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1977 के बाद पहली दफा जेएलएन फीडर के पुनर्विकास के लिए सरकार ने किया 143 करोड़ के बजट का प्रावधान

जागरण संवाददाता, झज्जर : 1977 में जवाहर लाल नेहरू फीडर के निर्माण के बाद लिफ्ट इरीगेशन

By JagranEdited By: Published: Mon, 03 Sep 2018 12:17 AM (IST)Updated: Mon, 03 Sep 2018 12:17 AM (IST)
1977 के बाद पहली दफा जेएलएन फीडर के पुनर्विकास के लिए सरकार ने किया 143 करोड़ के बजट का प्रावधान
1977 के बाद पहली दफा जेएलएन फीडर के पुनर्विकास के लिए सरकार ने किया 143 करोड़ के बजट का प्रावधान

जागरण संवाददाता, झज्जर : 1977 में जवाहर लाल नेहरू फीडर के निर्माण के बाद लिफ्ट इरीगेशन सिस्टम के पुनर्विकास के लिए 143 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान सरकार ने किया है। अकेले साल्हावास क्षेत्र में 10 करोड़ रुपये की राशि का खर्च इस काम के लिए आया है। जबकि महेंद्रगढ़ तक पानी पहुंचाने के लिए 10 जगह तक ऐसे ही पंप हाउस लगाए गए हैं। ताकि नहरों की आखिरी टेल तक पानी पहुंचाने की हमारी जो प्रतिबद्धता हैं, उसे पूरा किया जा सके। रेवाड़ी जिले में साहबी नदी पर बने मसानी बैराज में भी पिछले दो वर्ष से लगातार 30 हजार एकड़ फीट तक पानी भरा जा रहा है। यह बात सीएम मनोहर लाल ने रविवार को साल्हावास में फीडर का निरीक्षण करने के बाद पत्रकारों से हुई बातचीत में कही। मनोहर लाल ने साल्हावास में पंप हाउस का निरीक्षण करने के दौरान जिला मुख्यालय पर 1.95 करोड़ रुपये से अधिक लागत में नवनिर्मित नीर-स्वर्ण जयंती विश्राम गृह का उद्घाटन किया तथा साल्हावास गांव में सोलर पंप सेट लगाकर ऊर्जा संरक्षण व सूक्ष्म ¨सचाई पद्धति से खेतीबाड़ी करने वाले किसान सुखबीर के खेत में पहुंचते हुए ग्रामीणों से मुलाकात भी की।

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मुख्यमंत्री ने पंप हाउस का निरीक्षण करते हुए करीब 102 वर्षीय कंवर ¨सह निवासी रिढ़ाऊ (सोनीपत) को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया।

उल्लेखनीय है कि जेएलएन फीडर के लिए वर्ष 1939 में आरंभ हुई खोदाई में कंवर ¨सह ने मात्र छह पैसे प्रतिदिन पारिश्रमिक पर काम किया था।

इस अवसर पर विधायक नरेश कौशिक, बिक्रम ¨सह यादव, भाजपा जिला अध्यक्ष बिजेद्र दलाल सहित अन्य मुख्य रूप से मौजूद रहे। नहीं है पानी की कोई कमी, प्रबंधन से सुधर सकती है स्थिति

मुख्यमंत्री का कहना है कि हरियाणा के पास पानी की कमी जरूर है लेकिन जितना पानी उपलब्ध है अगर उसका उचित प्रबंधन किया जाए तो हम बरसात के दिनों में अपने तालाबों और रिजर्वायर आदि को भर कर जरूरत पड़ने पर इस्तेमाल कर सकते हैं। पानी की समस्या को दूर करने के लिए पिछले दिनों हरियाणा सहित छह राज्यों ने लखवार डैम को लेकर सांझा सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए है। जो कि दो वर्ष में बनकर तैयार होगा और इसके पानी में हरियाणा की हिस्सेदारी 47 फीसद तक होगी।

सीएम ने कहा कि साल्हावास पंप हाऊस से लिफ्ट करते हुए जेएलएन के महेंद्रगढ़ जिला में नांगल चौधरी तक अंतिम टेल की ऊंचाई 460 फीट पर पानी पहुंचाया जा रहा है। सभी पंप हाउस का जीर्णोद्धार करने से नहर में पानी की क्षमता भी बढ़कर 3100 क्यूसिक हो गई है। हरियाणा के दक्षिण में साहबी, कृष्णावती, दोहान नदियों को जीवंत करने का सफल प्रयास हुआ और भूजल रिचार्ज से अनेक गांव लाभांवित हुए।

कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने बताया कि उनके ¨सचाई मंत्री रहते हुए यह योजना शुरू हुई थी। आज धरातल पर साकार होते देखना खुशी की बात है। एसवाईएल को लेकर न की जाए राजनीति

बातचीत के दौरान पूर्व सीएम भूपेंद्र ¨सह हुड्डा तथा राबर्ट वाड्रा पर दर्ज हुए मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि कानून अपना काम कर रहा है। किसी प्रकार को इसमें कोई राजनीतिक विषय नहीं है। कानून की जद से कोई नहीं बच सकता। जो भी दोषी होगा उसे जरूर सजा मिलेगी। एसवाइएल से जुड़े मुद्दे पर उन्होंने कहा कि किसी भी दल को राजनीति करने की बजाय साझा रूप से अपने हक की लड़ाई लड़ने के लिए कार्य करना चाहिए। पंप हाउस पर निरीक्षण के बाद सीएम साल्हावास में सौर ऊर्जा व सूक्ष्म ¨सचाई अपनाने वाले किसानों के यहां भी पहुंचे। हालांकि उनका किसानों से संवाद का कार्यक्रम था। लेकिन वह यहां कुछ ही मिनट रूके। सौर ऊर्जा आधारित तकनीक अपनाने पर मुख्यमंत्री ने किसानों को बधाई भी दी।


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