12 दिनों में महज 12 फीसद लाईसेंसी हथियार जमा हुए जिला के थानों में
जागरण संवाददाता झज्जर आदर्श आचार संहिता लागू हो जाने के बाद डीसी और एसपी द्वारा लाईसे
जागरण संवाददाता, झज्जर : आदर्श आचार संहिता लागू हो जाने के बाद डीसी और एसपी द्वारा लाईसेंसी हथियार धारकों को अपने हथियार जमा कराने के लिए दिए जा रहे आदेशों के बाद किसी भी स्तर पर संजीदगी दिखाई नहीं दे रही। जिसका अंदाजा सहज ही आंकड़ों से लगाया जा सकता है। करीब 52 सौ लाईसेंसी हथियार धारकों में से रविवार सांय तक 598 लोगों ने ही अपने हथियार जमा करवाए हैं। लोग खुलकर तो सामने नहीं आ रहे। हां, इनका यह जरूर कहना है कि प्रशासन द्वारा लाईसेंस धारकों को हथियार जमा करवाने के आदेश दे दिए गए है। जिनका पूरा रिकार्ड भी उनके पास हैं। लेकिन जो बदमाश अवैध हथियारों के साथ प्रतिदिन वारदातों को अंजाम दे रहे है। उनके खिलाफ किस तरह से कदम उठाए जा रहे है, कि जानकारी भी सार्वजनिक होनी चाहिए। चूंकि जिला में पहले से अधिक आपराधिक वारदात इन दिनों में हो रही है। जबकि उन्होंने हथियार अपनी सुरक्षा के मद्देनजर लिए हुए है। जिससे ताजा समय में संशय की स्थिति आन बनी है।
---बड़ा सवाल आखिर कब होंगे हथियार जमा जिला प्रशासन और पुलिस विभाग द्वारा हथियार जमा करवाने के आदेश तो जारी कर दिए गए है। लेकिन हथियार जमा नहीं करवाने वालों के खिलाफ जमीनी स्तर पर किसी तरह की कार्यवाही होने की बात भी सामने नहीं आ रही। जिसका अनुमान इसी आंकड़े से लगाया जा सकता है कि 12 मार्च से आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद अभी तक 598 लोगों ने ही अपने हथियार जमा करवाएं है। दरअसल, थानों के अलावा लोग गन हाऊस पर भी अपने हथियार जमा करवा सकते है। जिसके लिए गन हाऊस संचालकों को भी प्रतिदिन उनके यहां जमा होने वाले हथियारों की रिपोर्ट पुलिस विभाग को सौंपनी होती है।
अक्सर यह देखने में आता है कि चुनावी समर के दौरान अपराधिक वारदातों में कमी आ जाती है। लेकिन अबकि बार उल्ट ही होता दिख रहा है। इन दिनों में आपराधिक वारदात एकाएक बढ़ती हुई दिख रही है। पखवाड़े भर पूर्व शहर के दिल्ली गेट क्षेत्र में एक व्यक्ति की दिन-दहाड़े गोली मारकर हत्या, फाग वाले दिन गांव अच्छेज में एक पहलवान की गोली और तलवार मारकर हत्या की वारदात हुई थी। इसके अलावा पिछले माह चमनपुरा में भी अवैध हथियार के साथ युवक की हत्या हुई थी। जबकि तीन दिन पहले शहर की दुर्गा मंदिर क्षेत्र में रात के समय दहशत फैलाने के लिए फायरिग आदि वारदात इसी बात का उदाहरण है कि पुलिस को इस दिशा में भी तेजी से कदम उठाने चाहिए। चूंकि जिन्होंने अपनी सुरक्षा के लिए हथियार लिए हुए है, उनको तो जमा करवाया जा रहा है और अपराधी अवैध हथियारों के साथ यहां बेखौफ होकर घूम रहे है।