यहां रोजाना घंटों जाम में जूझते हैं सैंकड़ों लोग, नहीं हो पा रहा समाधान
जागरण संवाददाता, झज्जर : ट्रैफिक व्यवस्था के कारण छुछकवास की स्थिति आज बिगड़ रही है।
जागरण संवाददाता, झज्जर : ट्रैफिक व्यवस्था के कारण छुछकवास की स्थिति आज बिगड़ रही है। खास तौर पर यहां के चौक पर हालात ऐसे है कि वाहन चालकों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचने के लिए जहां पांच से दस मिनट लगने चाहिए। वहीं जाम में फंसे होने के कारण घंटों तक लग जाते हैं। कहा जा सकता है कि इस चौक से गुजरने वाले प्राय: लोगों के लिए कुछ मिनटों का सफर आज घंटों में तय हो रहा है। करीब डेढ़ से दो किलोमीटर तक लगने वाले जाम के कारण वाहन चालकों का समय और पैसा दोनों ही बर्बाद हो रहे हैं। आपात स्थिति में अगर किसी को यहां से गुजरना पड़ जाए तो समझों सीधे तौर पर आफत उसके गले पड़ गई है। पिछले दिनों यहां पर लगने वाले जाम का मुद्दा निगरानी समिति के अध्यक्ष एवं छुछकवास गांव के सरपंच महेंद्र ¨सह यादव ने ग्रामीणों के प्रतिनिधिमंडल के साथ सीएम मनोहर लाल के दरबार में जोर-शोर से उठाया था। ताकि कोई पुख्ता समाधान सामने आ सके। इधर, मौके पर बन रहे हालात के बीच प्रशासनिक स्तर पर कदम उठाए जाने चाहिए। चूंकि जाम के दौरान फंसने वाले वाहन चालक होने वाली देरी के साथ-साथ ईंधन के रूप में पैसे की बर्बादी के लिए भी व्यवस्था को खूब जमकर कोस रहे हैं। ---हजारों वाहनों का रोज होता है आवागमन देखा जाए तो छुछकवास गांव के चौक पर लगने वाला जाम यहां से गुजरने वाले लोगों के अलावा व्यवस्था से जुड़े लोगों के लिए भी सिर दर्द बना हुआ है। उल्लेखनीय है कि छुछकवास चौक आसपास के करीब 50 गांवों के लोगों के लिए खरीदारी करने का मुख्य केंद्र है। इधर, नेशनल हाइवे 334 बी जिले के सबसे व्यस्त मार्गो में से एक है। जो कि उत्तर प्रदेश से सीधे राजस्थान को जोड़ता है। वहीं कोसली से रोहतक, झज्जर व नारनौल, महेंद्रगढ़-बहुझोलरी-मातनहेल-रोहतक व झज्जर को जाने वाले वाहन भी छुछकवास चौक से होकर गुजरते हैं। हजारों की संख्या में गुजरने वाले वाहनों के अलावा झाड़ली में दो थर्मल पावर प्लांट तथा आस-पास के गांवों में सीमेंट फैक्ट्री सहित अन्य कई तरह के उद्योग होने के कारण वाहनों का बड़ी संख्या में आवागमन यहां से ही होता है। साथ छुछकवास चौक ट्रैक्टर-ट्राली उद्योग का भी मुख्य केंद्र है। बड़ी संख्या में ट्रैक्टर-ट्राली, डंपर, टैंकर आदि का निर्माण करने वाली अधिकांश इकाईयां सड़कों के साथ मौजूद हैं। इसे भी केंद्र में रखते हुए प्रशासनिक स्तर पर पुख्ता कदम उठाया जाना चाहिए। ताकि जिससे व्यापार को भी नुकसान नहीं हो और यहां से गुजरने वाले वाहनों को भी कोई परेशानी नहीं हो। --देरी के नाम से डरने लगे लोग छुछकवास क्षेत्र के आस-पास सबसे अधिक शिक्षण संस्थाएं हैं। हजारों की संख्या में विद्यार्थी इन संस्थाओं में शिक्षा ग्रहण करने के लिए आते हैं। इनके अलावा आसपास के गांवों में स्थित स्कूलों के बच्चों की बसें भी यहां से होकर गुजरती है। यहां पर लगे रहने वाले जाम की वजह से स्कूली विद्यार्थियों की बसें भी जाम में फंसी रहती हैं। सुबह स्कूल खुलने व दोपहर बाद स्कूलों की छ़ुट्टी होने के समय समस्या और अधिक बढ़ जाती है। जिससे बेशक ही विद्यार्थियों का बड़ा समय जाम में फंसने के कारण व्यर्थ होता है। ऐसे में जिन लोगों की यहां होकर गुजरना मजबूरी है, वह तो रोजाना व्यवस्था को कोसते हुए गुजरते हैं। दूसरा जो एक बार जाम में फंसता है वह जरूर संकल्प करके जाता है कि दोबारा नहीं आएगा। -- वाहनों की संख्या अधिक है छुछकवास चौक से बड़ी संख्या में लंबे ट्रक तथा ट्राले गुजरते हैं। चौक पर इनको मोड़ने के लिए जगह कम होने व वाहनों की संख्या अधिक होने के कारण परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके लिए पुलिस को भी दिन भर कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। बेशक ही पुलिस के जवान अधिकांश समय चौक पर तैनात रहते हैं और व्यवस्था को बनाने के लिए मशक्कत करते रहते हैं। लेकिन चहुंओर से बनने वाले दबाव के कारण वह भी यथासंभव हल नहीं निकाल पा रहे। चूंकि चौक पर ही पुलिस का स्टॉफ यातायात को संभालने का कार्य करता है। जबकि जाम लगने की एक अन्य स्थिति ओवरटेक करते हुए एक अन्य लाइन का बनना भी मुख्य रूप से सामने आया है। ऐसे में पुलिस के स्तर पर ट्रैफिक ड्यूटी करने वाले स्टॉफ की तैनाती विशेष तौर पर चौक के लिए होनी चाहिए। ताकि एक से अधिक लाइन नहीं बनने दी जाए।
छुछकवास चौक से वाहनों का आवागमन अधिक है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल से भी मुलाकात करते हुए समाधान निकलवाए जाने की बात दोहराई है। इससे पूर्व कैबिनेट मंत्री राव नरबीर ¨सह के समक्ष भी समस्या को रखा गया था। सरकार के स्तर पर समाधान नहीं होने तक अगर ट्रेफिक स्टॉफ की ड्यूटी बढ़ाई जाती है तो कुछ हद तक राहत मिल सकती है।
----महेंद्र ¨सह यादव, सरपंच तथा निगरानी समिति के अध्यक्ष।