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धूमधाम से मनाया गया भाई-दूज का त्योहार

जागरण संवाददाता, झज्जर : बहन-भाई के प्रेम का प्रतीक भैया दूज का पर्व शुक्रवार को जिला भर म

By JagranEdited By: Published: Fri, 09 Nov 2018 05:36 PM (IST)Updated: Fri, 09 Nov 2018 05:36 PM (IST)
धूमधाम से मनाया गया भाई-दूज का त्योहार
धूमधाम से मनाया गया भाई-दूज का त्योहार

जागरण संवाददाता, झज्जर : बहन-भाई के प्रेम का प्रतीक भैया दूज का पर्व शुक्रवार को जिला भर में धूमधाम से मनाया गया। बहनों ने भाईयों के माथे पर तिलक लगाकर उनकी लंबी आयु की कामना की, वहीं भाईयों ने भी बहनों को उपहार भेंट कर उनके प्रति प्रेम को दर्शाया। सुबह ही घरों में पर्व की धूम शुरू हो गई थी। सुबह से ही बसों और मिठाइयों की दुकानों पर परिवार सहित महिलाओं की खूब भीड़ दिखी। प्राचीन परंपरा के अनुसार बहनों ने भाइयों को तिलक लगाने के बाद नारियल के गोले तथा फल आदि भेंट किए। शहर के बाजारों में जमकर खरीदारी की गई।

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ग्रामीण क्षेत्र से भी बड़ी संख्या में लोग शहर के बाजारों में खरीदारी करने के लिए पहुंचे। उल्लेखनीय है कि दीपावली से पहले ही लोगों ने दीपावली के साथ-साथ भैया दूज की तैयारी भी शुरू कर दी थी। जिला मुख्यालय सहित बेरी, छुछकवास, बादली, माछरौली, साल्हावास, मातनहेल आदि में क्षेत्रों में भी बहनों ने परिवार सहित पहुंचते हुए अपने भाइ्र के माथे पर तिलक लगाते हुए लंबी आयु की कामना की।

क्यों मनाया जाता है भैया दूज का पर्व

पंडित वीरेंद्र शर्मा ने बताया कि शास्त्रों के अनुसार सूर्य की पत्नी संज्ञा से दो संतान थी, एक पुत्र यमराज व दूसरी पुत्री यमुना। संज्ञा सूर्य का तेज सहन न कर पाने के कारण अपनी छाया मूर्ति का निर्माण कर उसे ही अपने पुत्र-पुत्री को सौंपकर वहां से चली गई। यमराज अपनी बहन यमुना से बहुत प्यार करते थे, लेकिन अधिक काम होने के कारण अपनी बहन से मिलने नहीं जा पाते थे। एक दिन यम अपनी बहन की नाराजगी को दूर करने के लिए मिलने चले गए। यमुना अपने भाई को देख खुश हो गई। भाई के लिए खाना बनाया और आदर सत्कार किया। बहन का प्यार देखकर यमराज इतने खुश हुए कि उन्होंने यमुना को खूब सारे उपहार दिए। यमराज जब बहन से मिलने के बाद विदा लेने लगे तो बहन यमुना से कोई भी अपनी इच्छा का वरदान मांगने को कहा। यमुना ने उनके इस आग्रह को सुन कहा कि अगर आप मुझे वर देना ही चाहते हैं तो आज के दिन हर साल आप मेरे यहां आए और मेरा आतिथ्य स्वीकार करें। तब से लेकर हर वर्ष भैया दूज का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है।


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