हांसी में किसान पंचायत आज, सफल बनाने के लिए दिया निमंत्रण
फसलों की लागत से डेढ़ गुना दाम देने कृषि कर्ज माफ करने और हर साल दो करोड़ रोजगार देने के अपने वादे से भाजपा की मोदी सरकार पूरी तरह से मुकर चुकी है। पूंजीपतियों उद्योगपतियों व्यापारियों के लाखों करोड़ रुपये के कर्ज सरकार ने माफ किए हैं। उन्हें टैक्सों में भारी छूट दी है और सस्ते कर्जे व प्रोत्साहन पैकेज दिए हैं। संगठन का मानना है कि आजादी के बाद से ही अब तक की सभी सरकारों ने किसान खेत मजदूरों से हमेशा सौतेला व्यवहार किया है।
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़:
फसलों की लागत से डेढ़ गुना दाम देने, कृषि कर्ज माफ करने और हर साल दो करोड़ रोजगार देने के अपने वादे से भाजपा की मोदी सरकार पूरी तरह से मुकर चुकी है। पूंजीपतियों, उद्योगपतियों, व्यापारियों के लाखों करोड़ रुपये के कर्ज सरकार ने माफ किए हैं। उन्हें टैक्सों में भारी छूट दी है और सस्ते कर्जे व प्रोत्साहन पैकेज दिए हैं। संगठन का मानना है कि आजादी के बाद से ही अब तक की सभी सरकारों ने किसान खेत मजदूरों से हमेशा सौतेला व्यवहार किया है। इससे किसान कंगाल व भूमिहीन खेत मजदूर बेहाल हैं। इन समस्याओं की तरफ सरकार का ध्यान आकर्षित करने और किसान खेत मजदूरों को जागरूक करने के लिए 28 दिसंबर को हांसी अनाज मंडी में एक किसान पंचायत का आयोजन किया जा रहा है। इसके लिए शुक्रवार को अखिल भारतीय किसान खेत मजदूर संगठन ने गांव-गांव में जनसंपर्क अभियान चलाया गया तथा नुक्कड़ सभाएं व ग्रुप बैठक करके किसानों और मजदूरों को हांसी पहुंचने का निमंत्रण भी दिया गया।
संगठन के पदाधिकारियों ने ग्रामीण गरीबों, खेत मजदूरों व किसानों से अपील है कि इस लूट-खसौट, शोषण, दमन, वादाखिलाफी व धोखाधड़ी के खिलाफ 8 जनवरी के ग्रामीण भारत बंद को सफल बनाएं। उन्होंने फसलों के लागत से डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य देने, ऑनलाइन पंजीकरण की नाजायज शर्त हटाने, बैंकों के कर्जे खत्म करने, फसल खराबे का मुआवजा 40 हजार रुपये प्रति एकड़ सरकार द्वारा देने की मांग को लेकर अपना आंदोलन तेज करें।