मांडोठी में किसानों ने ली पराली न जलाने की शपथ
फोटो-13 जागरण अभियानपराली नहीं जलाएंगे-पर्यावरण बचाएंगे जागरण संवाददाता बहादुरगढ
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जागरण अभियान:पराली नहीं जलाएंगे-पर्यावरण बचाएंगे जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़: दैनिक जागरण की ओर से चलाए गए पराली नहीं जलाएंगे-पर्यावरण बचाएंगे अभियान के तहत बुधवार को गांव मांडोठी में किसानों को जागरूक किया गया। कृषि विभाग के खंड तकनीकी प्रबंधक विकास ने किसानों को पराली को लेकर जागरूक किया। किसानों ने इस दौरान दैनिक जागरण की ओर से दिए गए फार्म भरकर शपथ ली कि वे पराली नहीं जलाएंगे और दूसरे किसानों को भी इसके प्रति जागरूक करेंगे।
गांव मांडोठी में दैनिक जागरण की ओर से कृषि विभाग के उपमंडल कृषि अधिकारी डा. सुनील कौशिक के सहयोग से आयोजित कार्यक्रम में खंड तकनीकी प्रबंधक विकास ने किसानों को पराली ना जलाने के लिए जागरूक किया। विकास ने किसानों को पराली जलाने से होने वाले नुकसान और खेत में ही पराली व फसल अवशेष निस्तारण प्रबंधन के बारे में विस्तारपूर्वक बताया। उन्होंने किसानों को कस्टम हायरिग सेंटर पर उपलब्ध कृषि यंत्रों का प्रयोग करने की सलाह दी। उन्होंने किसानों को पराली न जलाने का आह्वान किया। इस मौके पर किसान रामबीर, सुरेंद्र, रामफूल व सतबीर आदि मौजूद थे।
उधर, उपमंडल कृषि अधिकारी डा. सुनील कौशिक ने दैनिक जागरण के पराली जागरूकता कार्यक्रम की काफी सराहना की। उन्होंने कहा कि दैनिक जागरण पराली को लेकर पिछले कुछ सालों से किसानों को जागरूक करता आ रहा है। यह एक अच्छा कार्य है। इसका असर भी हुआ है कि किसान अब हमारे क्षेत्र में पराली नहीं जला रहे हैं। उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि वे भी इस कार्य में अपना सहयोग पराली न जलाकर दें। पराली जला देने से मिट्टी में उपस्थित सूक्ष्म जीवाणु व अन्य मित्र कीट नष्ट हो जाते हैं तथा मिट्टी की उर्वरा शक्ति कम हो जाती है। फसल अवशेषों के जलने से प्रदूषण फैलता है। पराली जलाने से रोकने के लिए भारत सरकार द्वारा यथावत फसल अवशेष प्रबंधन एक विशेष योजना तैयार की गई है जिससे फसल अवशेषों को खेत में ही विभिन्न कृषि यंत्रों द्वारा मिट्टी में मिला दिया जाता है या दबा दिया जाता है। कस्टम हायरिग केंद्र से किसी भी कृषि यंत्र को किराये पर लेकर किसान खेत में फसल का प्रबंध कर सकता है।