जनप्रतिनिधियों से खुफिया विभाग ने लिया सरकारी योजनाओं का फीड बैक
जागरण संवाददाता, झज्जर : आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनावों को लेकर सरकार एक्शन मोड में
जागरण संवाददाता, झज्जर : आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनावों को लेकर सरकार एक्शन मोड में आ गई है। सरकारी योजनाओं का आमजन को लाभ मिल रहा है या नहीं, सीएम घोषणाओं के अलावा अन्य सरकारी योजनाएं कितनी पूरी हुई और कितनी पाइप लाइन में आदि की जानकारी प्रशासनिक स्तर के अलावा खुफिया विभाग के माध्यम से भी जुटाई जा रही है। इसके लिए खुफिया विभाग के कर्मचारी शहर और गांव के जनप्रतिनिधियों के माध्यम से डाटा जुटा रही है।
सूत्रों के मुताबिक खुफिया विभाग द्वारा शहर में पालिका पार्षदों और गांव में सरपंचों और अन्य प्रतिनिधियों से जानकारी जुटा कर पूरी रिपोर्ट तैयार कर अपने अधिकारियों और सरकार के पास भेज भी दी है। जिसको देखकर लगता है कि सरकार आगामी चुनावों को देखते हुए किसी भी तरह की चूक नहीं करना चाहती और जितने कार्य पाइप लाइन में है। उन्हें जल्द पूरा करवाने का प्रयास कर रही है। यह-यह प्रश्न पूछे गए जनप्रतिनिधियों से
खुफिया विभाग के कर्मचारियों द्वारा जनप्रतिनिधियों से फोन के माध्यम से संपर्क कर के गांव व शहर में हो रहे विकास कार्यो की जानकारी जुटाई जा रही है। जनप्रतिनिधियों के अनुसार खुफिया विभाग के कर्मचारियों द्वारा यह पूछा गया है कि आपके वार्ड में कितने काम हुए है, इसमें से सीएम घोषणाओं के कितने काम है। कितने काम पूरे हो चुके है और कितने काम पें¨डग है। इसके अलावा यहां कौन से ऐसे कार्य है जो पिछले कई वर्षो से नहीं हुए और लोग उन्हें करवाना चाहते है। साथ-साथ मौजूदा सरकार में भ्रष्टाचार पर कितनी लगाम लगी है। सरकारी तंत्र में अधिकारी काम के एवज में कमीशन आदि की मांग तो नहीं कर रहे है। तमाम जानकारी जुटाई गई है। करीब एक से डेढ़ माह के बीच गांव व शहरी स्तर पर जानकारी जुटाने के बाद विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर सरकार के पास भेजी जा चुकी है। जनप्रतिनिधियों ने कहा- सरकार की पहल सराहनीय
जनप्रतिनिधियों ने बताया कि शुरूआती समय में जब उनके पास खुफिया विभाग के कर्मचारियों का फोन आया तो हमने सोचा कि सरकार उनकी ही सीआईडी करवा रही है और कई दफा बाहर-भीतर होने की बात भी कही। जब बाद में पता चला कि सभी पार्षदों से संपर्क किया जा रहा है तो उन्होंने जितने विकास कार्य हो रहे है और कितने पें¨डग है और कितने विशेष कार्यो की मांग लोगों की है। विस्तार से जानकारी दी गई है और भ्रष्टाचार के मामले में भी अपनी राय दी है। सरकार की यह पहल सराहनीय है, क्योंकि शुरूआती दौर में अधिकारियों ने बहुत परेशान किया था। एक-एक टेंडर कई- कई दफा रद किए। बाद में जैसे ही स्थिति समझ में आई मंत्री तक भी हमने अपनी राय दी।