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पहेली बनी महिला की हत्या, कड़ी दर कड़ी सिरे पकड़ने से सुलझेगी गुत्थी

मुनीमपुर गांव के क्षेत्र से एक अधेड़ उम्र की महिला का शव जेसीबी की मदद से गोबर रखने के एक गढ्डे को खोदकर बाहर निकाला गया है। हत्या की वारदात में पहेली इस विषय पर आन बनी है कि इसे अंजाम देने में परिवार के कौन-कौन लोग शामिल हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 13 Jul 2020 06:30 AM (IST)Updated: Mon, 13 Jul 2020 06:30 AM (IST)
पहेली बनी महिला की हत्या, कड़ी दर कड़ी सिरे पकड़ने से सुलझेगी गुत्थी
पहेली बनी महिला की हत्या, कड़ी दर कड़ी सिरे पकड़ने से सुलझेगी गुत्थी

जागरण संवाददाता, झज्जर : मुनीमपुर गांव के क्षेत्र से एक अधेड़ उम्र की महिला का शव जेसीबी की मदद से गोबर रखने के एक गढ्डे को खोदकर बाहर निकाला गया है। हत्या की वारदात में पहेली इस विषय पर आन बनी है कि इसे अंजाम देने में परिवार के कौन-कौन लोग शामिल हैं। हालांकि, पारिवारिक विवाद की पृष्ठभूमि में प्रथम दृष्टया मृतका गीता के छोटे बेटे प्रवीण पर हत्या का आरोप लगा है। जिसकी निशानदेही पर ही शव को बरामद हुआ है। जबकि, गीता के भाई बिजेंद्र का आरोप है कि परिवार के 10 से 12 लोगों ने इस वारदात को अंजाम दिया है। बहरहाल, पहेली बनी इस हत्या की गुत्थी को सुलझाने के लिए पुलिस को कड़ी दर कड़ी सिरे पकड़ते हुए उन्हें जोड़ना पड़ेगा। इसके बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। 29 जून को लापता, 12 जुलाई को केस दर्ज

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पति नरेश की ओर से दुलीना चौकी में 12 जुलाई को दर्ज कराए गए मामले के मुताबिक गीता 29 जून से लापता थी। हालांकि, उसने यह भी उल्लेख किया है 1993 में शादी होने के बाद से वह पांच से छह दफा घर से निकल चुकी है। जिसका दो या चार दिन में पता चल जाता था। जबकि, पिछले 11 साल से वह अपने गिरावड़ स्थित मायके में रह रही थी।

वहां भी दो तीन दफा घर से निकल गई थी। अब 22 जून को उसके भाई उसे मुनीमपुर छोड़कर गए और 29 जून को वह लापता हो गई। दिन के समय में दर्ज हुए मामले में पुलिस के स्तर पर कुछ घंटों तक की गई पड़ताल के बाद ही महिला का शव डेयरी के लिए बनाए गए गढ्डे से बरामद हुआ है। बताते हैं कि मृतका के दो बेटे और एक बेटी है। बड़े बेटे की शादी हो चुकी है। जबकि, छोटा बेटा अपने पिता के साथ डेयरी के काम में हाथ बंटाता था। शव को छिपाने के लिए डेयरी के पीछे का क्षेत्र चुना गया है। जहां पर पिछले कई दिनों से गोबर डाला जा रहा था। अगर कुछ दिनों तक और इस मामले का खुलासा नहीं होता तो शायद जमीन में ही हत्या के सबूत दफन हो जाते। दोनों पक्षों की ओर से अभी अपनी-अपनी बात रखी गई है। जांच के बाद ही हत्या के वास्तविक कारण और लोगों की संलिप्तता को लेकर स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।

राजेश कुमार, प्रभारी, थाना सदर, झज्जर।


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