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भुगतान नहीं होने से किसान परेशान, लगा रहे चक्कर

जागरण संवाददाता झज्जर मौसम की मार के बीच किसानों ने मंडियों में अपनी फसल को बेच तो दि

By JagranEdited By: Published: Tue, 23 Apr 2019 12:31 AM (IST)Updated: Tue, 23 Apr 2019 06:51 AM (IST)
भुगतान नहीं होने से किसान परेशान, लगा रहे चक्कर
भुगतान नहीं होने से किसान परेशान, लगा रहे चक्कर

जागरण संवाददाता, झज्जर : मौसम की मार के बीच किसानों ने मंडियों में अपनी फसल को बेच तो दिया है। लेकिन अब समस्या भुगतान को लेकर हो रही है। ना तो अभी तक ठीक ढंग से सरसों की फसल का भुगतान हो पाया है और ना ही गेहूं का। प्रतिदिन किसान यहां आढ़तियों और अधिकारियों के पास चक्कर लगा रहे है, लेकिन कोई ठोस जवाब नहीं मिल पा रहा है। जिससे किसान परेशान है। किसान जगदेव, रामबीर, मनोज, राजेश, रामचंद्र, सतीश का कहना है कि सरसों की फसल का भुगतान नहीं हुआ है। मार्किट कमेटी बोर्ड के चेयरमैन, अधिकारियों और आढ़तियों के यहां प्रतिदिन चक्कर लगा रहे है। लेकिन कोई जवाब ही नहीं मिल रहा है। घरेलू कार्यों के अलावा रोजमर्रा के कार्य निपटाने में भी परेशानी हो रखी है। प्रतिदिन किराया भर कर मंडी में आ रहे है। जिसके चलते आर्थिक और मानसिक दोनों तौर पर परेशानी हो रखी है। बॉक्स: मंडी परिसर में प्रतिदिन हजारों क्विटल गेहूं की आवक हो रही है। तीन दिन हैफेड तो तीन दिन हरियाणा वेयर हाऊस कारपोरेशन के द्वारा खरीद की जा रही है। मंडी में दो लाख क्विटल से अधिक गेहूं की आवक हो चुकी है। जिसके चलते मंडी गेहूं से अटी पड़ी है। गेहूं के उठान कार्य में तो तेजी आई है। लेकिन सरसों का उठान कार्य अभी भी कछुआ गति से हो रहा है। जिसके चलते आढ़तियों और किसानों दोनों को परेशानी हो रही है। आढ़ती हरेंद्र सिलाना ने बताया कि सरसों की खरीद भी धीमी गति से हो रही है। अगर समय रहते खरीद पूरी कर ली जाए तो मंडी में गेहूं रखने में परेशानी नहीं बनें। बॉक्स : बारदाने को लेकर भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। जिससे आढ़ती भी परेशान है। अनाज मंडी एसोसिएशन के प्रधान चांद पहलवान ने बताया कि हैफेड द्वारा बारदाने की सुविधा मंडी तक दी जा रही है। जबकि हरियाणा वेयरहाऊस द्वारा गोदाम से आढ़ती को अपने स्तर पर बारदाना लाने की व्यवस्था करने की बात कह रहे है। नियमानुसार बारदाना की मंडी तक व्यवस्था करना खरीद एजेंसी का कार्य होता है।

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प्रतिक्रिया: हैफेड द्वारा किसानों की सरसों खरीद का भुगतान नियमित रूप से किया जा रहा है। झज्जर मंडी के 50 फीसद से अधिक किसानों का भुगतान किया जा चुका है। बैंक डिटेल ठीक नहीं होने के कारण भुगतान होने में देरी हो सकती है। विभागीय स्तर पर प्रयास है कि जल्द सभी किसानों का भुगतान कर दिया जाएगा।

देवेंद्र सिंह, डीएम हैफेड।


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