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रात को आए भूकंप की दहशत, कुछ मकानों में आईं दरारें

शुक्रवार की रात को आए भूकंप की दहशत लोग अभी तक महसूस कर रहे हैं। भूकंप के कारण क्षेत्र के कुछ मकानों में दरारें भी आई हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 31 May 2020 07:30 AM (IST)Updated: Sun, 31 May 2020 07:30 AM (IST)
रात को आए भूकंप की दहशत, कुछ मकानों में आईं दरारें
रात को आए भूकंप की दहशत, कुछ मकानों में आईं दरारें

जागरण संवाददाता, झज्जर : शुक्रवार की रात को आए भूकंप की दहशत लोग अभी तक महसूस कर रहे हैं। भूकंप के कारण क्षेत्र के कुछ मकानों में दरारें भी आई हैं। सोशल मीडिया पर कोरोना काल में आए भूकंप को लेकर भी लोग डरे हुए दिखाई दिए। इधर, दिन भर भूकंप की लोग अलग-अलग तरह से चर्चा करते हुए दिखाई दिए।

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बता दें कि शुक्रवार रात करीब 9 बजकर आठ मिनट पर जिला मुख्यालय सहित सभी क्षेत्रों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। इसका मुख्य केंद्र रोहतक रहा। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.6 थी। हालांकि इस दौरान कोई जनहानि तो नहीं हुई, लेकिन लोगों में दहशत जरूर देखी जा रही है। रात के समय में आए भूकंप की चर्चा कुछ ही मिनटों मे सोशल मीडिया पर अलग-अलग तरह से होने लगी। जिसका क्रम शनिवार दिन में भी जारी रहा।

प्रकृति के समक्ष बेबस दिख रहे लोगों का कहना है कि भूकंप से बचने और भूकंप से जुड़ी हुई जानकारियों का व्यापक स्तर पर प्रचार एवं प्रसार होना चाहिए। ताकि किसी भी विषम परिस्थिति में उनसे मदद मिल सके। विषय विशेषज्ञ डा. रवि किरण मदान ने बताया कि रिक्टर पैमाना आरंभ तो एक इकाई से होता है। लेकिन इसका कोई अंतिम छोर तय नहीं किया गया है। मदान के मुताबिक भूकंप को रोकना न ही संभव है और न ही उसकी यथार्थ भविष्यवाणी करना, लेकिन ऐसी संरचनाओं का निर्माण तो संभव है जो भूमि की गति का प्रतिरोध करने के साथ सुरक्षित भी साबित हों। वर्तमान में अभियांत्रिकी क्षेत्र के अंतर्गत निर्माण कार्यों में भूकंप प्रतिरोधी परिकल्पनाओं का विकास हो रहा है।

रिक्टर पैमाने पर तीव्रता प्रभाव

0 से 1.9 सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही पता चलता है।

2 से 2.9 हल्का कंपन।

3 से 3.9 कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर जाए, ऐसा अहसास

4 से 4.9 खिड़कियां टूट सकती हैं। दीवारों पर टंगी फ्रेम गिर सकती हैं।

5 से 5.9 फर्नीचर हिल सकता है।

6 से 6.9 इमारतों की नींव दरक सकती है। ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है।

7 से 7.9 इमारतें गिर जाती हैं। जमीन के अंदर पाइप फट जाते हैं।

8 से 8.9 इमारतों सहित बड़े पुल भी गिर जाते हैं।

9 और उससे ज्यादा पूरी तबाही। कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे धरती लहराते हुए दिखाई देगी। यदि समुद्र नजदीक हो तो सुनामी आने की प्रबल संभावना। भूकंप के दौरान बरतें ये सावधानियां

- घबराएं नहीं। घर के अंदर ही रहें।

- समीपस्थ सुरक्षित स्थल की ओर पहुंचें। अपने को ढक लें। मजबूत फर्नीचर के नीचे या दीवारों से दूर खड़े रहें।

- जब तक कंपन होता रहे तब तक बाहर नहीं निकलें। लिफ्ट या एलिवेटर का उपयोग न करें।

- दरवाजों, अलमारियों और कांच की खिड़कियों, दर्पण के पास खड़े न रहें।

- यदि आप बिस्तर पर हैं तब वहीं रहिये। अपने सिर को तकिये से ढक लें। बिस्तर को कस कर पकड़ लें।

यदि आप खुले स्थल में हैं तब

- वृक्षों, विद्युत लाइनों और भवनों आदि से दूर रहकर खुले स्थान की ओर जाएं।

- होíडंग और लैम्पों के गिरने के कारण गलियों से गुजरना खतरनाक हो सकता है।

- जब तक भूमि का कंपन बंद न हो जाए भूमि पर लेटे रहें।

यदि आप वाहन चला रहे हैं तब

- अपने वाहन को इमारतों, वृक्षों और विद्युत लाइनों से दूर खड़ा करें।

- भूमिगत या ऊपरी पुलों से न गुजरें और न ही वहां रुकें।

- गाड़ी के इंजन को बंद कर दें।

- वाहन के अंदर ही रहें, मजबूत छत वाले वाहन आपको उड़ते या गिरते पदार्थों से बचाए रखेंगे।


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