Move to Jagran APP

सावधानी ही बचाव है : कैंसर, डॉयबिटीज, हार्ट, अस्थमा, टीबी जैसी घातक बीमारियों के रोगियों को सजग रहने की जरूरत

फोटो 23 - ब्लैक फंगस के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह सजग - नेत्र रोग विशेषज्ञों की सलाह- ब

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 May 2021 07:40 AM (IST)Updated: Wed, 19 May 2021 07:40 AM (IST)
सावधानी ही बचाव है : कैंसर, डॉयबिटीज, हार्ट, अस्थमा, टीबी जैसी घातक बीमारियों के रोगियों को सजग रहने की जरूरत
सावधानी ही बचाव है : कैंसर, डॉयबिटीज, हार्ट, अस्थमा, टीबी जैसी घातक बीमारियों के रोगियों को सजग रहने की जरूरत

फोटो : 23 - ब्लैक फंगस के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह सजग

loksabha election banner

- नेत्र रोग विशेषज्ञों की सलाह- बीमारी का पता चलते ही तुरन्त स्वास्थ्य परामर्श लेने की दी सलाह

जागरण संवाददाता, झज्जर : कोरोना महामारी की दूसरी लहर व्यापक स्तर पर अपना असर दिखा रही है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में रोजाना बड़ी संख्या में संक्रमित रिपोर्ट हो रहे हैं। हालांकि, बढ़ते हुए इस आंकड़े में राहत की बात यह है कि मौजूदा समय में संक्रमण की दर पहले से कम हुई हैं। लेकिन, इन्हीं दिनों में कोरोना के साथ-साथ ब्लैक फंगस का नाम भी एक बड़ी परेशानी बनकर उभरा है। स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि जिला में अभी तक ब्लैक फंगस का कोई केस रिपोर्ट नहीं हुआ हैं। हां, जिला से बाहर अगर कोई मरीज चिकित्सीय परामर्श ले रहा है तो वह अधिकारिक तौर पर सामने नहीं आया है। लेकिन इन सबके बावजूद भी स्वास्थ्य विभाग ब्लैक फंगस से बचाव व रोगियों को समय रहते इलाज करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। जिला सविल सर्जन डा. संजय दहिया के मुताबिक मौजूदा समय में कैंसर, डॉयबिटीज, हार्ट, अस्थमा, टीबी जैसी बीमारियों का उपचार करा रहे मरीजों को अपना विशेष ध्यान रखना चाहिए। विभागीय स्तर पर वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए चिकित्सकों को इस बारे में बताकर बचाव व इलाज के लिए ट्रेनिग भी दी गई है। विशेष तौर पर इन दिनों में कमजोर इम्युनिटी रखने वाले लोगों को अपना खास ध्यान रखना चाहिए। ब्लैक फंगस से जुड़े लक्षण भी अगर किसी मरीज में दिखते हैं तो वह लापरवाही नहीं करें। वे स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों से सम्पर्क करें। ताकि समय रहते इसका इलाज सम्भव हो सके। बॉक्स : बेशक ही सीधे तौर पर ब्लैक फंगस का कोई केस अभी जिला स्वास्थ्य विभाग के समक्ष नहीं आया हो। लेकिन, रविवार को गांव लुहारी गांव निवासी करीब 28 वर्षीय युवा इंजीनियर की गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई है। जिसका गांव में ही अंतिम संस्कार किया गया। स्वजनों के मुताबिक कोरोना को मात देने के बाद युवक घर पर ही था। पिछले सप्ताह एकाएक उसकी तबीयत बिगड़ने के बाद रेवाड़ी के अस्पताल में ले जाया गया। वहां स्वास्थ्य लाभ नहीं मिलने के चलते गुरुग्राम के निजी अस्पताल में ले गए। जहां उसकी उपचार के दौरान मौत हो गई।

रोग के लक्ष्ण होने पर दिखाएं गंभीरता

- नागरिक अस्पताल झज्जर की नेत्र रोग विशेषज्ञ डा.मीनू का कहना है कि म्यूकर माइकोसिस इंफेक्शन अर्थात ब्लैक फंगस एक गंभीर बीमारी है जो संक्रमित शरीर के अंदर तेजी से फैलती है। कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों को ब्लैक फंगस जैसी बीमारी से अधिक सचेत रहना है। ब्लैक फंगस मरीज के दिमाग, फेफड़े, स्किन पर सीधे अटैक करता है और आंखों की रोशनी तक इस रोग के कारण जा सकती है, ऐसे में मरीज को यदि किसी भी रूप से दांत दर्द, दांत टूटना, जबडों में दर्द, धुंधला दिखना, सांस में परेशानी होना या आंखें लाल होना सहित पलकों पर सूजन दिखाई देती है तो आवश्यक चिकित्सक से जांच करवाते हुए सजगता बरतकर बचाव का सशक्त माध्यम अपनाएं।

ब्लड ग्लूकोज पर रखें ध्यान : डा. नूपूर

- नेत्र रोग चिकित्सक डा.नूपूर का कहना है कोरोना महामारी के कारण विकसित हो रही ब्लैक फंगस बीमारी से बचाव के लिए मरीज ब्लड ग्लूकोज पर नजर अवश्य रखें। साथ ही स्टेरॉयड के इस्तेमाल में समय व डोज का पूरा ध्यान रखा जाए। ऑक्सीजन थेरेपी के दौरान स्टेराइल वाटर का प्रयोग करें। एंटी बायॉटिक्स व एंटी फंगल दवाइयों का सावधानी से इस्तेमाल करें और ब्लड शुगर की मात्रा नियंत्रित रखें। किसी भी व्यक्ति को इस प्रकार की बीमारी के लक्षण महसूस होते हैं तो वह तुरंत स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों से भी संपर्क करें ताकि समय रहते इसका इलाज संभव हो सके।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.