मैं तेरी नहीं सुनूंगा चुप बैठ जा, यहां चेयरपर्सन बोल सकती पति नहीं
जागरण संवाददाता, झज्जर : उपायुक्त के आदेशों के बावजूद भी नगरपालिका हाऊस की बैठक में प
जागरण संवाददाता, झज्जर : उपायुक्त के आदेशों के बावजूद भी नगरपालिका हाऊस की बैठक में पार्षद प्रतिनिधियों की खूब दखल-अंदाजी दिखाई दी। महिला पार्षद जहां पूरी बैठक में चुपचाप बैठी रही तो उनके परिजनों ने खूब हंगामा किया। यहीं कारण बैठक में एक दूसरे के साथ मारपीट की नौबत आने का कारण भी बना। शहर में सफाई के मुद्दे को लेकर जब पार्षद चेयरपर्सन और नगरपालिका सचिव के समक्ष अपना पक्ष रख रहे थे तब बीच में पालिका चेयरपर्सन प्रतिनिधि उमेश नंदवानी बीच में बोल पड़े और चेयरपर्सन की ओर से अपना पक्ष रखने लगे। इसी बीच पार्षद सरजीत गुर्जर भड़क गए और उन्होंने कहा कि मैं तेरी नहीं सुनूंगा चुपचाप बैठ जा, चेयरपर्सन अपना पक्ष रख सकती है, पति नहीं। मामले को बढ़ता देख चेयरपर्सन ने स्वयं मोर्चा संभाला और अपनी बात मजबूती से रखीं। इसी बीच चेयरपर्सन प्रतिनिधि बैठक के बीच से ही उठ कर चले गए। हालांकि, उमेश नंदवानी के बाहर जाने के बाद कोई अन्य पार्षद प्रतिनिधि बाहर नहीं निकला। ठेकेदारों सहित अन्य सभी बैठक में मौजूद रहे। ---ठेकेदार भी रहे पालिका हाऊस की बैठक में मौजूद पालिका हाऊस की बैठक में एक खास बात यह भी देखने को मिली कि पार्षद प्रतिनिधियों के अलावा कई ठेकेदार भी बैठक के दौरान मौजूद रहे और बीच-बीच में पार्षदों के माध्यम से अपना पक्ष भी रखवाते रहे। लेकिन ना तो पालिका चेयरपर्सन और ना ही पालिका सचिव ने ठेकेदारों को बैठक से बाहर चले जाने को कहा। जोकि बाद में चर्चा का विषय भी बना रहा। ---पार्षदों बोले- पूरी पालिका में चल रहा है कमीशन का खेल बैठक के दौरान पार्षद पूरे फ्लो में दिखाई दिए। शुक्रवार को हुई बैठक में वे पार्षद भी अपना पक्ष रखते हुए दिखाई दिए। जो पिछली बैठकों में कभी बोले ही नहीं। पार्षदों ने सफाई व्यवस्था के नाम पर रुपयों की बर्बादी का आरोप लगाते हुए कहा कि पूरी पालिका में कमीशन का खेल चल रहा है। किसी को शहर के विकास कार्यों से लेना देना नहीं है। डोर टू डोर कूड़ा उठाने में पूरा घालमेल है। लेकिन अधिकारी बोलने को तैयार नहीं है। हालात यह है कि ठेकेदार बैठक में बैठते है। ऐसे में क्या उम्मीद की जा सकती है।
----रिटायर्ड कर्मचारियों की सुनवाई नहीं पार्षद सुरेश कुमार ने रिटायर्ड कर्मचारियों का भी मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि जिन कर्मचारियों ने नगरपालिका में अपनी सेवाएं दी हुई है। उनकी पेंशन सहित अन्य कार्यो को लटकाया जा रहा है। जिसके चलते रिटायर्ड कर्मचारी परेशान है और कार्यालय के चक्कर लगाकर थक चुके है।
पालिका में कार्यरत कंप्यूटर आपरेटर की सैलरी भी प्रतिमाह समय पर दिए जाने की बात कही गई। पार्षदों का कहना है कि सात-आठ महीनों से सेलरी नहीं मिल रही है तो वह अपना गुजारा कैसे करेगा। ---हाजिरी के नाम पर हो रहा है गोलमाल बैठक में नगरपालिका के सफाई कर्मचारियों की हाजरी लगाने के नाम पर भी गोलमाल करने की बात उठी। पार्षदों ने आरोप लगाते हुए कहा कि जितने कर्मचारी कार्यरत है, उतने काम पर आते ही नहीं और सैलरी सभी की दी जाती है। इस मामले की भी जांच होनी चाहिए। कौन घालमेल कर रहा है। पहले भी इन्हीं कर्मचारियों के माध्यम से सफाई होती थी। लेकिन अब ऐसा क्या हो गया कि सफाई व्यवस्था दिन प्रतिदिन बदहाल होती जा रही है।