डिजिटल मैप से लाल डोरा मुक्त होंगे 19 गांव
प्रदेश के गांवों को लाल डोरा मुक्त करने की कवायद के तहत मातनहेल खंड के 19 गांवों को लाल डोरा मुक्त किया जाएगा। इसके लिए मैपिग का कार्य पूरा हो चुका है। जल्द ही अब डिजिटल मैप तैयार किया जाएगा। हालांकि इसकी शुरुआत करनाल जिले से हुई थी। इसके बाद पूरे प्रदेश में किया जाना है।
विक्की जाखड़, साल्हावास : प्रदेश के गांवों को लाल डोरा मुक्त करने की कवायद के तहत मातनहेल खंड के 19 गांवों को लाल डोरा मुक्त किया जाएगा। इसके लिए मैपिग का कार्य पूरा हो चुका है। जल्द ही अब डिजिटल मैप तैयार किया जाएगा। हालांकि इसकी शुरुआत करनाल जिले से हुई थी। इसके बाद पूरे प्रदेश में किया जाना है।
बता दें कि मातनहेल खंड में 4 मई को गांव सासरोली, मालियावास, बिरोहड़ से डिजिटल मैपिग की शुरुआत की गई। 5 मई को कालियावास, खाचरोली व सेलंहगा, 6 मई को ढलानवास, झामरी व खोरड़ा, 7 मई को खेड़ाथ्रू, बहु व खानपुर कलां, 8 मई को गोरिया, खानपुर खुर्द व बाजीद पुर, 9 मई को गांव झासवां, हमायुपुर, लडायन और जमालपुर में मैपिग का कार्य पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर किया गया।
साल्हावास नायब तहसीलदार लच्छीराम ने बताया कि डिजिटल मैपिग में भारतीय सर्वेक्षण विभाग की टीम द्वारा किया जा रहा है। ड्रोन कैमरे के माध्यम से गांवों की मैपिग कराई गई है। मैपिग पूरी होने के बाद गांवों के हर घर और संपत्ति का नक्शा तैयार किया जाएगा। यह ड्रोन लगभग 120 मीटर की ऊंचाई से पूरे गांव के हर भवन, प्लॉट व लाल डोरे के तहत आने वाली प्रत्येक राजकीय और निजी संपत्ति का डिजिटल नक्शा तैयार करता है। इसके माध्यम से प्रत्येक संपत्ति को पहचान नंबर जारी किए जाएंगे। यह प्रक्रिया पूरी होने के उपरांत राजस्व विभाग द्वारा लाल डोरे के तहत आने वाली प्रत्येक संपति की रजिस्ट्री संबंधित संपत्ति मालिक को वितरित की जाएंगी। ये आ रही थीं समस्याएं
लाल डोरा मुक्त न होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता था। लाल डोरा के अंदर आने वाली संपत्तियों का कोई प्रामाणिक दस्तावेज न होने के कारण उनका मालिकाना हक सिद्ध करने में परेशानी आती थी। विशेषकर संपत्ति को खरीदते या बेचते समय। इन संपत्तियों पर बैंकों से कर्ज लेने में कानूनी अड़चन होती थी, लेकिन अब इस समस्या से भी राहत मिलेगी। गांवों की ड्रोन से मैपिग में राजस्व पटवारी नरेंद्र, सुसवेंद्र, अनिल आदि ने सहयोग दिया।