमण की बढ़ती रफ्तार ने इनके माथे पर चिता की लकीरें खींच दी है। चातुर्मास में मांगलिक कार्य नहीं होंगें, 20 जुलाई से 15 नवंबर तक

- 20 जुलाई को आषाढ़ शुक्ल देवशयनी एकादशी होने से वैवाहिक या मांगलिक कार्य नहीं हो पाएंगे। फिर 15 नवंबर को कार्तिक शुक्ल देवोत्थान यानी देवउठनी एकादशी से मांगलिक कार्य शुरू होंगे। मई और जून में इस साल विवाह के लिए अधिक और अच्छे मुहूर्त हैं। इन तिथियों के साथ ही अप्रैल में रामनवमी व अन्य त्योहारों पर भी देव मुहूर्त रहता है, जिसमें भी विवाह समारोह कर सकते हैं। 21 अप्रैल से शुरू हो रहा यह वैवाहिक मुहूर्त 16 जुलाई तक रहेगा। इसके बाद चातुर्मास लगने से मांगलिक कार्यक्रम बंद हो जाएंगे। रिसेप्शन कार्यक्रम नहीं होने से होटल इंडस्ट्री को होगा मोटा नुकसान : शुभ मंगल कार्यक्रम में रिसेप्शन भी एक बड़ा आयोजन रहता हैं। लेकिन, जिस तरह से कोरोना क‌र्फ्यू लागू किया गया है। इससे रिसेप्शन कार्यक्रम को रद्द करने की दिशा में अभी से कदम बढ़ने लगा हैं। जिससे इस इंडस्ट्री से जुड़े लोग काफी आह्त है। कारण कि उन्हें अपने सामने मोटा नुकसान होता हुआ दिख रहा है। कारोबारी हन्नी शर्मा ने बताया कि रात की शादी का कार्यक्रम तो किसी तरह से दिन में हो सकता है। लेकिन, ऐसा होने से भी लाइटिग, बग्गी, बैंड बाजा आदि को नुकसान होगा। जबकि, रिसेप्शन तो किसी भी सूरत में दिन में नहीं होंगे। कुल मिलाकर, नए सिरे से परेशानियों का समय सिर पर हैं।


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