ओडिटोरियम में आने वाले अतिथियों को देखना चाहिए कैसा पानी पी रहे हैं संस्थान के विद्यार्थी
जागरण संवाददाता, झज्जर : पूर्व शिक्षा मंत्री एवं झज्जर से विधायक गीता भुक्कल ने सोमवार को नेहरू
जागरण संवाददाता, झज्जर : पूर्व शिक्षा मंत्री एवं झज्जर से विधायक गीता भुक्कल ने सोमवार को नेहरू कॉलेज का दौरा करने के बाद विद्यार्थियों को मिल रही सुविधाओं को लेकर गंभीर सवाल उठाएं हैं। संस्थान परिसर में ही मौजूद ओडिटोरियम में होने वाले कार्यक्रम एवं पहुंचने वाले अतिथियों को लेकर भुक्कल ने कहा कि कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ सहित जिला प्रशासन के अन्य अधिकारी अक्सर यहां पर आते हैं। इन्हें साथ में ही मौजूद संस्थान का दौरा करते हुए यह देखना चाहिए कि हजारों विद्यार्थी किस तरह का पानी पीने पी रहे हैं। कैसी उन्हें सुविधाएं मिल रही है। दूसरी ओर दावा इतना बड़ा किया जाता है कि उनके स्तर पर हर संभव प्रयास किया जा रहा है। दरअसल, सोमवार को पूर्व शिक्षा मंत्री ने चयनित नई कार्यकारिणी के आमंत्रण पर संस्थान की विजिट की। यहां उन्होंने हर पहलू से विद्यार्थियों की समस्याएं सुनने के बाद प्राचार्या सहित स्टॉफ के सदस्यों से भी बात की। विद्यार्थियों को मिल रही सुविधाओं को लेकर नाराजगी जाहिर करते हुए विभागीय स्तर पर निदेशक से भी बात करते हुए इन समस्याओं का समाधान कराए जाने को कहा। टंकी में जाता है सीधा पानी, क्या करें विद्यार्थी
संस्थान के भवन सहित मिल रही सुविधाओं का दौरा करने के बाद जब उन्हें विद्यार्थियों ने बताया कि सप्लाई में आने वाले पानी को सीधा टंकी में चढ़ाया जाता है। बाद में उसे पीने के लिए मुहैया कराया जा रहा है। कॉलेज में कैंटीन तक की सुविधा नहीं है। विद्यार्थी बाहर जाते है तो अलग तरह के विषय उठाएं जाते हैं। भवन में जो कक्ष नई कार्यकारिणी को दिया गया है, वहां की स्थिति ऐसी है कि दीपक लगा हुआ है। अगर कुछ समय भी रूकना पड़ जाए तो तबीयत खराब हो जाए। ऐसी स्थिति अगर विद्यार्थियों को कक्ष में बैठना पड़ेगा तो अन्य की आवाज कैसे उठाएगा। समाधान नहीं हुआ था तो देंगी धरना
विद्यार्थियों के समर्थन में आवाज बुलंद करने वाली पूर्व शिक्षा मंत्री ने कहा कि कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ ने सिर्फ बादली विधानसभा क्षेत्र में ही अपना ध्यान दे रखा है। जबकि जिला मुख्यालय सहित बेरी एवं बहादुरगढ़ में क्या हो रहा है, से उन्हें कोई मतलब नहीं है। कहा कि वे सहित सीएम भी कई दफा यहां आ चुके हैं। इन्होंने कभी जरूरी नहीं समझा कि देखा जाए विद्यार्थियों को कैसी सुविधाएं मिल रही है। अगर शीघ्र ही विद्यार्थियों की समस्या का समाधान नहीं हुआ तो मजबूरन उन्हें यहां कॉलेज के बाद धरने पर बैठना पड़ेगा।