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आफत बनकर बरसे बादल, खेतों में फसलों को हुआ भारी नुकसान

जागरण संवाददाता, झज्जर: देर शाम से हो रही रूक-रूक कर बारिश ने बेहाल कर दिया है। ब

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Sep 2018 11:42 PM (IST)Updated: Mon, 24 Sep 2018 11:42 PM (IST)
आफत बनकर बरसे बादल, खेतों में फसलों को हुआ भारी नुकसान
आफत बनकर बरसे बादल, खेतों में फसलों को हुआ भारी नुकसान

जागरण संवाददाता, झज्जर:

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देर शाम से हो रही रूक-रूक कर बारिश ने बेहाल कर दिया है। बारिश खेतों में आफत बनकर बरस रही है। कई क्षेत्रों में सैकड़ों एकड़ धान, बाजरा और कपास की फसल खराब हो गई है। वहीं कई गांव जलमग्न हो गए है। जहां गांव से बाहर-भीतर जाने का रास्ता ही नहीं है। चारों ओर पानी ही पानी दिखाई दे रहा है। इसके अलावा शहर में भी बरसात के चलते जन-जीवन अस्त- व्यस्त है। कभी तेज तो कभी रूक-रूक कर बारिश ने लोगों के रोजमर्रा के कार्य निपटाने में भी दिक्कते कर दी है। बाजार की स्थिति यह है कि बाजार सुनसान पड़े है।

शहर के विभिन्न चौक- चौराहों पर जलभराव की स्थिति बनी हुई है। बेरी, दुजाना, बादली, साल्हावास, माछरौली में भी बरसात ने हालात दयनीय कर रखी है। उधर, भारतीय किसान यूनियन ने सरकार से खराब हुई फसलों मुआवजे की मांग की है। विभागीय आंकडों के अनुसार झज्जर में सोमवार को 37, साल्हावास में 18, बेरी में 50, दुजाना में 48 और बहादुरगढ़ में 31 एममएम बारिश दर्ज की गई है।

लडायन और हुमायूंपुर हुए जलमग्न

संवाद सूत्र, साल्हावास

बरसात के कारण सबसे ज्यादा नुकसान साल्हावास क्षेत्र में हुआ है। जहां लडायन और हुमायूपुर गांव पूरी तरह से जलमग्न हो गए है। गांव के बाहर और भीतर जाने का रास्ता तक नहीं है। मुख्य मार्गो पर कई- कई फीट पानी भरा हुआ है तो खेतों ने तालाब का रूप धारण कर रखा है। किसान भूप ¨सह, राज ¨सह, भूपेंद्र, राजपाल सहित अन्य किसानों ने बताया कि बाजारे, कपास और धान की फसल को खराब कर दिया है। जिसके चलते उनका लाखों रुपयों का नुकसान हुआ है। हुमायुपुर गांव निवासी सतीश जाखड़, चंद्रभान, जय¨सह जांगड़ा, धर्मवीर, जयवीर, भूपेंद्र ने बताया कि गांव में आने वाला व्यक्ति पहले फोन पर यह जानकारी लेता है कि पानी की निकासी हो पाई है या नहीं। अगर किसी को ज्यादा जरूरी कार्य होता है तो गांव लडायन से ट्रैक्टर में बैठकर गांव में पहुंच रहा है। वहीं स्थानीय ग्रामीण भी गांव के बाहर-भीतर जाने के लिए ट्रैक्टर का सहारा ले रहे है। ऐसे में ट्रैक्टर गांव में नाव की भूमिका निभा रहा है। क्योंकि करीब तीन फीट पानी में से सिर्फ ट्रैक्टर ही निकल पा रहा है। परेशान ग्रामीणों का कहना है कि गांव में जल निकासी की व्यवस्था नहीं होने की शिकायत कई दफा प्रशासनिक अधिकारियों और कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ से भी कर चुके है। लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है।

फसलों पर बारिश की मार, धरतीपुत्र परेशान

संवाद सूत्र, बादली

बरसात के कारण बादली क्षेत्र में भी स्थिति खराब है। किसानों की बाजरे की फसलों को काफी नुकसान हुआ है। क्योंकि बाजारे की फसल कटाई पर है। ऐसे में बरसात ने बाजरे की फसल को काफी नुकसान पहुंचाया है। धान और कपास की फसल को भी भारी नुकसान हुआ है। इसके अलावा क्षेत्र के कई गांवों में तो खेतों में पानी ही पानी दिखाई दे रहा है। मौसम विभाग द्वारा एक दिन और बारिश होने के अलर्ट पर किसानों की धड़कनों को और अधिक बढ़ा दिया है।


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