झज्जर में उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला बोले, राहुल गांधी के बयानों को गंभीरता से लेने की नहीं कोई जरूरत
झज्जर में चौटाला ने कहा कि भिवानी जिला पार्टी के संस्थापक डा. अजय चौटाला की कर्मभूमि भी रहा है। उन्होंने कहा कि जिस समय धान घोटाला उनके संज्ञान में आया था उसी समय ही प्रदेश के सभी जिला उपायुक्तों को इसकी जांच के आदेश दे दिए गए थे।
झज्जर, जागरण संवाददाता। झज्जर में डिप्टी सीएम दुष्यन्त चौटाला ने प्रदेश के धान घोटाले को लेकर स्पष्ट किया है कि जो लोग भी परोक्ष या अपरोक्ष रूप से इसमें शामिल रहे हैं, उन्हें किसी भी सूरत में छोड़ा नहीं जाएगा। सरकार के आदेशानुसार हुई जांच के बाद 9 जिलों की रिपोर्ट आ चुकी है और 13 जिलों की रिपोर्ट आना शेष है। रिपोर्ट में भी तथ्य आएंगे, उसी के अनुरुप फैसला लिया जाएगा। वे 9 दिसम्बर को भिवानी में पार्टी के स्थापना दिवस रैली को लेकर कार्यकर्ताओं की बैठक को सम्बोधित करने आए थे। पत्रकारों से बातचीत के दौरान उनके साथ राज्य मंत्री अनूप धानक व जिलाध्यक्ष राकेश जाखड़ भी मौजूद रहे।
एक्ट के प्रावधान के हिसाब से ही किसानों को रेल कारिडोर का दिया जा मुआवजा
पत्रकारों से बातचीत में चौटाला ने कहा कि भिवानी जिला पार्टी के संस्थापक डा. अजय चौटाला की कर्मभूमि भी रहा है। इसलिए, हमारा दायित्व और ज्यादा बढ़ जाता है। कहा कि जिस समय धान घोटाला उनके संज्ञान में आया था, उसी समय ही प्रदेश के सभी जिला उपायुक्तों को इसकी जांच के आदेश दे दिए गए थे। जांच में यह भी देखा जा रहा है कि टू-व्हीलर,थ्री-व्हीलर या फिर अन्य वाहनों के नम्बर, घोटाले में जांच के दौरान अगर पाए जाते है तो उन वाहनों के मालिकों पर भी कार्यवाही की जाएगी।
वीर सावरकर को लेकर राहुल गांधी द्वारा कही गई बात पर कहा कि राहुल गांधी की गतिविधियों पर टिप्पणी न की जाए तो वहीं बेहतर होगा। कारण कि संसद में बिल फाडऩे के उनके कारनामे को देश पहले ही भुगत रहा है। अहीर रेजिमेंट को लेकर गुरूगाम में हुए बवाल व पुलिस पर पत्थर बरसाए जाने के सवाल पर बोलते हुए चौटाला ने कहा कि मामला केन्द्र के अधीन है। और जहां तक उनके संज्ञान में है, आजादी के बाद से जातिगत आधार पर कोई भी रेजिमेंट नहीं बनी है।
केएमपी के साथ बनने वाले रेल कारिडोर को लेकर अधिग्रहण की जाने वाली किसानों की जमीन के मुआवजे को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा कि वर्ष 2013 का जो एक्ट है उसके अनुसार ही किसानों को मुआवजा दिए जाने का प्रावधान है। लेकिन, यदि किसी को कोई आपत्ति है तो वह सरकार को बताए, उसे दुरूस्त कराएंगे। इस मामले में किसानों के लिए दूसरा रास्ता अदालत का भी है। वह इस मामले में अदालत का दरवाजा भी खटखटा सकते हैं। रोहतक में एमबीबीएस छात्रों द्वारा बांड भरवाने को लेकर दिए जा रहे धरने पर बोलते हुए कहा कि वे उनसे आग्रह करते है कि इस पालिसी को पहले पढ़े और समझे। क्योंकि, सिक्यारिटी छात्रों की सरकार भर रही है और बांड ही केवल छात्रों से ले रही है।