आवक के साथ गति पकड़ रही सरसों की खरीद, एक दिन में खरीदी 1225 क्विंटल सरसों
जागरण संवाददाता, झज्जर : हैफेड की तरफ से सरसों की खरीद के लिए तैयार किए गए गांवों के
जागरण संवाददाता, झज्जर : हैफेड की तरफ से सरसों की खरीद के लिए तैयार किए गए गांवों के शेड्यूल के मुताबिक अस्थाई अनाज मंडी में सरसों की आवक तेज हो गई है।हैफेड की तरफ से तीन दिन में करीब 1275 क्विंटल की खरीद हुई थी। जबकि बृहस्पतिवार को सात गांवों के 70 किसानों की 1225 में क्विंटल सरसों की खरीद की गई है। जिन गांवों के नाम तिथिवार तय है उसके अनुसार किसान अपनी उपज लेकर सेक्टर नौ में बनाई गई अस्थाई अनाज मंडी में लेकर आ रहे हैं। सरकार की तरफ से निर्धारित किए गए नियमों के मुताबिक 6 क्विंटल 60 किलोग्राम प्रति एकड़ व 25 क्विंटल प्रति किसान प्रतिदिन सरसों खरीदी जा रही है।
इन नियमों के चलते किसानों बची हुई सरसों को वापस लेकर जाना पड़ रहा है। हालांकि शेड्यूल के अनुसार किसी गांव का किसान निर्धारित समय के अनुसार मंडी में नहीं आ पाएगा तो उन किसानों के लिए शनिवार का दिन निर्धारित किया गया है। उस सप्ताह में पांच दिन में बचे हुए गांवों के किसान या फिर कई एकड़ में फसल वाले किसानों की सरसों सप्ताह में अगर बची हुई है तो वह भी अपने कागजात पूरे लाकर सरसों को बेच सकते हैं।
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लदान कार्य शुरू :
सेक्टर छह में बनाई गई अस्थाई अनाज मंडी में सरसों की खरीद के साथ-साथ लदान का कार्य भी शुरू हो गया है। सरसों के कट्टों की भराई के बाद तोल कर गाड़ियों में लोड कर सरसों को गोदामों में भेजा जा रहा है। किसानों के लिए टैंट लगाकर बैठने व आराम करने की व्यवस्था प्रशासन की तरफ से यहां पर कर दी गई है। गांवों के हिसाब से अब किसानों को सरसों बेचने के लिए बुलाया जा रहा है और सरसों में नमी की मात्रा अधिक होने के कारण उसे मंडी में डालन की बजाए किसानों को सरसों सुखाकर लाने की बात कही जा रही है।
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सरकार किसानों को कर रही है परेशान: जाखड़
इनेलो के झज्जर हलका प्रधान राकेश जाखड़ का कहना है कि किसानों को सरसों की खरीद को लेकर परेशान किया जा रहा है। पहले 8 क्विंटल सरसों सरकार खरीद रही थी। अब उसे घटा कर 6 क्विंटल 60 किलोग्राम कर दिया गया है उसे खरीदने के लिए भी कई शर्तें लागू कर दी गई हैं। सरकार किसानों को परेशान कर रही है। उनका कहना है कि अगर हालात में सुधार नहीं हुआ और किसानों का अनाज ठीक ढंग से नहीं खरीदा गया तो इनेलो की तरफ से आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने कहा है कि अन्य मंडियों में भी सरसों की खरीद शुरू की जाए ताकि किसान अपनी फसल को नजदीक की मंडी में बेच सके और उसे बार-बार झज्जर न आना पड़े।
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सरसों की खरीद के लिए सात गांवों के किसान बृहस्पतिवार को आए थे। एक दिन में उनकी 1225 क्विंटल सरसों की खरीद की गई है। पांच दिन में निर्धारित शेड्यूल में शामिल गांवों के बचे हुए किसानों के लिए शनिवार का दिन निर्धारित किया गया है।
- एसके चौधरी, डीएम हैफेड, रोहतक।