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भगवान को जीवन समर्पित करने से मिलेगा मोक्ष, बदलें विचारों की धारा

हरि गान यही वरदान यही जग मंगल की आरती।

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 Oct 2021 05:52 PM (IST)Updated: Sun, 24 Oct 2021 05:52 PM (IST)
भगवान को जीवन समर्पित करने से मिलेगा मोक्ष, बदलें विचारों की धारा
भगवान को जीवन समर्पित करने से मिलेगा मोक्ष, बदलें विचारों की धारा

जागरण संवाददाता, झज्जर : श्री भागवत भगवान की है आरती पापियों को पाप से है तारती.. ये अमर ग्रन्थ ये मुख्य पन्थ.. ये पंचम वेद निराला, नव ज्योति जगाने वाला। हरि गान यही वरदान यही जग मंगल की आरती। पंजाबी धर्मशाला में चल रही श्री मद भागवत कथा में देर रात छठे दिन कथा स्थल पर रूकमणी विवाह के आयोजन ने श्रद्धालुओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। विवाह पर जमकर फूलों की बरसात हुई। इस मौके पर भगवान श्रीकृष्ण रुकमणी के विवाह की झांकी ने सभी को खूब आनंदित किया। यजमान गोस्वामी परिवार एवं नगरवासियों ने भक्ति भावना के साथ कन्यादान के रूप में भेट अर्पित की। कथा व्यास ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण के गुणों और उनकी सुंदरता पर मुग्ध होकर रुकमणी ने मन ही मन निश्चय किया कि वह श्रीकृष्ण को छोड़कर किसी को भी पति के रूप में वरण नहीं करेंगी। मेरा जीवन आपको समर्पित है कृपा मेरा उद्धार करें। जब रुकमणी ने गिरिजा की पूजा करते हुए उनसे प्रार्थ तुम सारे जगत की मां हो। इसलिए मेरी भी अभिलाषा पूर्ण करो मैं श्रीकृष्ण को छोड़कर किसी अन्य पुरुष के साथ विवाह नहीं कर सकती। रुक्मणी जब मंदिर से बाहर निकली तो उन्हें एक ब्राह्मण दिखाई दिया। जिसे देखकर वह बहुत प्रसन्न हुई। उन्हें यह समझने में बिल्कुल भी संशय नहीं रहा कि श्री कृष्ण भगवान ने ही उसके समर्पण को स्वीकार कर लिया है और श्री कृष्ण जी ने विद्युत तरंग की भांति पहुंचकर उनका हाथ थाम लिया और अपने रथ पर बिठाकर द्वारका की ओर चल पड़े। इस कथा में समझाया गया कि रुक्मणि स्वयं साक्षात लक्ष्मी हैं और वह नारायण से दूर रह ही नहीं सकती। धन को परमार्थ में लगाना चाहिए और जब कोई लक्ष्मी नारायण को पूजता है या उनकी सेवा करता है तो उन्हें भगवान की कृपा स्वत: ही प्राप्त हो जाती है। श्रीकृष्ण भगवान व रुक्मणि के अतिरिक्त अन्य विवाहों का भी वर्णन किया गया। कथा में काफी संख्या में श्रद्धालुओं ने कथा का रसपान किया। इस अवसर पर प्रधान ईश्वर शर्मा, तरुण गोस्वामी, विनीत पोपली, सुभाष गुर्जर, पं. गुलशन शर्मा, राधेश्याम भाटिया, रामावतार गेरा, चिमन वर्मा, कृष्ण शर्मा, प्रेम पोपली, सहित अन्य मौजूद रहे। कथा प्रवक्ता तरुण गोस्वामी ने बताया कि गोलोकवासी भागवत चरणानुरागी लेखराज गोस्वामी की पुण्य स्मृति में आचार्य पं. विमल कृष्ण पाठक जी महाराज वृन्दावन धाम वाले श्री मद भागवत कथा का रसपान करा रहे है। सोमवार को 12 बजे से प्रभु इच्छा तक भंडारे का प्रसाद वितरण के साथ कार्यक्रम का समापन होगा।

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