कृषि सुधारों पर वोट की खेती खतरनाक : विक्रम कादयान
कृषि विधेयक और रबी की फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी किसानी लाभ का सौदा बनने जा रही है। जो लोग 2014 से पहले इन सुधारों को किसानों को संजीवनी बता रहे थे आज वही भ्रामक बयानबाजी से धरती पुत्रों को बहका रहे हैं।
जागरण संवाददाता, झज्जर : कृषि विधेयक और रबी की फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी किसानी लाभ का सौदा बनने जा रही है। जो लोग 2014 से पहले इन सुधारों को किसानों को संजीवनी बता रहे थे, आज वही भ्रामक बयानबाजी से धरती पुत्रों को बहका रहे हैं। विपक्ष का यह बहकावा किसानों व खेती-बाड़ी के धंधे की आत्म निर्भरता में एक बहुत बड़ा स्पीड ब्रेकर है। यह बात भाजपा के जिला अध्यक्ष विक्रम कादयान ने यहां जारी बयान में कही।
उन्होंने कहा कि आजाद भारत के लोकतंत्र के इतिहास में यह सुधार क्रांतिकारी व अर्थव्यवस्था के लिए संकटमोचक हैं। जबकि, बड़े दुख की बात यह है कि किसानों की आड़ में प्रॉपर्टी डीलर विरोध कर रहे हैं। उन्हें यह भय है कि यदि कृषि लाभ का सौदा हो गई तो उनके जमीन के सौदे ठप हो जाएंगे। कांग्रेस राज में सरकार में बैठे लोग प्रॉपर्टी डीलिग कर रहे थे। उन्होंने हरियाणा में प्रॉपर्टी साम्राज्य खड़े कर रखे हैं। इन सुधारों पर इन साम्राज्य के ऊपर उल्टा असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि प्रधान मंत्री ने एमएसपी की शंका का समाधान न्यूनतम समर्थन मूल्यों में ऐतिहासिक बढ़ोतरी करके कर दिया है। उन्होंने न्यूनतम समर्थन मूल्यों की जानकारी देते हुए कहा कि गेहूं के समर्थन मूल्य में 50 रुपये, जौ में 75 रुपये, सरसों में 225 रुपये, चना में 225 रुपये, मसूर के भाव में 300 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की है जो कि मोदी सरकार ने स्वामी नाथन आयोग की सिफारिशों को लागू किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता जनार्दन को भरोसा दिलाया है कि मंडियों में पहले की तरह काम होगा और मंडियों का आधुनिकीकरण किया जाएगा तथा किसानों व आढ़तियों के बीच के लेनदेन में पारदर्शिता आएगी। ये विधेयक किसानों की आमदनी दुगना करने में संजीवनी का काम करेंगे। जिला अध्यक्ष ने साथ ही पंडित दीनदयाल उपाध्याय जयंती मनाने के लिए प्रमुख कार्यकर्ताओं तथा पदाधिकारियों से विचार मंथन किया। बूथ स्तर तक जयंती मनाने के लिए वर्चुअल आयोजन तथा उनके तौर तरीकों पर चर्चा हुई।