रेलवे में नौकरी लगवाने के नाम पर ठगी, फर्जी नियुक्ति पत्र थमाए
चार बेरोजगार युवकों से रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर करीब बीस लाख रुपये की धोखाधड़ी करने के मामले में पुलिस ने एक अभियुक्त को गिरफ्तार कर लिया है।
- बिहार, झारखंड और कानपुर से भी जुड़े तार, धोखाधड़ी का एक अभियुक्त गिरफ्तार
- अदालत ने पांच दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा, नौकरी दिलाने की एवज में वसूले थे बीस लाख
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जेएनएन, झज्जर। करीब तीन वर्ष पूर्व रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर चार बेरोजगार युवकों से करीब बीस लाख रुपये की धोखाधड़ी करने के मामले में पुलिस ने एक अभियुक्त को गिरफ्तार कर लिया है। बुधवार को उसे अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे पांच दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया। पुलिस ठगी में संलिप्त अन्य अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए विभिन्न स्थानों पर दबिश दे रही है।
पुलिस के अनुसार पिछले वर्ष के अंत में भिवानी जिले के मंदोला गांव निवासी राजेश कुमार ने पुलिस को शिकायत दी थी कि सुर्खपुर गांव निवासी रवि, दीपक और सचिन ने वर्ष 2015 में उसे रेलवे में सरकारी नौकरी दिलाने का प्रलोभन दिया था। शिकायतकर्ता के अनुसार इस मामले में अभियुक्तों के साथ बिहार के बतिया निवासी सुशील कुमार झा, नीरज कुमार ठाकुर निवासी जिला देवधर झारखंड और भंवर दीक्षित निवासी कानपुर उत्तरप्रदेश भी शामिल हैं।
इन सभी ने रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर उसके बेटे सहित उसके गांव के ही दो और युवकों समेत गांव झाझड़ा टोडा लोहारू निवासी एक युवक से करीब 20 लाख रुपये लिए थे। आरोप है कि इसके बाद उक्त लोगों ने इन युवकों को रेल मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जारी चयन पत्र भी दे दिया। बाद में इन चारों युवकों को कोङ्क्षचग दिलाने के बहाने लखनऊ ले जाया गया। वहीं पर इस फर्जीवाड़े का पता चला। इस पर जब पीडि़तों ने रुपये वापस मांगे तो अभियुक्तों ने रुपये देने की बजाय उन्हें जान से मारने की धमकी दी। जांच के बाद पुलिस ने सुर्खपुर गांव निवासी रवि को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस चौकी दुजाना के सहायक उपनिरीक्षक अनिल कुमार का कहना है कि पुलिस ने गिरफ्तार आरोपी को रिमांड पर लिया है। रिमांड के दौरान धोखाधड़ी के इस मामले में और कौन कौन शामिल हैं, इसका पता लगाकर उनको भी गिरफ्तार किया जाएगा।
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