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दोगुनी राशि की मदद से किसानों की फसल सुरक्षित करने की दिशा में बढ़ रहे कदम

जागरण संवाददाता झज्जर खुले आसमान तले खेतों में पक कर तैयार होने वाली किसान की फसल सु

By JagranEdited By: Published: Thu, 28 Mar 2019 01:00 AM (IST)Updated: Thu, 28 Mar 2019 06:35 AM (IST)
दोगुनी राशि की मदद से किसानों की फसल सुरक्षित करने की दिशा में बढ़ रहे कदम
दोगुनी राशि की मदद से किसानों की फसल सुरक्षित करने की दिशा में बढ़ रहे कदम

जागरण संवाददाता, झज्जर : खुले आसमान तले खेतों में पक कर तैयार होने वाली किसान की फसल सुरक्षित होकर घर तक पहुंचे, का इंतजाम सुनिश्चित करने के लिए शुरू हुई फसल बीमा योजना में राज्य एवं केंद्र सरकार किसान के हिस्से से ज्यादा का भुगतान कर रहे हैं। चल रहे वित्तीय वर्ष के अंतर्गत खरीफ की फसल के लिए 23140 तथा रबी की फसल के 19710 एकड़ क्षेत्र का बीमा हो रखा है। पिछले तीन साल से किसानों को दी जा रही सुविधा के तहत खातों में डाली गई क्लेम की राशि भी कंपनियों को भुगतान की गई राशि से अधिक है। हालांकि, काफी किसानों को अभी तक योजना को लेकर काफी संशय है। जिसका मूल कारण इस रूप में भी सामने आता है कि वे गांव के पटवारी तथा नंबरदार पर तो निर्भर रहते है, लेकिन कृषि विभाग के कार्यालय से उनकी बनी आ रही दूरी अभी तक कम नहीं हो पाई है। जबकि विभागीय स्तर पर तय की गई व्यवस्था की अह्म इकाई से बना यह गैप योजना को लेकर उठ रहे सवालों को जन्म देने का कार्य कर रहा है। इधर, आंकड़ों की नजर से देखें तो किसानों के अनुपात में कंपनियों को दी गई राशि से काफी ज्यादा भुगतान उन्हें वापिस किया जा चुका है। भुगतान का यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है अगर सभी प्रभावित किसान समय रहते हुए प्रक्रिया के तहत कदम उठाए। साथ ही समझें कि उन्हें मिलने वाला लाभ किस श्रेणी के तहत दिया जाना है।

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बॉक्स : फसल बीमा योजना को लेकर किसानों के स्तर पर जागरूकता बेशक ही पिछले दो सालों से अब ज्यादा बढ़ी है। इसका कारण तो हो रहा प्रचार है। साथ ही जिन किसानों को लाभ हो रहा है या भुगतान मिल रहा है, के कारण भी चरचा है। चल रहे वित्तीय वर्ष में 2792 किसानों के खेतों का कंपनी द्वारा सर्वे किया जा चुका है। यह आंकड़ा अभी तक का सबसे ज्यादा भी है।इससे पूर्व के समय में 16-17 में खरीफ की फसल के दौरान 587, 16-17 में रबी की फसल के दौरान 105, 17-18 में खरीफ की फसल के दौरान 342, 17-18 में रबह की फसल के दौरान 191 किसानों के यहां सर्वे हुआ है। आंकड़ों की ²ष्टि में किए गए भुगतान : खरीफ 16-17 9,46,54,229

रबी 16-17 35,58,648

खरीफ 17-18 8,98,67,417

रबी 17-18 2,34,10,689

आंकड़ों की बीमा की गई भूमि हेक्टेयर में : खरीफ 16-17 29574.84

रबी 16-17 22048.06

खरीफ 17-18 22014.00

रबी 17-18 18806.00

खरीफ 18-19 23140.00

रबी 17-18 19710.36

प्रतिक्रिया : जैसा कि अगर हम अपनी गाड़ी का बीमा करवाना जरूरी समझते है, अगर फसल का भी हो रहा है तो बेशक ही बड़ा बढि़या पहलू है। चूंकि किसान कभी इस व्यवस्था से जुड़ा नहीं रहा तो उसे अजीब लगता है। खास तौर पर भुगतान हो जाने के बाद कोई वापिसी नहीं हो तो यह भी समझता है कि बीमा में दी गई राशि खराब ही गई। जबकि केंद्र एवं प्रदेश के स्तर पर दिया जा रहा हिस्सा तो किसान से ज्यादा है। वैसे हमें तो यह बात समझ में आ गई है। शेष किसानों को भी जल्द ही समझ जा जाएगी। हां, किसानों को विभाग से तालमेल बनाते हुए कदम बढ़ाना चाहिए। बेशक ही उसे नुकसान नहीं होगा।

महेंद्र सिंह यादव, किसान, छुछकवास


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