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दशहरा मेला देखने जा रहे दादा-पोता आए बस की चपेट में, दोनों की मौत

जागरण संवाददाता, झज्जर : शुक्रवार शाम झज्जर- बहादुरगढ़ मार्ग पर पड़ने वाले डायवर्जन के न

By JagranEdited By: Published: Sat, 20 Oct 2018 12:31 AM (IST)Updated: Sat, 20 Oct 2018 12:31 AM (IST)
दशहरा मेला देखने जा रहे दादा-पोता आए बस की चपेट में, दोनों की मौत
दशहरा मेला देखने जा रहे दादा-पोता आए बस की चपेट में, दोनों की मौत

जागरण संवाददाता, झज्जर : शुक्रवार शाम झज्जर- बहादुरगढ़ मार्ग पर पड़ने वाले डायवर्जन के नजदीक साईकिल पर सवार होकर दशहरा मेला देखने आ रहे दादा-पोते को एक निजी बस ने अपनी चपेट में ले लिया। जिसके चलते दोनों की दर्दनाक ढंग से आई गंभीर चोटों के कारण मौत हो गई। जबकि दुर्घटना के बाद आरोपित बस चालक गाड़ी छोड़कर मौके से फरार हो गया। हादसा जिस समय हुआ उस समय बस में सवारियां भी मौजूद थी। इधर, जिस क्षेत्र में यह दुर्घटना हुई है। वह मेला परिसर से ही कुछ दूरी है। इसलिए कुछ ही मिनटों में काफी संख्या में लोग भी मौके पर पहुंच गए। दुर्घटना की सूचना मिलने पर पुलिस की टीम वहां पहुंची और मामले की जानकारी लेते हुए शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए नागरिक अस्पताल में लाया गया। पुलिस द्वारा इस संबंध में नियमानुसार कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जा रही है। ----------

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बताया जाता है कि तीन वर्षीय रौनक पुत्र सज्जन पाल अपने दादा के भाई रणबीर ¨सह निवासी माता गेट, नीम आली के साथ साईकिल पर सवार होकर डायवर्जन मार्ग से होते हुए दशहरा मेला देखने के लिए मेला मैदान में जा रहे थे। इसी बीच बहादुरगढ़ मार्ग पर डायवर्जन के नजदीक बहादुरगढ़ की ओर से आ रही एक निजी बस ने साईकिल को अपनी चपेट में ले लिया। जिसके चलते मौके पर ही दोनों की मौत हो गई। दुर्घटना की सूचना जब परिजनों को मिली तो परिजन मौके और अस्पताल में पहुंचे। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल था। किसी को यह तक नहीं पता था कि हादसा हुआ किस तरह है। बस वे बेहाल थे। शनिवार सुबह दोनों का पोस्टमार्टम किया जाएगा। म्हारा खिलौना चला गया ईब किसके साथ खेलेंगे

परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल था। विलाप करते-करते कह रहे थे कि अभी ढाई बजे तो सबने इक्ठ्ठे चाय पी है। बाद में वे पोते को साईकिल पर बैठाकर खेत में जा रहे थे। रास्ते में जब भीड़ को जाते देखा तो उनका मन भी पोते को दशहरा मेला दिखाने लिए करने लगा होगा। इसी दौरान यह दुर्घटना हो गई। परिजनों के अलावा अस्पताल परिसर में पहुंचे पड़ोसियों की भी आंखे नम थी। पड़ौसियों का कहना था कि बच्चा पूरे मौहल्ले का लाडला था। सभी के घरों में जाकर खेलता था। विश्वास भी नहीं हो रहा कि यह हादसा हो गया है। हाय मेरा नन्नू कहते-कहते बिलखती रही मां दुर्घटना के बाद अस्पताल परिसर में माहौल बड़ा हदय विदारक था। हाय मेरा नन्नू हाय मेरा नन्नू कहते हुए जब मृतक रौनक की माता बिलख रही थी तो सभी की आंखे नम हो गई। चाहे पुलिस कर्मी हो या फिर अस्पताल में तैनात स्टॉफ। इसके अलावा अस्पताल में आए हुए अन्य मरीजों के परिजनों की भी आंखे नम थी। रौनक के मां-बाप सहित परिवार के लोग दुर्घटना को लेकर व्यथित थे। बताते है कि सज्जनपाल की शादी चार वर्ष पूर्व हुई थी और रौनक उसकी इकलौता बेटा था। ---मृतक रणबीर ¨सह जो कि रौनक के दादा के सगे भाई है, की शादी भी नहीं हो रखी। संयुक्त परिवार में रहने वाले रणबीर ¨सह का रौनक के साथ बड़ा स्नेह था।जिसके कारण वह प्राय: उनके साथ ही रहता था। आज हुई इस दुर्घटना से काफी समय पहले दोनों घर से एक साथ निकले थे। परिवार के स्तर पर ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि दोनों मेला देखने के लिए ही जा रहे थे कि बीच रास्ते में यह दुर्घटना घटित हुई।

--डायवर्जन मार्ग के नजदीक हुए हादसे में एक बच्चे और बुजुर्ग की मौत हो गई है। हादसा निजी बस द्वारा साईकिल को अपनी चपेट में लेने से हुआ है। आरोपित बस चालक मौके से फरार हो गया। जिसे काबू करने के लिए पुलिस की टीम प्रयासरत है। शनिवार को दोनों का पोस्टमार्टम करवाया जाएगा।

नरेश, एएसआई, जांच अधिकारी।


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