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1983 पीटीआइ की बहाली के लिए शारीरिक शिक्षक संघ ने प्रदर्शन कर सीएम के नाम सौंपा ज्ञापन

हरियाणा राज्य शारीरिक शिक्षा अध्यापक संघ ने हटाए गए 1983 पीटीआइ के समर्थन में शहर भर में प्रदर्श करते हुए सीएम के नाम ज्ञापन सौंपा। 2010 से पहले लगे शारीरिक शिक्षक खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) कार्यालय पर एकत्रित हुए।

By JagranEdited By: Published: Tue, 07 Jul 2020 08:00 AM (IST)Updated: Tue, 07 Jul 2020 08:00 AM (IST)
1983 पीटीआइ की बहाली के लिए शारीरिक शिक्षक संघ ने प्रदर्शन कर सीएम के नाम सौंपा ज्ञापन
1983 पीटीआइ की बहाली के लिए शारीरिक शिक्षक संघ ने प्रदर्शन कर सीएम के नाम सौंपा ज्ञापन

जागरण संवाददाता, झज्जर : हरियाणा राज्य शारीरिक शिक्षा अध्यापक संघ ने हटाए गए 1983 पीटीआइ के समर्थन में शहर भर में प्रदर्श करते हुए सीएम के नाम ज्ञापन सौंपा। 2010 से पहले लगे शारीरिक शिक्षक खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) कार्यालय पर एकत्रित हुए। यहां से लघु सचिवालय तक प्रदर्शन करते हुए लघु सचिवालय तक पहुंचे। जहां पर नायब तहसीलदार को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में उन्होंने हटाए गए 1983 पीटीआइ को जल्द से जल्द नौकरी पर वापस लेने की मांग की।

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दरअसल, पीटीआइ पिछले 22 दिनों से लघु सचिवालय में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। धरने के दौरान पीटीआइ बहाली की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब तक नौकरी पर वापस नहीं लेते, तब तक उनका धरना प्रदर्शन जारी रहेगा। सोमवार को पीटीआइ प्रवीण कुमार, प्रदीप कुमार, मंजीता और सुषमा क्रमिक अनशन पर बैठे। सभी ने जल्द से जल्द बहाली की मांग की। पीटीआइ के धरने पर पहुंचकर राजकीय प्राथमिक अध्यापक संघ, ग्राम पंचायत भंभेवा, ग्राम पंचायत बिरधाना, ब्लॉक समिति सदस्य प्रदीप कुमार, हिदी अध्यापिका सुमन, राज्य प्रधान सतबीर देशवाल, एईओ सुरजीत, विजय पाल दर्शन, कृष्ण व प्रेमचंद एईईओ आदि ने समर्थन दिया। उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि पीटीआइ को बहाल करते हुए नौकरी पर रखा जाए। सरकार लोगों को रोजगार देने के लिए कदम उठाए न कि छीनने के लिए। सरकार पीटीआइ के हित को देखते हुए उचित कदम उठाते हुए उन्हें नौकरी पर रखने का काम करना चाहिए। अगर ऐसा नहीं हुआ तो वे पीटीआइ के साथ है। संघर्ष समिति के जिल प्रधान देवेंद्र शर्मा ने बताया कि पीटीआइ ने दस साल तक अपनी सेवाएं दी है। लेकिन सरकार ने उन्हें सेवा के बदले नौकरी से निकालकर ईनाम दिया है। लेकिन पीटीआइ भी अपने हक की लड़ाई लड़ने में पीछे नहीं हटेंगे। सरकार पीटीआइ की अनदेखी कर रही है, जिसका खामियाजा उसे भुगतना पड़ेगा। अगर समय रहते इसका हल निकालकर पीटीआइ को बहाल नहीं किया गया तो वे बड़ा आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे। पीटीआइ प्रेमवीर ने कहा कि बढ़ते समर्थन को देखते हुए पीटीआइ का हौसला बढ़ता जा रहा है। वे हर हालत में अपने हक को लेकर रहेंगे।


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