विक्रम के बढ़ते कद को देखकर रची साजिश, पार्टी के लिए बुलाया था पूंगा अखाड़े में
- लॉकडाउन में खोले गए पूंगा अखाड़े में रची गई विक्रम की हत्या की साजिश
- लॉकडाउन में खोले गए पूंगा अखाड़े में रची गई विक्रम की हत्या की साजिश
- गांव बहू से दादरी ले जाने के दौरान हुई थी विक्रम की मौत - आरोपितों को गिरफ्त में लेने के लिए पुलिस की टीम डाल रही दबिश
संवाद सूत्र, साल्हावास : पहलवानी में विक्रम का कद बढ़ता हुआ देख पूंगा अखाड़े में उसकी हत्या की साजिश रची गई थी। पहले उसे पार्टी में शामिल होने के लिए अखाड़े में बुलाया गया। कासनी के पहलवान सुमित उर्फ टाटला, पूंगा पहलवान, कालिया एवं अन्य ने उसकी बेइज्जती की। बाद में कहासुनी बढ़ने पर उसकी हत्या कर दी। विक्रम के चचेरे भाई रविद्र सिंह उर्फ पदम की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए जांच शुरु की है। आरोपितों को जद में लेने के लिए पुलिस की टीम दबिश डाल रही है। उधर, दादरी सिविल अस्पताल में मृतक के शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद उसे स्वजनों को सौंप दिया गया।
बता दें कि विक्रम के पिता रामेश्वर उर्फ मड्डू पहलवान मूल रूप से खानपुर गांव के रहने वाले हैं। जो कि गुरु गोरखनाथ व्यायामशाला के नाम से अखाड़े का संचालन कर रहे हैं। जिसमें करीब 50 पहलवान अभ्यास कर रहे हैं। मड्डू का बेटा विक्रम भी इसी अखाड़े को संभालने में पिता की मदद करता था और पहलवानी के गुर सीख रहा था। जबकि, जिस स्थान पर वारदात को अंजाम दिया गया है। वह बहू गांव के एक व्यक्ति की है। जिसे भी वारदात के अह्म आरोपितों में शामिल किया गया है। बॉक्स : परिवार की ओर से दर्ज कराए गए मामले में विशेष तौर पर इस बात उल्लेख है कि विक्रम के पहलवानी में बढ़ते हुए कद को देखकर इस तरह से उसकी हत्या की साजिश रची गई। क्योंकि, विक्रम भी अपने पिता के नक्शे-कदम पर पहलवानी में नाम काम रहा था। आने वाले समय में अखाड़ों के पहलवानों का आमना-सामना नहीं हो, की सोच को ध्यान में रखते हुए वारदात अंजाम दी गई।